क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

दिल्ली में खेल बदल गया है, बीजेपी के आक्रामक कैंपेन से केजरीवाल हो सकते हैं फेल!

Google Oneindia News

बेंगलुरू। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मतदान अब पूरे 7 दिन बचे हैं। दिल्ली के निवर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार सत्ता वापसी की कोशिश में जुटी हैं, वही दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी 7 वर्ष दिल्ली में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। केजरीवाल सरकार जहां पांच वर्ष के कामकाज के आधार पर दिल्ली की जनता से दोबारा वोट मांग रही है, तो बीजेपी राष्ट्रवाद, नागरिकता संशोधन कानून को जोर-शोर से भुनाने में लगी है।

Delhi

कांग्रेस और बीजेपी द्वारा दिल्ली में मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं घोषित करने से माना जा रहा था कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी एक बार फिर दिल्ली में एकतरफा जीत की ओर बढ़ रही है, लेकिन शाहीन बाग में पिछले 40 दिनों से सीएए के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन को बीजेपी ने अब दिल्ली में बड़ा मुद्दा बना दिया है और अब दिल्ली की जनता से सुरक्षा और राष्ट्रवाद के नाम पर वोट मांग रही है।

Delhi

गौरतलब है शरजीह इमाम प्रकरण से दिल्ली में बीजेपी की ओर वोटों की ध्रुवीकरण की संभावना बन गई हैं, जो पहले ही पिछले 40 दिनों से शाहीन बाग में जारी चक्का जाम से परेशान हैं। देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हो चुके शरजील इमाम ने वायरल वीडियो में अपने बयान की पुष्टि कर दी है और वीडियो में छेड़छाड़ की संभावना से भी इनकार किया है।

Delhi

हालांकि दिल्ली पुलिस ने वीडियो की वास्तविकता के लिए उन्हें लैब में भिजवा दिए हैं। शरजील इमाम के देशविरोधी बयान और भारत को तोड़ने वाले बयानों वाले वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली के वोटरों का मूड तेजी से स्विंग हुआ है, क्योंकि कहीं न कहीं बीजेपी दिल्ली की जनता को समझाने में सफल रही है कि दिल्ली के शाहीन बाग में जारी धरने को शह देने और उसकी फंडिंग आप सरकार द्वारा किया जा रहा है।

Delhi

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए आक्रामक कैंपेन की शुरूआत पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने खी। इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने, 1984 के सिख विरोधी दंगे, अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण, सर्जिकल व एयर स्ट्राइक, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में देश विरोधी नारा लगाने के मुद्दा उठाकर कांग्रेस व आम आदमी पार्टी (आप) पर तीखे प्रहार किए थे।

Delhi

इन मुद्दों पर कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे तो उठेंगे, लेकिन मुख्य चुनावी हथियार राष्ट्रवाद व हिंदुत्व ही होगा। चूंकि बीजेपी आलाकमान ने बीजेपी में कोई सीएम कैंडीडेट नहीं उतारा है और दिल्ली विधानसभा चुनाव भी मोदी के नाम पर जीतने की जुगत में हैं। बीजेपी का यह दांव इसलिए सफल हो सकता हैं।

दरअसल, चुनावी माहौल में भी दिल्ली की जनता खामोशी है, जिससे केजरीवाल एंड पार्टी डरी हुई है। यह खामोशी बताती है कि दिल्ली की जनता केजरीवाल का विकल्प तलाश रही है और अभी तक किसे वोट देना है उसने तय नहीं किया है। यह दिल्ली में सत्तासीन केजरीवाल सरकार के खिलाफ खतरनाक संकेत हैं।

Delhi

बीजेपी केंद्र में मोदी के होने से दिल्ली विधानसभा में बीजेपी के सरकार बनने के फायदे दिल्ली के वोटरों को बता रही है, क्योंकि दिल्ली का वोटर भी केंद्र सरकार के साहसिक फैसले की मुरीद हो गई है। इनमें अनुच्छेद 370, राम मंदिर निर्माण और सीएए जैसे मुद्दे शामिल है और बीजेपी के पक्ष में वोट कर सकती है।

यह इसलिए भी संभव है, क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में आम आदमी पार्टी को रिकॉर्ड 70 में 67 सीट देकर सत्ता में पहुंचाने वाली दिल्ली को केजरीवाल से सब्जबाग के अलावा कुछ नहीं मिला है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूरे साढ़े चार साल दिल्ली को लेकर गंभीर नहीं दिखे थे। केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के हवाले दिल्ली को छोड़कर पूरे भारत में चुनाव जीतने निकले थे।

Delhi

एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी को हरियाणा को छोड़कर पूरे देश में निराशा हाथ लगी थी। वहीं, दिल्ली की जनता से केजरीवाल द्वारा किए 70 वादों की हालत किसी से छुपी हुई नहीं है। दिल्ली में पांच साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने महज 6 माह ही दिल्ली की जनता को दिए हैं और बाकी साढ़े साल वह दिल्ली के बाहर ही देखे गए हैं। केजरीवाल शायद ही दिल्ली लौटते अगर दिल्ली में चुनाव नहीं होने वाले होते।

