Ryan School: आक्रामक और नशा करने की वजह से आरोपी छात्र को ठहराया गया बालिग
गुरुग्राम। Ryan International School में कक्षा दूसरी के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने फैसला किया है कि आरोपी छात्र पर बालिग की तरह मुकदमा चलेगा। हालांकि बोर्ड के इस फैसले में उस रिपोर्ट की भूमिका महत्वपूर्ण है जो छात्र से बातचीत कर उसके बारे में पता लगाया गया था। छात्र की सामाजिक और मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला किया गया है। सामाजिक रिपोर्ट में एक ओर जहां सामने आया है कि छात्र काफी आक्रामक है वहीं मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट में यह बताया गया कि अलग अलग परिस्थितियों में आरोपी कैसा व्यवहार करता है।
बनाई गई थी कमेटी
Ryan School के ही कक्षा 11वीं के आरोपी छात्र की सामाजिक और मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट एक महीने पहले JJB के पास पहुंची थी। उस वक्त से लेकर 15 दिसंबर तक यह रिपोर्ट्स सीलबंद थी। 15 दिसंबर को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के समक्ष इसे खोला गया। फिर इस रिपोर्ट पर बहस हुई थी। प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर के वकील सुशील टेकरीवाल ने कहा कि आरोपी छात्र की सामाजिक रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक कमेटी बनाई गई थी।
छात्र का व्यवहार आक्रामक
कमेटी ने आरोपी के साथ पढ़ने वाले छात्रों समेत उसके पड़ोस में रहने वाले बच्चों से बातचीत कर सभी के बयान दर्ज किए थे। कमेटी ने इस रिपोर्ट में आरोपी छात्र को पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों से भी बात की। इसी के आधार यह रिपोर्ट तैयार की गई। मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट, पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, रोहतक (PGI रोहतक) के विशेषज्ञ डाक्टरों की ओऱ से तैयार की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी छात्र का व्यवहार आक्रामक है। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार IQ लेवल सामान्य छात्रों के बराबर है।
नशे की हालत में पाया गया था छात्र
छात्र की सामाजिक रिपोर्ट में दो शिक्षकों से बातचीत के आधार पर कहा गया है कि आरोपी छात्र का व्यवहार आक्रामक है। कई बार छात्र को लड़ाई झगड़ा करते पाया गया है। एक शिक्षक ने भी बताया कि आरोपी छात्र को एक बार नशे की हालत में पाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी के स्कूल वॉटर टैंक में कुछ मिलाने की कोशिश भी की थी।
पड़ोसी बच्चो के भी बयान दर्ज किए गए
सामाजिक रिपोर्ट में आरोपी स्टूडेंट के साथ पढ़ने और पड़ोसी बच्चो के भी बयान दर्ज किए गए हैं। हालांकि छात्रों का कहना था कि वो अच्छा दोस्त था और कभी लड़ाई झगड़ानहीं किया। वहीं पड़ोसियों ने व्यवहार को अच्छा बताया था। कुछ पड़ोसियों से बातचीत में समाने आया है कि छात्र पारिवारिक कलह के कारण चिड़चिड़ा रहता था। वहीं बोर्ड के फैसले पर पिता वरुण ठाकुर ने कहा कि आरोपी छात्र की ओर से काफी बचाव करन की कोशिश की गई लेकिन बोर्ड ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए हमें राहत दी।