Ayodhya Temple: सरकारी अनुदानों से नहीं, अयोध्या में भव्य राम मंदिर जनता की मदद से बनेगा!
बेंगलुरू। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट निर्माण की कवायद तेज हो गई है, लेकिन एक बड़ा सवाल जो उठकर सामने आया है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर की परिकल्पना को साकार होने में खर्च होने वाला पैसा कहां से आएगा?
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिए एक बयान में कहा है कि सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए पैसा नहीं देगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए पैसा क्राउड फंडिंग यानी लोगों के चंदे से जुटाया जाएगा। बड़ा सवाल यह है कि अयोध्या में जैसे भव्य राम मंदिर निर्माण की योजना तैयार की गई है क्या उसके लिए जरूरी धनराशि चंदे से जुटाया जा सकेगा।
गौरतलब है सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ गत 9 नवंबर को मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था। हालांकि फैसले से असंतुष्ट मुस्लिम वक्फ बोर्ड समेत अन्य ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी, लेकिन सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी।
इसके बाद से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण आने वाली सारी बाधाएं समाप्त हो गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर राम मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया था, जिसके देख रेख में राम मंदिर निर्माण होना हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री के मुताबिक प्रस्तावित राम मंदिर निर्माण का देखरेख करने वाले ट्रस्ट का गठन तीन महीने अंदर पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि ट्रस्ट में बीजेपी का एक भी नेता सदस्य नहीं होगा। हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि मंदिर आंदोलन से जुड़ी वीएचपी ट्रस्ट में होगी या नहीं।
हालांकि वर्ष वीएचपी के मार्गदर्शन में अयोध्या स्थित कारसेवकपुरम में मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने का कार्य करवाया जा रहा हैं। शाह ने इस दौरान उन अटकलों को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि वो खुद और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ट्रस्ट का हिस्सा होंगे।
इससे पहले, झारखंड में अमति शाह ने यह कहकर जरूर सबको चौंका दिया कि अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर का निर्माण महज 4 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि उन्होंने साफ किया है कि परियोजना से जुड़े लोग ही मंदिर के निर्माण के पूरे होने का समय निर्धारित करेंगे।
बकौल शाह, सुप्रीम कोर्ट ने हमें सारी प्रक्रिया तीन महीने के भीतर करने का आदेश दिया है और मेरा मानना है कि हम ऐसा करने में सक्षम हैं। अमित शाह के अनुसार राममंदिर के निर्माण की सारी प्रक्रिया अगले तीन महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी।
उल्लेखनीय है विश्व हिन्दू परिषद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए क्राउड फंडिंग के जरिए 100 करोड़ रुपए जुटाने की बात कही है। कुछ ऐसा ही यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कही है। योगी ने कहा कि अयोध्या में बनने वाले राममंदिर के लिए सरकार का एक भी पैसा नहीं लगेगा।
योगी का कहना है, मंदिर निर्माण के लिए हर भारतवासी से 11 रुपये व एक ईंट ली जाएगी। सीएम योगी के मुताबिक अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर जन सहभागिता से बनेगा। हालांकि मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद अब लोगों की कौतुहल का विषय है कि प्रस्तावित राम मंदिर का निर्माण कितना भव्य होगा और यह कब बनकर तैयार होगा।
