निर्मला सीतारमण का प्याज़ खाने पर लोकसभा में दिया पूरा बयान क्या था? #SOCIAL
लोकसभा में प्याज़ की बढ़ी क़ीमतों पर एनसीपी सांसद सुप्रिया ने सवाल पूछा था, आख़िर प्याज़ की पैदावार कम क्यों हुई? हम भारतीय मिस्र का प्याज़ क्यों खाएं? प्याज़ का किसान छोटा किसान होता है, उसे बचाने की ज़रूरत है. इसके बाद सुले के सवाल का जवाब देने के लिए निर्मला खड़ी हुईं. निर्मला जवाब देती हैं, मैं इतना लहसुन प्याज़ नहीं खाती हूं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बुधवार को संसद में प्याज़ खाने पर दिया बयान सोशल मीडिया पर छाया हुआ है.
लोकसभा में प्याज़ की बढ़ी क़ीमतों पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने सवाल पूछा था, ''आख़िर प्याज़ की पैदावार कम क्यों हुई? हम भारतीय मिस्र का प्याज़ क्यों खाएं? प्याज़ का किसान बेहद छोटा किसान होता है, उसे बचाने की ज़रूरत है.''
इसके बाद सुप्रिया सुले के सवाल का जवाब देने के लिए निर्मला अपनी सीट पर खड़ी हुईं. तभी किसी सांसद ने निर्मला से सवाल किया- आप ख़ुद प्याज़ खाती हैं?
निर्मला जवाब देती हैं, ''मैं इतना लहसुन प्याज़ नहीं खाती हूं. आप फ़िक्र मत कीजिए. मैं ऐसे परिवार से आती हूं, जहां ज़्यादा प्याज़ लहसुन का मतलब नहीं है.''
इसी दौरान एक सांसद ये भी कहते हैं कि ज़्यादा प्याज खाने से कैंसर हो जाता है. हालांकि इन सांसद और निर्मला से प्याज़ खाने का सवाल पूछने वाले सांसद कौन थे, ये पता नहीं चल पाया.
निर्मला ने जवाब में और क्या कहा?
निर्मला ने कहा, ''2014 से मैं मंत्रियों के उन समूहों का हिस्सा रही हूं, जो प्याज़ की क़ीमतों में गिरावट और बढ़ोत्तरी को देखते हैं. कई बार जब किसानों की फसल ख़राब होती हैं, तब हम निर्यात करने वाले किसानों की भी मदद करते हैं. मैंने रातोरात मदद के लिए आदेश दिए हैं. प्याज़ के मामले में कई ढांचागत दिक़्क़तें हैं. इनमें से एक दिक़्क़त है कि हमारे पास वैज्ञानिक तौर पर आधुनिक गोदाम नहीं हैं.''
निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वो इस दिशा में काफ़ी मदद कर चुके हैं.
निर्मला ने कहा, ''गडकरी भाभा ऑटोमिक रिसर्च सेंटर गए थे ताकि ये पता किया जा सके कि रेडिएशन की मदद से क्या प्याज़ को लंबे वक़्त तक बचाया जा सकता है? हमें आधुनिक स्टोरेज की ज़रूरत है और हम इस पर काम कर रहे हैं. रेडिएशन खाने की चीज़ों के लिए ख़तरनाक नहीं है. इस साल मौसम की भी मार है. इस वजह से प्याज़ की पैदावार पर असर देखने को मिला है.''
निर्मला ने भले ही लोकसभा में प्याज़ को लेकर काफ़ी कुछ बोला है. लेकिन सोशल मीडिया पर उनके बयान के एक हिस्से को ही शेयर किया जा रहा है.
ट्विटर पर #SayItLikeNirmalaTai और #NirmalaSitharaman टॉप ट्रेंड कर रहा है. कुमार विश्वास समेत कई आम लोग सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.
सोशल मीडिया पर क्या बोले लोग?
कुमार विश्वास ने तंज कसते हुए लिखा, ''मैं ऐसे परिवार से हूं जहां पेट्रोल पीया नहीं जाता है. इसलिए पेट्रोल के दाम बढ़ने से मुझको कोई परेशानी नहीं है.''
@TheNettooran ने ट्वीट किया, ''मैं रोटी नहीं खाता हूं तो आटा महंगा हो या न हो...मुझे कोई असर नहीं पड़ता.''
एक ट्विटर हैंडल ने एक तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि जेएनयू में वो सीट मिल गई, जहां निर्मला बैठा करती थीं.
आरती लिखती हैं- रेलवे घाटे में चल रही है क्योंकि मिलेनियल्स पैदल चल रहे हैं.
@Pun_Starr लिखते हैं- निर्मला को इकॉनॉमी की चिंता नहीं है क्योंकि वो इकॉनॉमी क्लास में सफ़र नहीं करती हैं.
रोफेल रिपब्लिक ने तंज किया कि भारत में तलाक़ इसलिए ज़्यादा हो रहे हैं क्योंकि लोग लगातार शादी कर रहे हैं.
चे लिखते हैं- भक्तों को नागरिकता संशोधन बिल से बिलकुल चिंता नहीं है क्योंकि वो कैलासा जा सकते हैं.
@RoflGandhi_ ने मज़ाक में लिखा कि जेएनयू मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा- हमारे परिवार में पढ़ने-लिखने का रिवाज़ नहीं है, इसलिए हमें फ़ीस वगैरह से ज़्यादा मतलब नहीं है.
पहले कब-कब चर्चा में रही हैं निर्मला?
ये पहला मौक़ा नहीं है, जब निर्मला सीतारमण सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं.
इसी साल सितंबर में ऑटो सेक्टर में सुस्ती छाई हुई थी.
तब निर्मला ने कहा था, ''ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर बीएस6 और लोगों की सोच में आए बदलाव का असर पड़ रहा है, लोग (मिलेनियल्स) अब गाड़ी ख़रीदने की बजाय ओला या उबर को तरजीह दे रहे हैं.''
कुछ दिन पहले ही निर्मला ने कहा था कि अर्थव्यवस्था को देखें तो पता चलता है कि विकास दर में कमी है, लेकिन यह मंदी नहीं है.
जीडीपी और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर निर्मला आए दिन लोगों के निशाने पर रहती हैं.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान निर्मला ख़ुद जवाब देने से बचती दिखी थीं. तब ख़ुद पानी की बोतल खोलने की कोशिश और जवाब देने के लिए सेक्रेटरी को कहने वाला वाकया भी सोशल मीडिया पर छाया था.
प्याज तक बात कैसे पहुंची?
देश में कई हिस्सों में प्याज़ की कीमत 100 रुपए प्रति किलो को भी पार कर गई है. कई जगहों पर प्याज़ चोरी की ख़बरें भी सामने आईं.
चीन और भारत मिलकर दुनिया के कुल उत्पादन (सात करोड़ टन) का क़रीब 45 फ़ीसदी पैदा करते हैं.
लेकिन खाने के मामले में ये दोनों दुनिया के शीर्ष देशों में नहीं हैं.
साल 2011 के संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन के मुताबिक़, लीबिया में हर व्यक्ति साल में औसतन 33.6 किलो प्याज़ खाता है.