Delhi

उधर, बीजेपी ने दिल्ली चुनाव में सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में 40 दिनों से जारी धरने को प्रमुख मुद्दा बनाया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने दिल्ली में चुनावी कैंपेन के दौरान जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया, जिसका कांग्रेस व आप पार्टियां विरोध कर रही हैं। वहीं, केजरीवाल पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि दिल्ली की सरकार को जेएनयू में देश के टुकड़े करने के नारे लगाने वालों के साथ खड़ी है, क्योंकि दिल्ली पुलिस द्वारा सौंपी गई चार्जशीट पर वह कुंडली मारकर बैठी हुई है।

Delhi

शाह ने दिल्ली के अपने चुनावी कैंपेन में तीन तलाक कानून का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया और अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के काम में बाधा डालने वाली कांग्रेस की भी जमकर खिंचाई की। शाह ने कहा कि कांग्रेस अदालत में रामं मंदिर मुद्दे का लगातार विरोध करती रही थी। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने अदालत में अयोध्या में राम के अस्तित्व पर भी सवाल उठा दिया था।

शाह ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के साथ ही 1984 के सिख विरोधी दंगे के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए काम शुरू कर दिया गया। पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के साथ ही दोषियों को तिहाड़ जेल में बंद किया जा रहा है। मोदी सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर भी शुरू कराया।

Delhi

दिल्ली में केजरीवाल किए 70 वादों की पोल खोलते हुए शाह ने कहा कि केजरीवाल ने पांच साल पहले अपने मेनिफिस्टों में दि्ल्ली में 20 नए कॉलेज व 500 नए स्कूल बनवाने, अस्पताल बनवाने, अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने, मुफ्त वाई-फाई देने, सीसीटीवी कैमरे लगाने का वादा किया था, लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं हुआ।

इतना ही नहीं, नगर निगमों का दस हजार करोड़ से ज्यादा का फंड रोककर उन्हें असफल करने का प्रयास किया। दिल्ली में गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान योजना लागू नहीं किया। अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर कांग्रेस व AAP सिर्फ सियासत करती रही हैं।

Delhi

दूसरी ओर, मोदी ने 2019 में लोगों को मालिकाना हक देने का वादा किया था और अब रजिस्ट्री होने लगी है, जिससे 40 लाख लोगों को लाभ मिलेगा। जहां झुग्गी वहीं मकान योजना के तहत गरीबों को मकान देने के लिए सर्वे किया जा रहा है। अहमदाबाद में साबरमती नदी की तरह दिल्ली में यमुना रिवर फ्रंट बनेगा।

उल्लेखनीय है प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में सीएए के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के बीच एक मीटिंग में बीजेपी के शीर्ष नेताओं को सीएए का मुद्दा जोर शोर से उठाने का निर्देश दिया है। उनका कहना था कि जब सीएए किसी भी भारतीय के खिलाफ नहीं हैं तो विरोध करने वालों को जनता खुद जबाव देगी। पीएम मोदी ने सीएए मुद्दे पर कार्यकर्ताओं को आक्रामक होने की सलाह दी है।

यह भी पढ़ें- Welcome to Kejriwal: दिल्ली के सीएम घर आएं तो उनसे पूछिए, 'वादों का क्या हुआ?'

BJP को उम्मीद, CAA को लेकर आक्रामक प्रचार से होगा फायदा

BJP को उम्मीद, CAA को लेकर आक्रामक प्रचार से होगा फायदा

दिल्ली में सीएए के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें से कुछ हिंसक भी हुए थे। ऐसे में बीजेपी नेताओं को उम्मीद है कि इस मुद्दे पर आक्रामक प्रचार से पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव में दिल्ली में पाए करीब 57 प्रतिशत वोट शेयर को अपने साथ बांधे रखने में कामयाब हो सकती है।

 CAA को मिल रहे 'मिस्ड कॉल समर्थन' से भी बीजेपी उत्साहित

CAA को मिल रहे 'मिस्ड कॉल समर्थन' से भी बीजेपी उत्साहित

दिल्ली चुनाव के ऐलान से कुछ दिन पहले ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सीएए के सपॉर्ट में लोगों से एक नंबर पर मिस्ड कॉल देने की अपील की थी। पार्टी का दावा है कि अबतक उस नंबर पर करीब 53 लाख लोगों ने मिस्ड कॉल देकर सीएए के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया है। इस 'मिस्ड कॉल समर्थन' से भी बीजेपी का उत्साह बढ़ा है।

मुस्लिम वोटर कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हुए तो AAP को होगी मुश्किल

मुस्लिम वोटर कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हुए तो AAP को होगी मुश्किल

सीएए को बीजेपी इसलिए भी चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है क्योंकि इस कानून के खिलाफ कांग्रेस खासकर प्रियंका गांधी वाड्रा काफी आक्रामक हैं, जबकि AAP एक तरह से खामोश। इस वजह से अगर मुस्लिम वोटरों का एक बड़ा तबका कांग्रेस की तरफ झुका तो आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किल हो सकती है।

लोकसभा चुनाव के जादू को बरकरार दोहराना चाहेगी बीजेपी?

