शादीशुदा महिला को पेट में हो रहा था बहुत दर्द, डॉक्टर ने कहा 'तुम तो पुरुष हो...'
नई दिल्ली- कोलकाता में पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची एक जवान एवं शादीशुदा महिला और उसके पूरी परिवार की जिंदगी एक झटके में ही ऐसे बदल गई, जिससे वे अब ताउम्र जूझते रहेंगे। पेट दर्द की जांच में डॉक्टरों को पता चला कि उसे कैंसर है। लेकिन, चौंकने वाली बात ये थी कि उसे जिस चीज का कैंसर था, वह सिर्फ मर्दों को ही हो सकता है, महिला में वह अंग होता ही नहीं है। पहले तो खुद चक्कर में पड़ने के बाद जब डॉक्टरों ने उसकी हर तरह से जांच करवाई तो पता चला कि बाहर से पूरी तरह से महिला की शरीर वाली उस मरीज के शरीर की आंतरिक संरचना हर तरह से पुरुषों वाली थी।
जब जवान महिला से डॉक्टर ने कहा 'तुम तो पुरुष हो...'
30 साल की एक जवान महिला की जिंदगी में अबतक काफी कुछ सामान्य था। इससे पहले उसने कभी भी स्वास्थ्य संबंधी किसी बड़ी समस्या महसूस नहीं की थी। लेकिन, उसके पेट में अचानक ऐसा दर्द उठा जिससे उसकी आगे की सारी जिंदगी ही बदल गई। पेट दर्द की शिकायत लेकर जब वह डॉक्टर के पास पहुंची तो डॉक्टर ने जांच के बाद पाया कि वह तो महिला है ही नहीं। बल्कि, वह तो पुरुष है और उसे टेस्टिक्युलर कैंसर है, जिसके चलते असहनीय दर्द हो रहा है। हैरानी की बात है कि बड़ी बहन के बारे में हुए इतने बड़े खुलासे के बाद जब 28 साल की उसकी छोटी बहन भी जांच करवाने गई तो उसे भी 'एंड्रोजेन इंसेजिटिविटी सिंड्रोम' का मरीज पाया गया। मतलब वह आनुवंशिक रूप से तो पुरुष है, लेकिन उसके सारे बाहरी शारीरिक लक्षण महिलाओं की तरह हैं।
22 हजार में से एक को हो सकती है यह समस्या
ये मामला पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में सामने आया है। जहां 30 वर्षीय महिला की शादी 9 साल पहले ही हो चुकी है। दो महीने पहले उसके पेट के निचली हिस्से में बहुत ज्यादा दर्द होने के बाद उसे कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस कैंसर अस्पताल में दिखाया गया। वहां पर क्लिनिकल ओंकोलॉजिस्ट डॉक्टर अनुपम दत्ता और सर्जिकल ओंकोलॉजिस्ट डॉक्टर सौमेन दास ने उसकी स्वास्थ्य की जांच की और तब उसकी असली पहचान सामने आई। डॉक्टर दत्ता के मुताबिक, 'उसके रूप से वह एक महिला है। उसकी आवाज से लेकर उसके विकसित ब्रेस्ट, सामान्य बाहरी जेनाइटल, सभी चीज महिला की तरह है। हालांकि, यूटरस और ओवरीज जन्म से ही गायब है। उसने मेंस्ट्रुएशन का भी अनुभव कभी नहीं किया है।' उनके मुताबिक यह बहुत ही दुर्लभ स्थिति है और 22,000 लोगों में से किसी एक के साथ हो सकता है।
पुरुषों वाला क्रोमोजोम मौजूद
डॉक्टरों को जांच में जब उसके 'ब्लाइंड वजाइना' का पता चला तो उसका कैरियोटाइपिंग टेस्ट कराया गया, जिसमें पता चला कि उसका क्रोमोजोम कॉम्प्लीमेंट 'XX'नहीं, 'XY'है, जो कि पुरुषों का होता है। डॉक्टर दत्ता के मुताबिक, 'पेट दर्ज की शिकायत के बाद हमने क्लिनिकल परीक्षण कराए और पाया कि उसके शरीर के अंदर टेस्टिकल्स है। फिर बायोप्सी कराई गई, जिससे पता चला कि उसे टेस्टिक्युलर कैंसर है, जिसे सिमिनोमा (seminoma) भी कहते हैं। ' इस समय उसकी कीमोथेरेपी चल रही है और उसकी सेहत स्थिर है। डॉक्टर ने कहा कि 'शरीर में टेस्टिकल्स अविकसित रह जाने से उसमें से टेस्टोस्टेरोन का कभी कोई बहाव नहीं हुआ। दूसरी तरह उसके महिलाओं वाले हॉरमोन्स उसके महिला होने का एहसास दिलाते रहे।'
जैसे जी रही थी वैसे ही जीते रहना बेहतर- डॉक्टर
यह पूछे जाने पर कि इस खुलासे के बाद उस महिला की प्रतिक्रिया क्या थी तो डॉक्टर ने कहा कि 'वह इंसान एक महिला के रूप में बड़ा हुआ है। वह एक आदमी के साथ लगभग एक दशक से वैवाहिक जीवन जी रही है। इस समय हम उसके माता-पिता और पति की काउंसलिंग कर रहे हैं और उन्हें सलाह दे रहे हैं कि वह उसी तरह जिंदगी जीते रहें जैसे कि अबतक जी रहे थे।' ये भी पता चला है कि दंपति ने कई बार बच्चे की भी कोशिश की है, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
दो मौसियां भी इसी समस्या की शिकार
सबसे हैरानी की बात डॉक्टर ने ये बताया कि मरीज की दो मौसियों में भी पहले 'एंड्रोजेन इंसेजिटिविटी सिंड्रोम' पाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 'शायद ये उनके जीन में है। हमें पता चला है कि उनकी दो मौसियां भी इसी तरह की स्थिति से गुजर रही हैं।' जाहिर है कि यह सिर्फ एक स्वास्थ्य की समस्या नहीं है, बल्कि परिवार को मानसिक और सामाजिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा होगा।