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अयोध्या: मुस्लिम नेता बोले- इस साल पैगंबर के जन्मदिन पर नहीं निकला जुलूस

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नई दिल्ली- अयोध्या के कुछ मुस्लिम नेताओं ने कहा है कि पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन ईद-मिलाद-उन-नबी के मौके पर रविवार को परंपरागत तौर पर निकलने वाले बारा रैबुल अव्वल जुलस नहीं निकाला गया। मुस्लिम नेताओं के मुताबिक ये फैसला एहतियातन और मुसलमानों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कुछ मायूसी को देखते हुए लिया गया। हालांकि, अयोध्या प्रशासन ने दावा किया है कि जुलूस निकला है, अलबत्ता उनकी तादाद भले ही कम रही हो। वैसे मुस्लिम नेताओं ने ये भी कहा है कि वहां पूरी तरह शांति है और हिंदू-मुसलमानों के बीच कोई समस्या नहीं है। (तस्वीर प्रतीकात्मक)

रविवार को अयोध्या में नहीं निकला जुलूस- मुस्लिम नेता

रविवार को अयोध्या में नहीं निकला जुलूस- मुस्लिम नेता

ईद-मिलाद-उन-नबी पर अयोध्या में जुलूस नहीं निकलने की जिन मुस्लिम नेताओं ने पुष्टि की है उनमें अयोध्या की मुख्य मस्जिद के इमाम और प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरु मुफ्ती शम्सुल कमर कादरी भी शामिल हैं। फैजाबाद के शहर काजी कादरी के मुताबिक, "इस साल बारा रैबुल अव्वल पर हमनें कोई जुलूस नहीं निकाला है। इसके पीछे दो कारण हैं। पहला तो शांति कायम रखने के लिए। ऐसा एहतियाती उपाय के तहत किया गया...." उन्होंने इसका एक दूसरा कारण भी बताया जो बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि, "दूसरा, (यह) सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हमारा दुख जताने के लिए था। कुल मिलाकार आम तौर पर शहर में 50-55 जुलूस निकलते हैं। आज कोई जुलूस नहीं निकाला गया। हमनें अपनी-अपनी मस्जिदों में ईद-मिलाद-उन-नबी का जश्न मनाया।" कादरी शहर की जामा मस्जिद के इमाम-ओ-कातिब भी हैं।

अयोध्या में पूरी तरह शांति है- मुस्लिम नेता

अयोध्या में पूरी तरह शांति है- मुस्लिम नेता

अयोध्या में रहने वाले और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के जिला स्तर के एक नेता माजिद अली खान ने भी इमाम की बातों में हामी भरी है। उन्होंने कहा, "रविवार को जो बारा रैबुल अव्वल जुलूस निकलना था, उसे कैंसिल कर दिया गया। इसका कारण ये है कि अयोध्या में कई जगह बैरियर खड़े किए गए हैं, जिससे बाहर से आने वाले लोग यहां नहीं पहुंच पाते।" उन्होंने ये भी कहा कि "हम यभी चाहते थे कि जुलूस की वजह से कोई समस्या नहीं पैदा होनी चाहिए। हमनें एहतियात के तौर पर इसे रद्द कर दिया।" खान ने भी ये बात दोहराई कि "दूसरा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हम लोगों में थोड़ी उदासी है। यह खुशी मनाने का मौका है, लेकिन न तो हम इसपर जश्न मना सकते हैं, न ही खुशी जाहिर कर सकते हैं। फैसला आ गया है, लेकिन न्याय नहीं। " हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अयोध्या का माहौल पूरी तरह ठीक है और यहां हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कोई समस्या नहीं है।

जुलूस नहीं निकलने के दावों का प्रशासन ने किया खंडन

जुलूस नहीं निकलने के दावों का प्रशासन ने किया खंडन

हालांकि,अयोध्या जिला प्रशासन ने जुलूस के रद्द होने के दावों का खंडन किया है। अयोध्या के डीएम अनुज झा ने बताया कि, "जुलूसों को रद्द नहीं किया गया, बल्कि आयोजकों ने शायद खुद ही इसे कम कर दिया। जुलूस पहले ही निकाला जा चुका है। " उन्होंने ये भी कहा कि "हमनें आयोजकों से कहा था कि परंपरागत रास्ते और जश्न के तरीके पर ही कामय रहें। वे जो भी कर रहे हैं, अपने स्तर पर कर रहे हैं।" इस बीच एक स्थानीय मुस्लिम नेता ने कहा, "मैं कुरान का पूरी तरह पालन करता हूं। अगर काबा मुसलमानों की पाक जगह है तो राम जन्मभूमि हिंदुओं के लिए भी उतनी ही पवित्र है। यह भगवान राम का शहर है। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं और हरेक भारतीय नागरिक को इसका स्वागत करना चाहिए।"

इसे भी पढ़ें- अयोध्या में मस्जिद के लिए जमीन लेने पर Sunni Waqf Board में मतभेद

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English summary
The Muslim leaders of Ayodhya said,no procession took place on the birthday of Prophet Mohammed this year
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