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संसद में मोदी के आक्रामक भाषण का असली मतलब

प्रधानमंत्री ने संसद में इतना आक्रामक रवैया क्यों अपनाया?

By BBC News हिन्दी
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नरेंद्र मोदी, बीजेपी, कांग्रेस
Getty Images
नरेंद्र मोदी, बीजेपी, कांग्रेस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार दोपहर लोकसभा में एक लंबा भाषण दिया. संसद में बोलते हुए पीएम का रवैया बेहद आक्रामक और तीखा था.

तकरीबन एक घंटे 20 मिनट लंबे इस भाषण में प्रधानमंत्री कांग्रेस पर जमकर हमला बोलते दिखे.

उनके भाषण के दौरान सदन में 'जुमलेबाजी नहीं चलेगी', 'मैच फ़िक्सिंग बंद करो' और 'झूठे भाषण बंद करो' जैसे नारे गूंजते रहे. इसके बावजूद उन्होंने लगातार बोलना जारी रखा.

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प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के मायने समझने के लिए बीबीसी हिंदी के रेडियो संपादक राजेश जोशी ने बीजेपी की राजनीति पर नज़र रखने वाली वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी से बात की.

नीरजा चौधरी कहती हैं कि जिस तरह प्रधानमंत्री ने आज अपने भाषण में कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और जिन मुद्दों का ज़िक्र किया, उससे लगा कि हम चुनावी मोड में आ गए हैं. ख़ासकर आज के भाषण से ऐसा लगा कि चुनाव शायद पहले भी हो सकते हैं.

उन्होंने कहा कि पीएम का भाषण सुनकर ऐसा लगा जैसे वो आज भी कांग्रेस को अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मानते हैं और अगला चुनाव एनडीए बनाम कांग्रेस या मोदी बनाम राहुल होगा.

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नीरजा मानती हैं कि जिस तरह प्रधानमंत्री ने संसद में इस तरह आक्रामक रवैये में व्यक्तिगत हमले किए उससे लगता है कि वो चुनावी बिगुल बजा चुके हैं.

नीरजा यह भी मानती हैं कि हाल के दिनों में कांग्रेस का रवैया भी काफी आक्रामक हुआ है शायद इसलिए पीएम ने उसे और ज़्यादा आक्रामक होकर जवाब दिया.

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इसके जवाब में नीरजा कहती हैं, " मुझे लगता है कि वो हिंदुत्व पर और जोर डालेंगे. वो भ्रष्टाचार की बात भी करेंगे क्योंकि ये मध्यवर्ग को लुभाता है. इसके साथ ही वो कांग्रेस को दोष देना ज़ारी रखेंगे."

वो कहती हैं, "संसदीय भाषण और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का अंत आम तौर पर इस तरीके से नहीं होता. साथ ही पीएम के भाषण के दौरान इस तरह हो-हल्ला होना दुर्भाग्यपूर्ण है."

पीएम मोदी के इस भाषण पर तरह-तरह की राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आई हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वो जनता को जवाब देने के बजाय कांग्रेस पर जुबानी हमले कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, "ये एनडीए की सरकार है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं. शायद नरेंद्र मोदी जी भूल गए हैं कि वो देश के प्रधानमंत्री हैं, विपक्ष के नेता नहीं. उनसे सवाल पूछे जा रहे हैं. किसानों के भविष्य का सवाल पूछा रहा है, रफ़ाल का सवाल पूछा जा रहा है, रोज़गार के सवाल पूछे जा रहे हैं."

राहुल ने आगे कहा, "ठीक है कि आप कांग्रेस पार्टी की बात कर रहे हैं, करिए. इसके लिए जगह है लेकिन ये उसकी जगह नहीं है. आप पब्लिक मीटिंग में ये बात करना चाहते हैं तो करिए मगर यहां आपको देश को जवाब देना है. यहां आपको आरोप नहीं लगाने है. यहां आपको सवाल नहीं पूछने हैं."

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पीएम मोदी के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बार फिर 'फ़रागो' शब्द का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा, "हो सकता है कि प्रधानमंत्री एक शानदार वक्ता हों लेकिन उनका ये भाषण गुमराह करने वाला और आधा सच है जो लोगों को कंफ़्यूज़ करेगा."

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प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि अगर देश के पहले प्रधानमंत्री सरदार पटेल होते तो मेरे कश्मीर का हिस्सा पाकिस्तान के पास नहीं होता.

उन्होंने कांग्रेस पर चुनाव की हड़बड़ी में आंध्र प्रदेश का बंटवारा करने का आरोप भी लगाया और कहा कि ये कांग्रेस की जल्दबाजी का ही नतीजा है कि आंध्र और तेलंगाना में अब भी समस्याएं सुलगती रहती हैं.

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English summary
The real meaning of Modis aggressive speech in Parliament
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