अयोध्या में राम मंदिर विवाद करीब 70 वर्ष तक कोर्ट में लड़ाई के बाद नतीजे पर गत 9 नवंबर को पहुंचा जब सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कहा था कि विवादित जमीन रामलला विराजमान को दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के बाद मंदिर निर्माण का कार्य एक ट्रस्ट को सौपने की बात कही थी, जो राम मंदिर का निर्माण करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 90 दिन के भीतर मंदिर निर्माण की योजना और ट्रस्ट गठन कर आऩे का आदेश दिया था।
माना जा रहा है कि 90 दिनों के भीतर ही ट्रस्ट का गठन कर लिया जाएगा और जल्द ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तैयारी शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि अभी तक तिथि की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन संभावना जताई गई है कि यह दिन रामनवमी का हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ होने के बाद मंदिर की भव्यता और डिजाइन को लेकर सवाल लोगों के जेहन में हैं कि कैसा होगा भव्य राम मंदिर? चूंकि अयोध्या के कारसेवकपुरम में पिछले 27 वर्षों से जारी राम मंदिर निर्माण से जुडे दरवाज़ों और स्तम्भों को तराशने का काम जारी है इसलिए मंदिर के डिजाइन को लेकर लोगों में संशय कम हैं।
दरअसल, लोगों में राम मंदिर निर्माण के शुरू होने और निर्माण कार्य पूरा होने को लेकर ज्यादा कौतुहल हैं। बताया जाता है कि कारसेवकपुरम में गर्भगृह की दीवारें तैयार हो चुकी हैं। मंदिर में कुल 212 स्तम्भ होंगे। इनमें से लगभग आधे स्तम्भ भी तैयार कर लिए गए हैं, जबकि आधे स्तम्भों पर नक्काशी होनी बाक़ी है।
मालूम हो, राम मंदिर निर्माण के लिए अनुमोदित डिज़ाइन के अनुसार मंदिर की छत पर एक "शिखर" होगा, जो विशाल राम मंदिर की भव्यता को प्रदर्शित करेगा। प्रस्तावित मंदिर की ऊँचाई 128 फीट, चौड़ाई 140 फीट और लंबाई 270 फीट होगी। राम मंदिर में 5 प्रवेश द्वार होंगे।
इनमें सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंड मंडप, पूजा कक्ष और परिक्रमा के लिए सबसे महत्वपूर्ण 'गर्भगृह'होगा। रामलला की मूर्ति को भूतल पर ही रखा जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात राम मंदिर निर्माण को विशिष्ट बनाने के लिए दीवारों में स्टील का कोई उपयोग नहीं किया जाएगा।
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सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर हो सकता है राम मंदिर ट्रस्ट का गठन
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट का गठन सरकार गुजरात के सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की तर्ज पर कर सकती है। हालांकि सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट में केवल 6 सदस्य हैं, लेकिन अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की संख्या बड़ी हो सकती है, क्योंकि इसमें राम जन्मभूमि न्यास और विहिप के सदस्यों को भी रखा जाएगा, जो वर्ष 1989 से अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन से जुड़े हैं और अयोध्या में स्थित कारसेवकपुरम् में कार्यशाला में मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की नक्काशी पिछले 30 वर्षों करवा रहे हैं।
अयोध्या राम मंदिर ट्र्स्ट में प्रधानमंत्री की भूमिका होगी अह्म
ट्रस्ट के सदस्य के चयन और मंजूरी में प्रधानमंत्री की भूमिका भी अहम होगी। ट्रस्ट में राम जन्मभूमि न्यास, निर्मोही अखाड़ा के अलावा कुछ बड़े धर्मगुरु शामिल किए जा सकते हैं और समाज के कुछ वरिष्ठ नागरिक, राम मंदिर से जुड़े संगठनों को भी इसमें जोड़ा जा सकता है। यही नहीं, ट्रस्ट का काम तेज गति से हो और कार्यशैली कुशल रखने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के नुमाइंदे भी इसमें शामिल हो सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी खुद राम मंदिर से जुड़ी प्रगति पर नजर रख पाएं, इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से भी किसी को सदस्य बनाया जा सकता है।
रामनवमी के दिन शुरू हो सकता है राम मंदिर निर्माण कार्य
