क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

डिजिटल इंडिया पर मोदी के दावों और सच का फ़र्क़

मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास की कई योजनाओं की घोषणाएं की थीं. इनमें से एक योजना थी डिजिटल इंडिया.

शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया अभियान के कथित लाभार्थियों के साथ बातचीत की और देश को यह बताना चाहा कि डिजिटल इंडिया के चलते देश बदल रहा है.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
डिजिटल इंडिया, इंटरनेट, ई-कॉमर्स, मोबाइल, टेक्नॉलॉजी, नरेंद्र मोदी, रोजगार, महिलाएं, इंटरनेट तकनीक
digitalindia.gov.in
डिजिटल इंडिया, इंटरनेट, ई-कॉमर्स, मोबाइल, टेक्नॉलॉजी, नरेंद्र मोदी, रोजगार, महिलाएं, इंटरनेट तकनीक

मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास की कई योजनाओं की घोषणाएं की थीं. इनमें से एक योजना थी डिजिटल इंडिया.

शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया अभियान के कथित लाभार्थियों के साथ बातचीत की और देश को यह बताना चाहा कि डिजिटल इंडिया के चलते देश बदल रहा है.

मोदी नमो ऐप के ज़रिए देश भर के डिजिटल इंडिया के लाभार्थियों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया का शुरू से ही संकल्प रहा है कि देश के सामान्य व्यक्ति, युवाओं और ग्रामीणों को डिजिटल बनाना है.

कई सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के संचालकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि वो इस योजना से हज़ारों ग्रामीणों को डिजिटली साक्षर कर चुके हैं.

किसी को दिखे या न दिखे, देश बदल रहा हैः मोदी

'खाता है, आधार है लेकिन नसीब नहीं पेंशन'

डिजिटल इंडिया, इंटरनेट, ई-कॉमर्स, मोबाइल, टेक्नॉलॉजी, नरेंद्र मोदी, रोजगार, महिलाएं, इंटरनेट तकनीक
PIB
डिजिटल इंडिया, इंटरनेट, ई-कॉमर्स, मोबाइल, टेक्नॉलॉजी, नरेंद्र मोदी, रोजगार, महिलाएं, इंटरनेट तकनीक

नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने लोगों की आदत बदल दी है. उनका दावा है कि अब गांव-गांव में डिजिटल भुगतान किया जा रहा है.

क्या डिजिटल इंडिया के चलते वाक़ई देश बदल रहा है? क्या इससे गांव में रहने वालों की ज़िंदगी बदल रही है?

डिजिटल मामलों के जानकार और डिजिटल एम्पॉवरमेंट फ़ाउंडेशन के संस्थापक निदेशक ओसामा मंज़र कहते हैं, "प्रधानमंत्री का यह कहना कि किसे को दिखे या ना दिखे, देश बदल रहा है ख़ुद ही सवालिया निशान लगाता है."

'डिजिटल इंडिया के भी अपने कर्मकांड हैं'

आपको पता है मोबाइल आपकी जासूसी कर रहा है

डिजिटल इंडिया, इंटरनेट, ई-कॉमर्स, मोबाइल, टेक्नॉलॉजी, नरेंद्र मोदी, रोजगार, महिलाएं, इंटरनेट तकनीक
Thinkstock
डिजिटल इंडिया, इंटरनेट, ई-कॉमर्स, मोबाइल, टेक्नॉलॉजी, नरेंद्र मोदी, रोजगार, महिलाएं, इंटरनेट तकनीक

क्या डिजिटल इंडिया के कारण मिल रही हैं नौकरियां?

सरकार का दावा है कि डिजिटल इंडिया से लोगों को नौकरियां मिल रही हैं. हालांकि ओसामा मंज़र कहते हैं कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है.

वो कहते हैं, "डिजिटल इंडिया के तहत लोगों को कैशलेस करने के चक्कर में बहुत परेशानी हुई है. गांवों में इंटरनेट काम नहीं करता है. पिछले दो चार सालों से एयरटेल जैसी कंपनियां भी संघर्ष कर रही हैं. सरकारी बीएसएनएल कंपनी का नेटवर्क हर जगह है, लेकिन बहुत सुस्त है. इन पर लोड ज़्यादा हो गया है. सरकार योजनाओं की घोषणा कर देती है, लेकिन ज़मीन पर लागू नहीं होती."

डिजिटल इंडिया के ट्वीट के अनुसार 2014 में मोबाइल फ़ोन निर्माण लिए केवल दो फैक्ट्री थी, जबकि आज इसके लिए 120 फैक्ट्रियां हैं. इससे युवाओं को जॉब मिली है. दावा किया जा रहा है कि क़रीब साढ़े चार लाख नागरिकों को इससे रोज़गार मिला है.

