क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Solar Eclipse 2020: साल का पहला सूर्यग्रहण आज, जानिए इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें

Google Oneindia News

नई दिल्ली। साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण आज सुबह करीब 9 बजकर 15 से शुरू होगा, यह ग्रहण दोपहर 03 बजकर 04 मिनट तक रहने वाला है, ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले यानी 20 जून को रात करीब 9 बजकर 25 मिनट से लग चुका है, ग्रहण के दौरान कुछ देर के लिए हल्का अंधेरा सा छा जाएगा।

Recommended Video

Surya Grahan 21 June 2020: जानिए सूर्यग्रहण कब-कहां और कैसे देखें ? | Solar Eclipse | वनइंडिया हिंदी
कहां-कहां दिखेगा ग्रहण

कहां-कहां दिखेगा ग्रहण

भुज भारत का पहला शहर होगा जहां ग्रहण की शुरुआत सुबह 9:58 बजे होगी, देश की राजधानी दिल्ली में सूर्य ग्रहण की शुरुआत सुबह 10:20 बजे के करीब होगी। इंडिया के अलावा इस ग्रहण का नजारा नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया तथा कोंगों में दिखेगा, तो वहीं भारत में देहरादून, सिरसा , टिहरी में लोग लोग वलयाकार सूर्य ग्रहण का खूबसूरत नजारा देख पाएंगे। देश के अन्य हिस्सों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।

यह पढ़ें: कंकणाकृति सूर्य ग्रहण 21 जून को, 4 राशि वालों की किस्मत खोल देगायह पढ़ें: कंकणाकृति सूर्य ग्रहण 21 जून को, 4 राशि वालों की किस्मत खोल देगा

अमावस्या को लगता है ग्रहण

अमावस्या को लगता है ग्रहण

ग्रहण प्रकृ्ति का एक अद्भुत चमत्कार है, ज्योतिष के दृष्टिकोण से यदि देखा जाए तो अभूतपूर्व अनोखा, विचित्र ज्योतिष ज्ञान, ग्रह और उपग्रहों की गतिविधियां एवं उनका स्वरूप स्पष्ट करता है। यह घटना सदा हमेशा अमावस्या को ही होती है।

क्या होता है सूर्य ग्रहण

भौतिक विज्ञान की दृष्टि से जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है और चांद पृथ्वी की। कभी-कभी चांद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है। फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है जिससे धरती पर अंधेरा फैल जाता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

क्या है मान्यताएं?

क्या है मान्यताएं?

हमारे ऋषि-मुनियों ने सूर्य ग्रहण लगने के समय भोजन के लिए मना किया है, क्योंकि उनकी मान्यता थी कि ग्रहण के समय में कीटाणु बहुलता से फैल जाते हैं। खाद्य वस्तु, जल आदि में सूक्ष्म जीवाणु एकत्रित होकर उसे दूषित कर देते हैं इसलिए ऋषियों ने पात्रों के कुश डालने को कहा है, ताकि सब कीटाणु कुश में एकत्रित हो जाएं और उन्हें ग्रहण के बाद फेंका जा सके, ग्रहण के बाद स्नान करने का विधान इसलिए बनाया गया ताकि स्नान के दौरान शरीर के अंदर ऊष्मा का प्रवाह बढ़े, भीतर-बाहर के कीटाणु नष्ट हो जाएं और धुल कर बह जाएं।

ये भी आजमाएं

ये भी आजमाएं

  • अमावस्या के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं। किसी तालाब या नदी किनारे जाकर ये आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें। इस उपाय से आपके जीवन की अनेक परेशानियों का अंत हो सकता है।
  • इस दिन काली चींटियों को शकर मिला हुआ आटा खिलाएं। ऐसा करने से आपके पाप कर्मों का क्षय होगा और पुण्य-कर्म उदय होंगे। यही पुण्य कर्म आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक होंगे।
  • यदि आपकी नौकरी नहीं लग पा रही है तो अमावस्या के दिन एक नीबू को गंगाजल से धोकर सुबह अपने घर के मंदिर में रख दें। फिर रात के समय इसे 7 बार अपने ऊपर से घड़ी की सुई की दिशा में घुमाकर इसके चार बराबर भाग कर लें और किसी चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में फेंक दे। वापस घर आ जाएं और मुड़कर पीछे न देखें।
  • अमावस्या को सायंकाल घर के ईशान कोण में पूजा वाले स्थान पर गाय के घी का दीपक लगाने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।

यह पढ़ें : Solar Eclipse 2020: आषाढ़ी अमावस्या 21 जून को, ग्रहण ने बढ़ाया पर्व का महत्वयह पढ़ें : Solar Eclipse 2020: आषाढ़ी अमावस्या 21 जून को, ग्रहण ने बढ़ाया पर्व का महत्व

Comments
English summary
The first solar eclipse of the year 2020, here is everything about it.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X