पंचांग के अनुसार, हिंदू नववर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है, जो 2020 में 25 मार्च से शुरू होगा जबकि रामनवमी 2 अप्रैल को है। माना जा रही है कि इन दोनों तारीखों को लेकर संघ भी सहमत है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अगले साल अप्रैल में 'राम नवमी' से शुरू होने की संभावना है। माना जा रहा है कि भगवान राम के जन्म उत्सव 'राम नवमी' के दिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो सकता है।
2024 लोकसभा चुनाव से पहले तैयार हो जाएगा भव्य राम मंदिर
माना जा रहा था कि अगर राम मंदिर निर्माण का कार्य रामनवमी यानी 2 अप्रैल, 2020 को शुरू होता है तो मंदिर निर्माण में करीब चार वर्ष लगेंगे, जिसका मतलब है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले तैयार हो जाएगा। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महज 4 महीने में राम मंदिर निर्माण की बात कहकर सबको जरूर चौकाया है।
सही दिशा में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठन की प्रक्रिया
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन शुरू हो गया है। गृह मंत्रालय ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वस्त किया है कि कोर्ट द्वारा निर्धारित समय से पहले ट्रस्ट गठन का काम पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि उन्होंने ट्रस्ट में किसी बीजेपी नेता के होने से इनकार किया है।
VHP नहीं चाहती है मंदिर के लिए एक नया 'शिलान्यास' कार्यक्रम
विहिप चाहती है कि मंदिर निर्माण से जुड़ी सभी कार्य जनवरी में 'मकर संक्रांति' से शुरू हो जाए। विहिप का कहना है कि वह नहीं चाहती है कि मंदिर के लिए एक नया 'शिलान्यास' कार्यक्रम हो, क्योंकि यह पहले ही नवंबर 1989 में हो चुका है और अब सिर्फ मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए।
राम मंदिर के निर्माण में लगेंगे 1.75 लाख घन फुट पत्थर
अयोध्या के कारसेवकपुरम में कार्यशाला में राम मंदिर निर्माण से जुड़ी तैयारी 65 फीसदी पूरी हो चुकी है और शेष कार्य 2019 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा, क्योंकि त्योहारों में अपने घर लौटे गुजरात और राजस्थान के कारीगर अब अयोध्या स्थित कारसेवकपुरम् में चल रहे कार्यशाला में लौट चुके हैं। विहिप के अनुसार, मंदिर के पूर्ण निर्माण के लिए 1.25 लाख घन फुट पत्थर की नक्काशी की गई है और पूरे मंदिर के निर्माण के लिए 1.75 लाख घन फुट पत्थर की आवश्यकता होगी।
सिद्ध मंदिर वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार की है डिजाइन
विहिप चाहती है कि मंदिर को चंद्रकांत सोमपुरा द्वारा तैयार की गई डिजाइन के अनुसार बनाया जाए। प्रसिद्ध मंदिर वास्तुकार ने 1989 में पूर्व विहिप प्रमुख अशोक सिंघल के अनुरोध पर डिजाइन तैयार की थी और इसे देश भर के भक्तों के बीच प्रसारित किया गया था। सोमपुरा की डिजाइन के आधार पर, अयोध्या में कारसेवकपुरम में मंदिर का एक मॉडल रखा गया है। विहिप को उम्मीदते है कि नए मंदिर का निर्माण 1989 में प्रस्तावित मॉडल के अनुरूप होगा, क्योंकि प्रस्तावित राम मंदिर के लिए पत्थरों को तराशने और स्तंभों के निर्माण कार्य का काम बहुत आगे बढ़ गया है और इनका उपयोग निर्माण में किया जाना चाहिए।
दो मंजिला और स्तंभ और दीवारों पर खड़ा होगा भव्य राम मंदिर
अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर का मॉडल मॉडल देश के जान माने मंदिर आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा ने तैयार किया है। राम मंदिर का मॉडल अयोध्या में कारसेवकपुरम में रखा गया है, जिसके अनुरूप ही प्रस्तावित राम मंदिर का निर्माण किया जाना है। चंद्रकांत भाई के अनुसार अयोध्या में भव्य राम मंदिर 106 खंभे वाला एक दो मंजिला मंदिर होगा। जिसके गर्भगृह में प्रभुराम विराजमान होंगे। आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा ने कहा है कि मंदिर निर्माण में कम से कम तीन साल का समय लगेगा। अहमदाबाद के चंद्रकांत भाई का संबंध एक ऐसे परिवार से है, जिन्हें पारंपरिक भारतीय नागर शैली के मंदिरों के डिजाइन बनाने में महारत हासिल है।