साइबर मामलों के विशेषज्ञ वक़ील विराग गुप्ता कहते हैं कि जब नए जमाने की ई-कॉमर्स कंपनियां आती हैं तो डिलिवरी बॉय, लॉजिस्टिक्स के रूप में रोज़गार पैदा होते हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन इससे कितने रोज़गार ख़त्म हुए ये भी देखना होगा."

वो कहते हैं, "असंगठित क्षेत्र में कितने रोज़गार ख़त्म हुए ये आंकड़ा भी सामने आना चाहिए. इससे कुल रोज़गार बढ़े या घटे यह साफ़ हो जाएगा. ओला, उबर के आने से दिल्ली में जितने लोगों को रोज़गार मिला क्या इस क्षेत्र में पहले से कार्यरत उससे ज़्यादा लोगों की नौकरियां नहीं गईं?"

फ़ेसबुक पर अपना डेटा कैसे सुरक्षित रखें?

डिजिटल इंडिया, इंटरनेट, ई-कॉमर्स, मोबाइल, टेक्नॉलॉजी, नरेंद्र मोदी, रोजगार, महिलाएं, इंटरनेट तकनीक
BBC
डिजिटल इंडिया, इंटरनेट, ई-कॉमर्स, मोबाइल, टेक्नॉलॉजी, नरेंद्र मोदी, रोजगार, महिलाएं, इंटरनेट तकनीक

आख़िर समस्या कहां है?

विराग कहते हैं, "ई-कॉमर्स को अभी तक परिभाषित नहीं किया गया है. इंटरनेट कंपनियां डेटा का ग़लत इस्तेमाल करती हैं, लेकिन हम अभी तक डेटा प्रोटेक्शन को लेकर क़ानून नहीं बना पाए. सभी कंपनियां भारत से बाहर ऑपरेट कर रही हैं, लेकिन ग्रीवन्स ऑफिसर की नियुक्ति नहीं की, ये कंपनियां टैक्स नहीं देती हैं, लेकिन हम बेपरवाह हैं."

वो कहते हैं, "सरकार की ज़िम्मेदारी है कि नए किस्म की इकॉनमी विकसित हो रही है तो इसके अनुरूप क़ानून भी बनाए. इन्हें नियमित व्यवस्था के भीतर लाना और उनकी जवाबदेही तय करना भी सरकार की ज़िम्मेदारी है. आज व्हाट्सऐप को अगर बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है तो उसका मालिक कौन है, भारत में उसका ऑफिस कहां है, उसकी जवाबदेही क्या है, यह व्यवस्था कराना सरकार का काम है. डिजिटल के नाम पर कंपनियों की अराजकता है, कंपनियों ने डिजिटल माफ़िया जो पैदा किए हैं वो चिंता की बात है."

विराग सवाल उठाते हैं, "आप भारत में एक छोटी से रेहड़ी लगाएं तो आपको एमसीडी का लाइसेंस चाहिए. लेकिन गूगल, फ़ेसबुक और व्हाट्सऐप के लिए कोई लाइसेंस नहीं चाहिए."

क्या क़ानून के डर से रुकेगी डेटा चोरी?

डिजिटल इंडिया, इंटरनेट, ई-कॉमर्स, मोबाइल, टेक्नॉलॉजी, नरेंद्र मोदी, रोजगार, महिलाएं, इंटरनेट तकनीक
BBC
डिजिटल इंडिया, इंटरनेट, ई-कॉमर्स, मोबाइल, टेक्नॉलॉजी, नरेंद्र मोदी, रोजगार, महिलाएं, इंटरनेट तकनीक

डिजिटल इंडिया में महिला कहां?

प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया से सबसे ज़्यादा फ़ायदा गांवों की महिलाओं को हुआ है. उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के तहत शुरू किए गए वाई फ़ाई चौपाल योजना से गांवों की बेटियां नौकरी पा रही हैं. क्या डिजिटल इंडिया से सबसे ज़्यादा फ़ायदा गांवों की महिलाओं को हुआ है?

ओसामा मंज़र कहते हैं, "लोग ख़ुद से स्मार्टफ़ोन ख़रीद लें और सरकार दावा करे कि उसने सब कुछ सही कर दिया है. स्थिति यह है कि ग्रामीण इलाकों की 92 फ़ीसदी औरतों के पास मोबाइल फ़ोन नहीं है. बात अगर पूरे देश की करें तो 72 फ़ीसदी महिलाओं के पास मोबाइल नहीं है. टीआरएआई के आंकड़ों में एक अरब लोगों के कनेक्शन की बात की जाती है वो सिम के कनेक्शन की बात करते हैं न कि इंटरनेट की."

