दिल्ली यूनिवर्सिटी के 21 साल के इस छात्र ने जीता दुनिया का सबसे तेज 'ह्यूमैन कैलकुलेटर' का खिताब
नई दिल्ली- दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज के छात्र नीलकंठ भानु प्रकाश ने गणित की गणना की दुनिया में भारत का परचम लहरा दिया है। उन्होंने लंदन में आयोजित माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड में गोल्ड मेडल हासिल किया है। वह आज की तारीख में दुनिया के सबसे तेज 'ह्यूमैन कैलकुलेटर' बन चुके हैं और ऐसा करके उन्होंने 13 देशों के 29 प्रतिभागियों को धूल चटा दिया है। अब नीलकंठ भारत में मैथ फोबिया हटाने का मिशन शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए उनकी पूरी प्लानिंग है और उन्हें उम्मीद है कि गणित की दुनिया में भारत को वैश्विक स्तर पर लाने के उनके विजन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सहायता जरूर मिलेगी।
Recommended Video
दुनिया के सबसे तेज 'ह्यूमैन कैलकुलेटर' बने नीलकंठ
दिल्ली यूनिवर्सिटी के 21 साल के छात्र नीलकंठ भानु प्रकाश ने दुनिया का सबसे तेज 'ह्यूमैन कैलकुलेटर' का खिताब जीत लिया है। यह चैंपियनशिप बीते 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन लंदन में आयोजित हुई थी। इस चैंपनियनशिप में 13 देशों के प्रतिभागी शामिल हुए थे। मूलरूप से हैदराबाद के रहने वाले नीलकंठ के मुताबिक माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड (एमएसओ) के मेंटल कैलकुलेशन वर्ल्ड चैंपियनशिप में यह पहला मौका है जब भारत को गोल्ड मिला है। नीलकंठ दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज में मैथमेटिक्स (ऑनर्स) के छात्र हैं, जिनके पास तेज 'ह्यूमैन कैलकुलेटर' के कई विश्व रिकॉर्ड और 50 लिम्का रिकॉर्ड है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में भानु ने बताया कि, 'मेरे पास तेज ह्यूमैन कैलकुलेटर के लिए 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड और 50 लिम्का रिकॉर्ड हैं। मेरा दिमाग कैलकुलेटर से तेज गणना करता है। गणित के माहिर जैसे कि स्कॉट फ्लेन्सबर्ग और शकुंतला देवी का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जो कि राष्ट्र के लिए गौरव की बात है। मैंने भारत को गणित में वैश्विक स्तर पर लाने के लिए बहुत कुछ किया है। '
कैलकुलेशन की स्पीड देखकर जज भी थे हैरान
इस साल माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड में वर्चुअल माध्यम से 30 प्रतिभागी शामिल हुए थे। नीलकंठ के मुताबिक यह प्रतियोगिता दूसरे फिजिकल स्पोर्ट्स के ओलंपिक प्रतियोगता के बराबर का है। यह मेंटल स्पोर्ट्स की दुनिया में प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता है, जिसमें यूके, जर्मनी, यूएई, फ्रांस, ग्रीस और लेबनान समेत 13 देशों के 57 साल तक के प्रतियोगी शामिल हुए। इसबार के माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड में नीलकंठ 65 अंक लेकर टॉप पर रहे और बाकी 29 प्रतिभागियों को पीछे छोड़ दिया। लेबनान के प्रतिभागी को दूसरा और यूएई को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। उनका कहना है कि उनके कैलकुलेशन की स्पीड देखकर जज भी हैरान थे और चाहते थे कि वो और कैलकुलेशन करके दिखाएं। माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड पहली बार 1998 में आयोजित की गई थी।
'विजन मैथ' प्रयोगशाला बनाना चाहते हैं
भानु प्रकाश की ख्वाहिश है कि वह 'विजन मैथ' प्रयोगशाला बनाएं, जिसके जरिए लाखों बच्चों तक पहुंचे और उनके मन में गणित के प्रति लगाव बढ़ाएं। उन्होंने उम्मीद जताई की हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ओर जरूर ध्यान देंगे, जिससे गणित के क्षेत्र में भारत और तरक्की कर सके। नीलकंठ के पिता जोन्नालागाडा ने कहा है कि उनके बेटे भारत के गौरव हैं और देश से मैथ फोबिया दूर करने का विजन लेकर चल रहे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वो लॉकडाउन के दौरान से ही 8वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। पहले उनसे करीब 100 बच्चे जुड़े थे, लेकिन आज उनकी संख्या करीब एक लाख हो चुकी है। वो Exploring Infinities के नाम से एक प्रोजेक्ट के जरिए सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को गणित सिखाने का भी काम कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें- गांव की तीन बहनें पहले बनीं वॉलीबाल की नेशनल खिलाड़ी, फिर तीनों की लगी सरकारी नौकरी