सरकारी और प्राइवेट लैब में मुफ्त हो कोरोना वायरस का टेस्ट, केंद्र तुरंत जारी करे निर्देश: SC
नई दिल्ली। भारत में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मरीजों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से संबंधित टेस्ट को महामारी के लिए स्वीकृत किए गए सरकारी प्रयोगशालाओं या निजी प्रयोगशालाओं में नि:शुल्क किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द इस दिशा में एक निर्देश जारी करे।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 5194 लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। अभी तक 149 लोगों की मौत हुई है। संक्रमण के तेजी से फैलने को लेकर सरकार भी चिंतित है। बता दें कि कोरोना वायरस का टेस्ट काफी महंगा पड़ता है जिस वजह से लक्षण होने पर भी लोग टेस्ट नहीं कराते। हालांकि अभी देशभर में कोरोना वायरस के टेस्ट का खर्च अभी सरकार ही उठा रही है लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसे आम जनता के लिए भी मुफ्त किया जाए। बता दें कि बाहर से कोरोना वायरस का टेस्ट कराने पर 3000 से 5000 तक का खर्च आता है।
Supreme Court issued following interim directions to Centre: Tests relating to COVID19 whether in approved govt laboratories or approved private labs shall be free of cost,the Apex Court said and that Centre shall issue necessary directions in this regard immediately (1/3) pic.twitter.com/p7MPMEomzk
— ANI (@ANI) April 8, 2020
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने वकील शशांक देव सुधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि COVID-19 से संबंधित परीक्षण राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (NABL) मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं या WHO या ICMR द्वारा अनुमोदित किसी भी एजेंसी द्वारा किए जाने चाहिए। इसके अलावा कोरोना वायरस के टेस्ट को मुफ्त भी किया जाना चाहिए।
Supreme Court directed that it is duty of state and the Police administration to provide necessary security at all places where patients who have been diagnosed #CoronaVirus positive or who have been quarantined are housed and places where medical staff visit for screening of ppl https://t.co/HrRu4TI1OA
— ANI (@ANI) April 8, 2020
स्वास्थ्यकर्मियों
पर
हुए
हमलों
पर
जताई
नाराजगी
इसके
अलावा
सुप्रीम
कोर्ट
ने
स्वास्थ्यकर्मियों
पर
हो
रहे
हमले
पर
भी
नाराजगी
जताई
है।
कोर्ट
ने
कहा,
देश
के
विभिन्न
हिस्सों
में
विभिन्न
घटनाओं
पर
ध्यान
दिया
जहां
चिकित्सा
कर्मचारियों
और
डॉक्टरों
पर
हमला
किया
गया
और
उनके
साथ
दुर्व्यवहार
किया
गया।
सी
घटनाएं
डॉक्टरों
और
चिकित्सा
कर्मचारियों
में
असुरक्षा
की
भावना
पैदा
करने
का
कारण
बनती
हैं।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
राज्यों
को
निर्देश
दिया
है
कि
पुलिस
प्रशासन
का
कर्तव्य
है
कि
वह
उन
सभी
स्थानों
पर
आवश्यक
सुरक्षा
प्रदान
करे
जहां
रोगियों
का
इलाज
किया
जा
रहा
है।
इसके
अलावा
वहां
भी
सुरक्षा
सुनिश्चित
करें
जहां
चिकित्सा
कर्मचारी
पीपीएल
की
जांच
के
लिए
जाते
हैं।
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