जीएसटी के आने से रेस्तरां में खाना हुआ सस्ता
नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के लागू होने के बाद रेस्तरां पर अप्रत्यक्ष तौर पर लगने वाला टैक्स काफी कम हो गया है। ये ग्राहकों के लिए खासतौर से भारत में रहने वाले मिडिल क्लास लोगों के लिए बेहद अच्छा है। बाहर खाने के लिए जाना सस्ते कर देने के लिए जीएसटी का शुक्रिया। एसी और नॉन एसी रेस्टोरेंट पर जीएसटी भी अब कम होकर 14.22 फीसदी से पांच फीसदी रह गई है। गुवाहाटी में जीएसटी की 23वीं मीटिंग में ये फैसला किया गया।
रेस्तरां इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का फायदा नहींले सकेंगे। ऐसे में शराब और राज्य के कर, जैसे वैट को जीएसटी के बाहर रखा गया है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि क्योंकि ग्राहकों को आईटीसी का लाभ नहीं देते इसलिए वे खुद लाभ के लिए योग्य नहीं होंगे। होटलों को भीतर स्थित रेस्तरां भी पांच फीसदी जीएसटी ही ले सकेंगे, हालांकि 7500 से ज्यादा टैरिफ वाले होटलों पर ये लागू नहीं होगा।
जीएसटी एक अप्रत्यक्ष टैक्स है, जो गुड्स और सर्विसेज की सप्लाई पर लगता है। जीएसटी उत्पादन के दौरान की प्रक्रिया में लगाया जाता है, लेकिन उपभोक्ता के अलावा उत्पादन के विभिन्न चरणों में सभी पार्टियों को वापस किया जाना है। जीएसटी को पांच स्लैब में बांटा गया है। शून्य, पांच, 12, 18 और 28 फीसदी। पेट्रोलियम उत्पादों, शराब, बिजली जीएसटी के अंतर्गत नहीं आती है। इन पर अलग-अलग राज्य सरकारें टैक्स लगाती हैं।