JNU के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार बिहार में होंगे CPI का चेहरा, यहां से लड़ेंगे चुनाव
पटना। 25 अक्टूबर को लंबे वक्त के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने पटना में एक वृहद रैली की, जिसमें भाजपा विरोधी दल के कई बड़े नेताओं ने शिरकत की। इस रैली की खासियत ये थी कि इसके जरिए सीपीआई ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को बिहार की चुनावी राजनीति में लॉन्च कर दिया है जिसके बाद ये तय हो गया कि देशद्रोह का आरोप झेल चुके जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार वामपंथी दलों का चेहरा होंगे, सीपीआई के टिकट पर कन्हैया का बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना तय है।
कन्हैया कुमार बिहार में वामपंथी दलों का चेहरा होंगे
हालांकि इस रैली में आम लोगों की भीड़ कम थी लेकिन भाजपा विरोधी दलों के कई नेता मौजूद थे,इस रैली में कन्हैया ने अपने उग्र भाषण के जरिए जमकर पीएम मोदी, भाजपा और राज्य सरकार पर हमला बोला। कन्हैया कुमार ने नरेंद्र मोदी सरकार को संविधान और लोकतंत्र विरोधी बताया लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि कोई एक पार्टी उसे नहीं हरा सकती है, कन्हैया ने विपक्षी एकता का आह्वान किया जबकि मूल रूप से बिहार निवासी कन्हैया कुमार ने नीतीश सरकार को गुंडों की सरकार करार दिया।
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रैली में बीजेपी विरोधी नेता थे शामिल, तेजस्वी यादव थे गायब
इस रैली में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, शरद यादव, सीपीआई-एमएल के दीपांकर भट्टाचार्य, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, NCP के डीपी त्रिपाठी और राजद के रामचंद्र पूर्वे सहित CPI के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद थे लेकिन राजद को इस वक्त अपने पिता की जगह लीड कर रहे तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति से हर कोई हैरान था।
बीजेपी को हराने के लिए सबको एक होना होगा: कन्हैया कुमार
कन्हैया ने कहा कि कि केंद्र की मोदी सरकार जुमले वादियों की सरकार है और इसके खिलाफ संगठित होकर ही मुकाबला किया जा सकता है, उन्होंने BJP को याद दिलाया कि जिस श्रीकृष्ण सिंह की जयंती वह आज मना रहे हैं वे बिहार में कांग्रेस के कई दशकों तक कर्ताधर्ता थे, उन्होंने कहा कि लेकिन देखिए बीजेपी की कथनी और करनी में फर्क, एक तरफ कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी के संस्थापक में से एक डॉक्टर श्रीकृष्ण सिंह की जयंती भी मनाते हैं।