तो डिजिटल इंडिया में अच्छा क्या है?

ओसामा मंजर कहते हैं, "डिजिटल इंडिया पिछड़े भारत को कैसे जोड़ता है उसके लिए सरकार की दो योजनाएं बहुत अच्छी हैं. एक डिजिटल लिटरेसी और दूसरा भारत नेट है."

वो कहते हैं, "डिजिटल प्रशिक्षण के लिए 6 करोड़ लोगों के लिए बजट भी पास किया. इसमें भी कमी है कि आंकड़ा पूरा करने की होड़ के बजाय किन लोगों को डिजिटली शिक्षित करना है यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए. 6 करोड़ लोगों में सारे शिक्षक, पंचायत के सभी निर्वाचित सदस्य, सभी आशा वर्कर्स आदि को शामिल किया जाना चाहिए. इन लोगों को डिजिटली शिक्षित करेंगे को तो ज़्यादा सार्थक होगा."

ओसामा कहते हैं, "सरकार दावा कर रही है कि सवा लाख गांवों में इंटरनेट पहुंच चुका है, लेकिन हमने क़रीब 270 पंचायतों का सर्वे किया तो मालूम चला कि केवल 18 से 20 फ़ीसदी कनेक्शन काम कर रहे हैं या काम करने के लायक हैं. जितनी भी योजनाओं की घोषणा की जा रही हैं वो ज़मीन पर प्रभावी हैं या नहीं मसला यह है.

आख़िर क्या है डिजिटल इंडिया?

डिजिटल इंडिया वो कार्यक्रम है जिसके तहत हर जगह लोगों तक इंटरनेट के माध्यम से सर्विस पहुंचाना है. ई-डिस्ट्रिक्ट बनाना, ई-गवर्नेंस के तहत सभी सेवाओं को ऑनलाइन करने जैसी बातें हैं. लेकिन बिना मुकम्मल बुनियादी ढांचे के यह संभव कैसे है?

बुनियादी ढांचा यानी इंटरनेट कनेक्शन. डिजिटल इंडिया के तहत किसी भी चीज़ को नतीज़े तक पहुंचाने के लिए अच्छी स्पीड का इंटरनेट ज़रूरी है.

ओसामां मंजर कहते हैं, "डिजिटल इंडिया का बैकबोन भारत नेट या कनेक्टिविटी या ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी है. अभी भी हमारी आधिकारिक ब्रॉडबैंड 256 केबीपीएस है, जबकि पूरी दुनिया में 2 एमबीपीएस पर भी लोग हंसते हैं. अगर हमें कैशलेस वर्ल्ड बनाना है, एटीएम, पेटीएम या ऑनलाइन सुरक्षित ट्रांजैक्शन करना है तो यह इस पर निर्भर करता है कि हमारा बैंडव्रिथ हाई है या नहीं. टूजी पर कोई भी ट्रांजैक्शन ऑनलाइन किया जा सकता है क्या?"

डिजिटल इंडिया, इंटरनेट, ई-कॉमर्स, मोबाइल, टेक्नॉलॉजी, नरेंद्र मोदी, रोजगार, महिलाएं, इंटरनेट तकनीक
Getty Images
डिजिटल इंडिया, इंटरनेट, ई-कॉमर्स, मोबाइल, टेक्नॉलॉजी, नरेंद्र मोदी, रोजगार, महिलाएं, इंटरनेट तकनीक

तकनीक के बेतरतीब इस्तेमाल का खामियाजा

वहीं विराग गुप्ता कहते हैं कि डिजिटल एक प्रक्रिया है.

वो कहते हैं, "तकनीकी विकास के अनेक आयाम हैं जिसकी शुरुआत आज़ादी के बाद हुई. तकनीक के एक पहलू से देश तरक्क़ी कर सकता है लेकिन तरक्की के दूसरे पहलू की अवहेलना करने से देश में अनेक संकट भी पैदा हो सकते हैं. तकनीक के प्रयोग हो रहे हैं. बगैर सरकार के प्रयास के भी हो रहे हैं. उन क्षेत्रों में सरकार की दख़लअंदाज़ी नहीं होने से अनेक संकट पैदा हुए हैं."

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
The difference between Modi's claims and truth on Digital India
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X