क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

दिल्ली के दंगे में मारे गए हेड कांस्टेबल रतन लाल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आई मौत की वजह

Google Oneindia News

नई दिल्ली- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है कि सोमवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाके में मारे गए पुलिस ऑफिसर रतन लाल की मौत गोली लगने से हुई थी। ये जानकारी पुलिस सूत्रों के हवाले से सामने आई है। उनका पोस्टमॉर्टम मंगलवार को ही शालीमार बाग के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में संपन्न हुआ है। इस बीच उनके सहयोगियों ने उन्हें याद करते हुए कहा है कि उनका व्यवहार और उनकी भाषा बहुत ही शालीन थी और वह बहुत ही शांति-प्रिय इंसान थे और कभी भी किसी लड़ाई-झगड़े में नहीं पड़ते थे। लेकिन, सोमवार को दंगाइयों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी, जब वह ड्यूटी पर कानून-व्यवस्था संभालने की कोशिश कर रहे थे।

गोली लगने से हुई हेड कॉन्स्टेबल की मौत-रिपोर्ट

गोली लगने से हुई हेड कॉन्स्टेबल की मौत-रिपोर्ट

दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जो वजह सामने आई है, वह पहले अनुमानित वजहों से अलग है। पहले यह कहा जा रहा था कि वो पत्थरबाजी की चपेट में आ गए थे और पत्थर लगने की वजह से ही उनकी मौत हो गई। लेकिन, पोस्टमॉर्ट रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि उनकी मौत पत्थर लगने से नहीं, बल्कि दंगाइयों की गोली लगने से हुई है। गौरतलब है कि 42 साल के इस जाबांज पुलिस की दंगाइयों ने सोमवार दोपहर में दयालपुर थाने के पास तब हत्या कर दी थी, जब नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हिंसा अपने चरम पर थी। सोमवार को यही कहा गया था कि शायद पत्थर लगने की वजह से रतन लाल की जान चली गई।

Recommended Video

CAA Protest :Delhi हिंसा में शहीद Ratan Lal का अधूरा रह गया बच्चों से किया वादा | वनइंडिया हिंदी
बाएं कंधे पर लगी गोली, दाएं से निकाली गई

बाएं कंधे पर लगी गोली, दाएं से निकाली गई

रतन लाल की ऑटोप्सी दिलशाद गार्डन स्थित गुरु तेग बहादुर अस्पताल में मंगलवार को हुई। इसमें ये बात सामने आई है कि दंहाइयों ने उन्हें जो गोली मारी वो उनके बाएं कंधे पर लगी थी, लेकिन पोस्टमॉर्टम में वह उनके दाएं कंधे से निकाली गई है। उनके छोटे भाई दिनेश लाल के मुताबिक, 'वह गोकुलपुरी के एसीपी के रीडर थे। वह तो एसीपी के साथ निकले ही थे, लेकिन भीड़ ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया और उन्हें मार डाला।' वो 1998 में दिल्ली पुलिस में शामिल हुए थे। परिवार में उनकी पत्नी पूनम और तीन बच्चे 13 साल की बेटी सिद्धी, 10 साल की कनक और 8 साल का बेटा राम बच गया। रिश्तेदारों के मुताबिक उनके जाने से उनका पूरा परिवार तहस-नहस हो गया है।

पीएम मोदी से लगाई ये गुहार

पीएम मोदी से लगाई ये गुहार

पोस्टमॉर्टम के बाद दिवंगत पुलिस ऑफिसर के पार्थिव शरीर को पहले उत्तरी दिल्ली के ही बुरारी में उनके आवास पर ले जाया जाएगा। फिर वहां से राजस्थान में सीकर जिले के उनके पैतृक गांव फतेहपुर तिहवाली ले जाया जाएगा, जहां बुधवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव वालों का कहना है कि उनका अंतिम संस्कार तब तक नहीं होने दिया जाएगा, जब तक सरकार की ओर से कुछ भरोसा नहीं मिल जाता। इस संबंध में उन्होंने प्रधामंत्री मोदी को भी लिखा है। गांव वालों की मांग है कि परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए और उनके बुजुर्ग माता-पिता को पेंशन की व्यवस्था की जाए। लाल के जानकारों के मुताबिक वे एक बेहद शांति प्रिय इंसान थे और कभी किसी लड़ाई में नहीं उलझे। एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर ने कहा कि उनका बर्ताव और उनकी भाषा कबी पुलिस वाले जैसी थी ही नहीं।

इसे भी पढ़ें- Delhi violence: महबूबा मुफ्ती की बेटी बोलीं, दिल्ली जल रही है और मोदी सरकार ट्रंप पर फिदा हैइसे भी पढ़ें- Delhi violence: महबूबा मुफ्ती की बेटी बोलीं, दिल्ली जल रही है और मोदी सरकार ट्रंप पर फिदा है

Comments
English summary
The reason for the death of head constable Ratan Lal revealed in the postmortem report
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X