सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को बलवंत सिंह की दया याचिका पर निर्णय लेने के लिए दिए आखिरी दो हफ्ते
पंजाब के पूर्व मुख्यंमत्री बेअंत सिंह की हत्या (Beant Singh Murder Case) के दोषी बलवंत सिंह राजोआना (Balwant Singh Rajoana) की दया याचिका पर निर्णय लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अंतिम दो हफ्ते और दिये हैं।
नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व मुख्यंमत्री बेअंत सिंह की हत्या (Beant Singh Murder Case) के दोषी बलवंत सिंह राजोआना (Balwant Singh Rajoana) की दया याचिका पर निर्णय लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अंतिम दो हफ्ते और दिये हैं। शीर्ष अदालत ने पहले भी इस मामले को सुलझाने के लिए केंद्र की खिंचाई की थी।
4 दिसंबर, 2020 को एक सुनवाई में, उसने सितंबर 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पंजाब सरकार को लिखे गए एक पत्र का हवाला दिया था, जिसमें सरकार ने कहा कि राजोआना की मौत की सजा का प्रस्ताव राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि, आपने पंजाब सरकार को लिखा था कि गुरु नानक जयंती के मौके पर उसे मौत की सजा सुनाई जाएगी।
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सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार इस मामले में विचार कर रही है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मौजूदा स्थितियों में इसे टालना ही उचित है। इसपर सीजेआई ने कहा कि तीन हफ्ते का समय देना अनऔचित्यपूर्ण है और उन्होंने सरकार को अंतिम दो हफ्तों का वक्त दिया। इसके बाद सीजेआई ने सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी है।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता बेअंत सिंह, जो 1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे थे, उन्हें 31 अगस्त, 1995 को चंडीगढ़ के केंद्रीय सचिवालय के बाहर एक बम धमाके में उड़ा दिया गया था। उनके साथ इस आतंकी हमले में 16 लोगों की भी जान चली गई थी। इस मामले में बलवंत सिंह को दोषी माना गया था। बलवंत सिंह राजोआना को विशेष अदालत ने साल 2007 में मौत की सजा सुनाई थी। वह पिछले 25 सालों से जेल में है। शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल केंद्र सरकार से बलवंत को मानवीय आधार पर रिहा करने की अपील की है।