लोकसभा चुनाव के जादू को बरकरार दोहराना चाहेगी बीजेपी?

लोकसभा चुनाव में दिल्ली में शानदार प्रदर्शन से भी बीजेपी का मनोबल काफी ऊंचा है। 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली में सभी 7 जीतों पर जीत तो हासिल की ही, 56 प्रतिशत वोटों पर भी कब्जा किया। कांग्रेस 22 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरे AAP 18 प्रतिशत वोट के साथ तीसरे पायदान पर रही।

बीजेपी को 70 विधानसभा सीटों में से 30 से 35 सीटें मिल सकती हैं

बीजेपी को 70 विधानसभा सीटों में से 30 से 35 सीटें मिल सकती हैं

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की किस्मत बुलंद होती दिख रही है। बीजेपी की आंतरिक सर्वे के मुताबिक, दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 30 से 35 सीटें मिलती दिख रही हैं। बीजेपी को सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन का फायदा मिल सकता है।

BJP को अवैध कॉलोनियों के नियमतीकरण से भी जगी है आस

BJP को अवैध कॉलोनियों के नियमतीकरण से भी जगी है आस

सीएए के साथ-साथ बीजेपी को अवैध कॉलोनियों के नियमतीकरण से भी उम्मीद है। पार्टी को उम्मीद है कि अनधिकृत कॉलोनियों के लोगों को संपत्तियों का मालिकाना हक देने के मोदी सरकार के फैसले से वहां के लोग उसके साथ आएंगे, जिन्हें AAP का कोर वोटर माना जाता है। बीजेपी का कहना है कि इस पैसले से करीब 50 लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा।

शाहीन बाग प्रदर्शन से बीजेपी को मिल सकती है चुनाव में बढ़त

शाहीन बाग प्रदर्शन से बीजेपी को मिल सकती है चुनाव में बढ़त

भारतीय जनता पार्टी की सीटों में होने वाले इजाफों में से एक मुख्य कारण शाहीनबाग प्रदर्शन है, जिसके खिलाफ में बीजेपी लगातार आवाज बुलंद कर रही है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 40 दिनों से अधिक समय से शाहीन बाग में प्रदर्शन हो रहा है। इस कारण से कालिंदी कुंज-शाहीन बाग सड़क 15 दिसंबर से बंद है। लोगों को काफी परेशानी भी हो रही है।

दिल्ली में प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों की फौज उतारी जा रही है

दिल्ली में प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों की फौज उतारी जा रही है

दिल्ली में जारी चुनावी दंगल में जीत हासिल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से आक्रामक प्रचार किया जा रहा है। बीजेपी की ओर से दिल्ली में प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों की फौज उतारी जा रही है और अब बारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुनावी दंगल में उतरने की है। यूपी सीएम दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार कर सकते हैं, जिसमें जामिया नगर और शाहीन बाग भी शामिल हो सकता है।

योगी आदित्यनाथ की चार दिनों में दिल्ली में 12 रैलियां प्रस्तावित हैं

योगी आदित्यनाथ की चार दिनों में दिल्ली में 12 रैलियां प्रस्तावित हैं

1 फरवरी से 4 फरवरी तक दर्जनों ऐसी सभाएं प्रस्तावित हैं जो ज्यादातर उन इलाकों में होंगे जहां मुस्लिम वोटरों की तादाद अधिक है। बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ की चार दिनों में 12 रैलियां प्रस्तावित हैं। अभी इन्हें 4 विधानसभाओं में प्रस्तावित किया जा रहा है लेकिन संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।

आक्रामक कैंपेन के चलते 1 मंत्री और सासंद पर गिर चुका है गाज

आक्रामक कैंपेन के चलते 1 मंत्री और सासंद पर गिर चुका है गाज

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की ओर से चुनावी कैंपेन में शाहीन बाग के प्रदर्शन को मुद्दा बनाया गया। इस दौरान कई नेताओं ने भड़काऊ बयान दिए, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पर 72 घंटे और बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा पर 96 घंटे का बैन लगाया गया। एक जनसभा में अनुराग ठाकुर ने भड़काऊ नारेबाजी करवाई थी, उन्होंने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाते हुए ‘देश के गद्दारों को,गोली मारो....' के नारे लगवाए थे। प्रवेश वर्मा ने कहा था शाहीन बाग में कश्मीर जैसी स्थिति होने की बात रही, तो ये लोग आपके घरों में घुसकर, मां-बहनों का रेप करेंगे और मार देंगे प्रवेश वर्मा ने एक बयान में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आतंकी, नटवरवाल बताया था। वहीं, मॉडल टाउन से बीजेपी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने अपने एक ट्वीट में शाहीन बाग को मिनी पाकिस्तान बताया था।

Comments
English summary
With the Congress and BJP not declaring the Chief Ministerial candidate in Delhi, it was believed that Kejriwal's Aam Aadmi Party was once again heading towards a unilateral victory in Delhi, but the protests against the CAA in Shaheen Bagh for the last 40 days BJP has now made a big issue in Delhi and is now seeking votes from the people of Delhi in the name of security and nationalism.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X