फाइनल स्टेज में है दुनिया की पहली DNA आधारित वैक्सीन, पीएम मोदी ने UNGA को बताया
नई दिल्ली, 26 सितंबर। कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में तैयार की जा रही दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन अपने निर्माण के फाइनल स्टेज में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह जानकारी शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के मंच से दुनिया को दी। यूएनजए 76वें संस्करण के संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दुनियाभर में कोविड से अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत का पहला mRNA वैक्सीन अंतिम चरण में है।
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बता दें कि डीएनए आधारित दुनिया की पहली वैक्सीन को पुणे स्थित एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की सहायक कंपनी जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा विकसित किया जा रहा है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पीएम मोदी ने कहा, 'भारत ने दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन विकसित किया है। एम-आरएनए वैक्सीन विकास के अंतिम चरण में है। भारतीय वैज्ञानिक भी कोविड-19 के खिलाफ सिंगल डोज वाली वैक्सीन विकसित कर रहे हैं।'
जानिए
कहां
तक
पहुंचा
ट्रायल?
ड्रग
कंट्रोलर
जनरल
ऑफ
इंडिया
(डीसीजीआई)
ने
अगस्त
में
भारत
के
पहले
एमआरएनए-आधारित
कोविड
-19
वैक्सीन
एचजीसीओ19
के
लिए
फेज
II
और
फेज
III
अध्ययन
प्रोटोकॉल
को
मंजूरी
दी
थी।
जेनोवा
बायोफार्मास्युटिकल्स
ने
भारत
सरकार
के
राष्ट्रीय
नियामक
प्राधिकरण
(एनआरए)
के
केंद्रीय
औषधि
मानक
नियंत्रण
संगठन
(सीडीएससीओ)
को
फेज
I
के
अध्ययन
का
फाइनल
क्लिनिकल
डेटा
प्रस्तुत
किया
था।
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वैक्सीन सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने अंतरिम फेज I डेटा की समीक्षा की और पाया कि HGCO19 अध्ययन के वालेंटियर्स में वैक्सीन का असर सुरक्षित, सहनीय और इम्युनोजेनिक था। वर्तमान में वर्तमान में दूसरा ट्रायल 10-15 जगह और तीसरा ट्रायल देश के लगभग 22-27 स्थलों पर किया जा रहा है। जेनोवा इस अध्ययन के लिए डीबीटी-आईसीएमआर क्लिनिकल ट्रायल नेटवर्क साइटों का उपयोग कर रही है।