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हरियाणा में मनोहर खट्टर सरकार में शुरु हुआ संग्राम, क्या होगा परिणाम?

The War Started in The Manohar Khattar Government In Haryana, What Will Be The Result?हरियाणा में सीएम मनोहर खट्टर से गृह मंत्री अलिन बिज नाराज चल रहे हैं। दोनों के बीच शीत युद्ध आरंभ हो गया हैं। जानें पूरा मामला

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बेंगलुरु। दो माह पूर्व हरियाणा में जोड़-तोड़ की राजनीति करते हुए भाजपा ने दंगल जीत कर सरकार बना ली थी । जेजेपी के साथ गठबंधन करके मनोहर खट्टर लगातार दोबारा मुख्‍यमंत्री बने और दुष्‍यंत चौटाला को उपमुख्‍यमंत्री बनवा दिया। तब यह माना जा रहा था कि चूंकि यह सरकार जेजेपी के साथ गठबंधन करके बनी है इसलिए खट्टर के लिए सरकार चलाना आसान नहीं होगा। इन सब अटकलों को झुठलाते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर की सरकार मजे से चल पड़ी और अलोचकों के मुंह पर भाजपा ने ताला जड़ दिया। लेकिन वर्तमान समय में खट्टर सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और इसकी वजह जेजेपी नेता नहीं बल्कि भाजपा के वरिष्‍ठ नेता बन रहे हैं।

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बता दें हरियाणा में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सरकार बनायी। लेक‍िन अब हरियाणा भाजपा के अंदर कलह शुरु हो गयी हैं। इतना ही नहीं पार्टी के एक वरिष्‍ठ विधायक का खेमा खट्टर सरकार की मनमानियों से नाराज चल रहा हैं। वहीं हरियाणा में जबसे सरकार बनी है तभी से भाजपा के वरिष्‍ठ विधायक और राज्य के गृहमंत्री सरकार में अपना पैर जमाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इतना ही नही उनका आरोप है कि कुछ दिनों पहले राज्य के खुफिया विभाग से जो जानकारी मांगी गयी उसे उपलब्ध नहीं करवाया गया। सीआईडी के अधिकारियों द्वारा निर्धारित समय में गृहमंत्री अनिल विज के सवालों का उत्तर नहीं दिया। जिसके बाद वह खुफिया विभाग की लगातार खिंचाई कर रहे हैं।

विज का आरोप उन्‍हें नजरअंदाज किया जा रहा

विज का आरोप उन्‍हें नजरअंदाज किया जा रहा

इसके बाद अब बिज ने राज्य में हुए 9 आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसपर के निर्णय में खुद को शामिल नहीं किए जाने पर सीएम को असमति जताते हुए लेटर लिखा है। मीडिया में बिज ने यह भी आरोप लगाया है कि सीएमओ ने उन्‍हें मानक प्रक्रिया के बीच न रखकर नजरअंदाज किया है। इतना ही नहीं उन्‍होने यहां तक कहां कि अगर ये ही काम करना है तो राज्य का मंत्री का पद क्यों दिया गया।

विज ने लगाया आरोप उन्‍हें निर्णय में नहीं किया जा शामिल

विज ने लगाया आरोप उन्‍हें निर्णय में नहीं किया जा शामिल

अगर वह ये पद खुद रखना चाहते हैं तो रख लें। वह यही पर नहीं रुके उन्‍होंने कहा कि हालांकि सीएम के पास मेरे विरुद्ध काम करने की शक्ति है लेकिन मुझे कम से कम इस प्रक्रिया में रखा जाना चाहिए। उन्‍होंने आरोप लगाया कि सीएम द्वारा निर्णय ले लिया जाता है और मुझे केवल कॉपी भेज दी जाती है। विज ने कहा कि उन्‍होंने आईएएस अधिकारियों के ट्रांसपर का विरोध और फाइल पर असहमति जतायी लेकिन मेरे से चर्चा नहीं की गयी।

भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष ने दी ये सफाई

भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष ने दी ये सफाई

हालांकि इस आरोप को हरियाणा भाजपा अध्‍यक्ष सुभाष बराला ने कम्युनिकेशन गैप बताया। उन्‍होंन कहा कि इसमें किसी हस्‍तक्षेप की बात नहीं होती। सामान्‍य तौर पर गृह विभाग सीएम के पास होता है। लेकिन इस बार सरकार में अनय मंत्री को स्‍वतंत्र प्रभार के रुप में पोर्टफोलियों दिया गया है। इस कारण कम्युनिकेशन गैप है। उन्‍होंने उम्मीद जतायी कि गृहमंत्री और मुख्‍यमंत्री दोनों इस पर बातचीत करके मामला सुलझा लेंगे।

विज छह बार बन चुके विधायक

विज छह बार बन चुके विधायक

गौरतलब हैं कि हरियाणा के अंबाला कैंट से बिज छह बार विधायक चुने जा चुके हैं। भाजपा के प्रभावी और वरिष्‍ठ राजनेता होने के कारण उन्‍हें गृहमंत्री का पद दिया गया था। अक्सर अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले हरियाणा गृह मंत्री अनिल विज ने पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्‍होंने ट्ववीट किया था कि सावधान, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी लाइव पेट्रोल बम हैं।

क्या होगा इसका परिणाम

क्या होगा इसका परिणाम

वहीं मनोहर लाल खट्टर के पिछले कार्यकाल और उनकी कार्यप्रणाली दोनों की बात की जाए तो ऐसा कुछ नहीं था जिसे देखकर ये कहा जा सकता था कि वो चुनाव में कुछ कमाल करेंगे। लोकप्रियता के दायरे में हो तो भी खट्टर के विषय में यही माना जाता रहा है कि नीतियों के कारण हरियाणा की जनता उन्हें पसंद नहीं करती है। वहीं एक नेता की पहचान या तो उसका भाषण होता है या फिर उसका बयान। ऐसा एक भी मौका नहीं है जब भाषणों के लिहाज से खट्टर ने किसी को प्रभावित किया हो। पिछली सरकार और चुनाव के पूर्व में जिस तरह के बयान हरियाणा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिए वो न सिर्फ अतार्किक थे। बल्कि कई बार तो आलोचकों ने यहां तक कह दिया कि खट्टर जिस तरह के बयान देते हैं वो एक राज्य के मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता। इस बार तो उनकी सरकार के गृह मंत्री ही उनके मनमाने रवैये को लेकर घेर रहे हैं ऐसे में देखना है ये है कि भविष्‍य में इसका परिणाम क्या होगा?

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The War Started in The Manohar Khattar Government In Haryana, What Will Be The Result?
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