चीन बॉर्डर पर असम, अरुणाचल के गांवों को खाली करने की खबरों को सेना ने कहा-Fake News
तेजपुर। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर इस समय टकराव जारी है। इस टकराव के दौरान ही पिछले दो दिनों से असम और अरुणाचल प्रदेश के लोगों के बीच भी दहशत का माहौल था। इस दहशत की वजह थी एक न्यूज रिपोर्ट जो असम के एक न्यूज पोर्टल में आई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि सेना की तरफ से अरुणाचल प्रदेश और असम में एलएसी के करीब स्थित गांवों को खाली करने के लिए कहा गया है। सेना ने रिपोर्ट को झूठा बताते हुए इसे फेक न्यूज करार दे दिया है।
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गांव वाले अफवाह पर ध्यान न दें
बुधवार को असम के तेजपुर स्थित डिफेंस पीआरओ की तरफ से इस खबर को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है। सेना की तरफ से कहा गया है कि असम और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के करीब स्थित गांवों को खाली करने का कोई आदेश नहीं दिया गया है। सेना की तरफ से अरुणाचल प्रदेश और असम की जनता से ऐसी अफवाहों पर ध्यान न देने के लिए कहा गया है। डिफेंस पीआरओ की तरफ से कहा गया है कि इस तरह की खबरें पूरी तरह से झूठी और मनगढ़ंत हैं और इस तरह की कोई भी जानकारी लोगों के साथ साझा करने से पहले एक बार अथॉरिटीज से संपर्क जरूर कर लिया जाए।
मैकमोहन रेखा के करीब स्थित गांव
स्थानीय मीडिया में कुछ ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं जिसमें कहा गया था कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में मैकमोहन रेखा के करीब स्थित गांवों को खाली करने का आदेश दिया गया है। इन रिपोर्ट्स में लद्दाख में जारी तनाव का हवाला दिया गया था। 29 और 30 अगस्त की रात भारत ने पैंगोंग त्सो के दक्षिणी हिस्से में स्थित रणनीतिक चोटियों पर फिर से कब्जा कर लिया है। चीन की तरफ से लगातार घुसपैठ की कोशिशें की जा रही हैं। भारत और चीन के बीच मई माह से ही लद्दाख में टकराव जारी है। चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थित फिंगर एरिया, गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और कोनगुरुंग नाला पर घुसपैठ कर ली है।