‘जिहादी हज्जामों’ की इस वायरल तस्वीर का सच: फ़ैक्ट चेक
सोशल मीडिया पर दो लड़कों की एक तस्वीर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि मुंबई पुलिस ने इन लड़कों को ग़लत तरीक़े से हिन्दू लड़कों में एड्स फैलाने के आरोप में गिरफ़्तार किया है. इस तस्वीर के साथ अधिकांश पोस्ट्स में यह लिखा गया है कि "जिहाद के लिए इन हेयर-ड्रेसर लड़कों को एड्स वाली ब्लेड दी जाती थी और इन्हें हिन्दू ग्राहकों को चीरा लगाना सिखाया गया था."
सोशल मीडिया पर दो लड़कों की एक तस्वीर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि मुंबई पुलिस ने इन लड़कों को ग़लत तरीक़े से हिन्दू लड़कों में एड्स फैलाने के आरोप में गिरफ़्तार किया है.
इस तस्वीर के साथ अधिकांश पोस्ट्स में यह लिखा गया है कि "जिहाद के लिए इन हेयर-ड्रेसर लड़कों को एड्स वाली ब्लेड दी जाती थी और इन्हें हिन्दू ग्राहकों को चीरा लगाना सिखाया गया था."
बीते कुछ दिनों में फ़ेसबुक और ट्विटर पर बीस हज़ार से ज़्यादा बार इस तस्वीर को शेयर किया गया है.
इस तस्वीर के साथ यह भी दावा किया जा रहा है कि "इन दो लड़कों ने पुलिस के सामने क़ुबूल किया कि जिहाद के लिए उन्हें मस्जिदों से पैसा मिलता था."
कई दक्षिणपंथी रुझान वाले फ़ेसबुक ग्रुप्स में लोगों ने यह तस्वीर शेयर की है और लिखा है कि 'हिन्दुओं को इस ख़बर से सतर्क हो जाना चाहिए और मुस्लिम हज्जामों का बहिष्कार करना चाहिए'.
बीबीसी के सौ से ज़्यादा पाठकों ने यही तस्वीर वॉट्सऐप के ज़रिये हमें भेजी और इसकी सच्चाई जाननी चाही है.
इस तस्वीर की जाँच के बाद हमने पाया कि वायरल तस्वीर में दिख रहे दोनों लड़के हेयर-ड्रेसर नहीं हैं.
किसी ने पुरानी तस्वीर का ग़लत इस्तेमाल करके यह अफ़वाह फैलाई है जिसका असर मुस्लिम हज्जामों के रोज़गार पर पड़ सकता है.
फ़ोटो का सच
वायरल फ़ोटो में दो लड़के दिखाई देते हैं जिन्हें पुलिसकर्मियों ने पकड़ रखा है.
इस फ़ोटो पर टीवी न्यूज़ चैनल 'इंडिया टीवी' का लोगो दिखाई देता है जिसे देखकर लगता है कि यह ख़बर टीवी पर प्रसारित हुई होगी.
लेकिन रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये हमें पता चला कि ये मामला साल 2013 का है.
इन दोनों लड़कों को छह साल पहले बिहार के छपरा ज़िले से गिरफ़्तार किया गया था.
मुंबई पुलिस ने 11 जुलाई 2013 को बिहार के एक कोर्ट में पेशी के बाद इन दोनों को ट्रांज़िट रिमांड पर लिया था. मुंबई पुलिस के अनुसार, इन दोनों पर मुंबई के एक व्यापारी के घर चोरी करने का आरोप था.
इसके बाद 17 जुलाई 2013 को मुंबई पुलिस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर इन दोनों पर ये आरोप लगाये थे कि इन्होंने सोने के ज़ेवर, 30 से ज़्यादा क्रेडिट कार्ड और 17 चेक बुक चोरी की थीं.
यह ख़बर उसी दिन टीवी चैनल 'इंडिया टीवी' समेत कुछ अन्य टीवी न्यूज़ चैनलों पर प्रसारित हुई थी.
इस मामले ने सबको हैरान इसलिए कर दिया था क्योंकि वायरल तस्वीर में हरी टी-शर्ट में जो शख़्स हैं, वो एक भोजपुरी कलाकार इरफ़ान ख़ान हैं जिन्होंने भोजपुरी सिनेमा की दो फ़िल्मों में एक्टिंग की थी.
इरफ़ान ख़ान के साथ उनके एक दोस्त संजय यादव को भी चोरी के इस मामले में मुंबई पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.
भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री के सक्रिय लोगों ने बताया कि इरफ़ान ख़ान अब फ़िल्मी दुनिया में एक्टिव नहीं हैं.
सोशल मीडिया पर जिस तरह के दावे किये जा रहे हैं, क्या वाक़ई मुंबई पुलिस ने ऐसे मुस्लिम हज्जामों की गिरफ़्तारी की है?
इस बारे में जब हमने बांद्रा पुलिस स्टेशन के इंचार्ज से बात की तो उन्होंने इसे बिल्कुल ग़लत बताया.