Covid19: महामारी का रोजगार पर बड़ा असर, भारत में 23 फीसदी से अधिक हुई बेरोजगारी
नई दिल्ली। कोरोनो वायरस महामारी पूरी दुनिया को घुटने में ला दिया है। लाखों नौकरीशुदा लोगों को बेरोजगारी की वजह बनी कोरोना वायरस ने भारत में भी बेरोजगारी की दर को कई पायदान ऊपर चढ़ गया है। यानी पहले से ही आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे भारत में बीते मार्च में रोजगार दर अब तक सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है और बेरोजगारी दर पहली दफ़ा दोहरे अंक में प्रवेश कर गई है।
Recommended Video
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार, गत 29 मार्च को समाप्त सप्ताह में भारत में बेरोजगारी दर 23.8 प्रतिशत थी, जो एक हफ्ते पहले 8.4 फीसदी थी। 5 मार्च को समाप्त हुए उसके अगले सप्ताह में बेरोजगारी दर में औऱ इजाफ हुआ और यह 23.4 फीसदी दर्ज किया गया। डेटा बताते हैं कि भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद जनवरी से भारत में बेरोजगारी उत्तरोत्तर बढ़ती जा रही है।
Covid19 को RBI ने भविष्य पर मंडरा रही काली छाया बताया, जानिए RBI मौद्रिक नीति की 10 बड़ी बातें?
मुंबई स्थित थिंक टैंक ने हालिया रिपोर्ट के आधार पर बताया कि मार्च 2016 में भारत में बेरोजगारी की दर 8.7 फीसदी थी। सितंबर 2016 के बाद यह 43 महीनों में सबसे अधिक बेरोजगारी दर थी। यह दर जनवरी 2020 के 7.16 फीसदी के स्तर तेजी से ऊपर चढ़ गई है।
सीएमआईई ने कहा कि मार्च में रोजगार की दर 38.2 फीसदी यानी अपने सभी समय के निचले स्तर पर गिर गई है और यह परिदृश्य और खराब होता जा रहा है, क्योंकि देश लॉकडाउन अवधि में चला गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल के पहले दो हफ्तों के दौरान हालात सामान्य नहीं हुए हैं। 12 अप्रैल को बेरोजगारी की 30-दिवसीय चल औसत दर 13.5 फीसदी थी। भारत ने पहले भी शहरी क्षेत्रों में दोहरे अंकों की बेरोजगारी दर की रिपोर्ट दर्ज की है, लेकिन ग्रामीण भारत में ऐसा कभी नहीं हुआ है।
लॉकडाउन के कारण यहां की महिलाएं लगातार प्रेग्नेंट हो रही हैं , जानिए क्या है पूरा मामला?
क्योकि प्रभावी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ने इसे 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ने बदल दिया है। दरअसल, लॉकडाउन के कारण कृषि गतिविधियां निलंबित हैं, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी 13.08 फीसदी तक पहुंच गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 14.53 फीसदी है।
गौरतलब है सीएमआईई की रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी और मार्च के बीच भारत में रोजगार की संख्या 41.1 करोड़ से 39.6 करोड़ तक तक गिर गई है और बेरोजगारों की संख्या 32 करोड़ से बढ़कर 38 करोड़ हो गई है। इसलिए श्रम बल में 90 लाख की गिरावट में रोगगारों की संख्या में 1.5 करोड़ की गिरावट दर्ज होती है और बेरोजगारों की संख्या में 60 लाख की वृद्धि हुई है।
यह भी पढ़ें-लॉकडाउन Extension: प्रशांत किशोर उर्फ PK ने पूछा, 'क्या सरकार के पास कोई प्लान-B है?'