सुप्रीम कोर्ट की फटकार- अगर ताजमहल नष्ट हो गया तो दोबारा मौका नहीं मिलेगा
नई दिल्ली। ताजमहल को संरक्षित करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर ताज नष्ट हो गया तो दूसरा मौका नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कड़े रूप अख्तियार करते हुए कहा कि ताज महल को सैकड़ों सालों तक संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए किए जा रहे उपाय में कोताही बरती जा रही है, जिसे कदापी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार के कहा है कि वो एक महीने के भीतर फाइनल विजन डॉक्यूमेंट सौंपने का निर्देश दिया है।
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि फाइनल विजन तैयार करते समय ताज ट्राइपेजियम जोन में चल रहे उद्योगों से होने वाला प्रदूषण और यमुना नदीं के जलस्तर और वाहनों के आवागमन जैसे मुद्दो पर भी गौर करना चाहिए। बता दें कि ताज ट्राइपेजियन जोन करीब 10,400 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जोन में उत्तर प्रदेश का आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, एटा, हाथरस और राजस्थान का भरतपुर जिला आता है। जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा है कि ताजमहल को संरक्षित करने के लिए प्राधिकारियों को अनेक बिंदुओं पर विचार करना होगा। क्योंकि यदि ताजमहल खत्म हो गया तो आपको दुबारा अवसर नहीं मिलेगा।
ग्रीन
कवर
में
आई
कमी
ने
बढ़ाई
मुश्किल
पर्यावरणविद्
और
याचिकाकर्ता
एमसी
मेहता
ने
पीठ
को
बताया
कि
क्षेत्र
में
हरा
कवर
काफी
कम
हो
गया
है।
साथ-साथ
यमुना
मैदानी
इलाकों
में
अतिक्रमण
भी
किया
है।
जिसके
बाद
सुप्रीम
कोर्ट
ने
अधिकारियों
को
कहा
कि
उन्हें
इस
पर
ध्यान
होगा
और
ग्रीन
कवर
व
अन्य
के
बारे
में
जानना
होगा।
वहीं
यूपी
सरकार
की
ओर
से
अतिरिक्त
सॉलिसिटर
जनरल
तुषार
मेहता
और
वकील
ऐश्वर्या
भाटी
ने
कहा
कि
एसपीए
इन
सभी
मुद्दों
से
निपटने
के
लिए
एक
व्यापक
योजना
तैयार
कर
रहा
है।
आगरा
को
धरोहर
शहर
घोषित
करने
यूपी
सरकार
को
लिखा
गया
पत्र
केंद्र
की
ओर
से
अतिरिक्त
सालिसीटर
जनरल
एएनएस
नाडकर्णी
ने
कहा
आगरा
को
धरोहर
शहर
घोषित
करने
के
लिए
राज्य
सरकार
को
पत्र
लिखा
है।
उन्होंने
कहा
कि
पुरातत्व
सर्वेक्षण
विभाग
भी
ताज
के
लिए
धरोहर
योजना
तैयार
करनी
की
प्रक्रिया
में
है।
वहीं
जवाब
में
यूपी
सरकार
ने
कहा
कि
धरोहर
शहर
घोषित
करने
के
बारे
में
एक
महीने
के
भीतर
राज्य
सरकार
केंद्र
के
पत्र
का
जवाब
दिया
जाएगा।
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