21 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का साया, सेना हाई अलर्ट पर
श्रीनगर। पिछले कुछ दिनों से लगातार कश्मीर घाटी में एनकाउंटर जारी है। शुक्रवार को कुलगाम में तीन आतंकी तो शनिवार को शोपियां में तीन आतंकी ढेर हुए हैं। सेना अधिकारियों की मानें तो आतंकियों की नजरें इस बार अमरनाथ यात्रा पर हैं। आतंकी यात्रा को निशाना बना सकते हैं और इसलिए सुरक्षाबल पूरी तरह से हाई अलर्ट पर हैं। सुरक्षाबलों को इस बाबत एजेंसियों की तरफ से इंटेलीजेंस मिली है। अमरनाथ यात्रा 21 जुलाई से शुरू हो रही है।
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सेना ने किए सुरक्षा के सभी इंतजाम
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सेना के एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि हर साल होने वाली इस यात्रा को बिना रूकावट पूरी करने के लिए सारी व्यवस्था की गई है और सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार की मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के टॉप आतंकी समेत तीन आतंकवादियों का मारा जाना एक मुंहतोड़ जवाब है। यह 21 जुलाई को यात्रा शुरू होने से महज चार दिन पहले हुआ। टू सेक्टर के कमांडर, ब्रिगेडियर विवेक सिंह ठाकुर ने साउथ कश्मीर में मीडिया से कहा, 'इस बारे में इंटेलीजेंस है कि आतंकवादी, यात्रा को निशाना बनाने की अपनी पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन इसे फेल करने के लिए सेना पूरी तरह से अलर्ट है। सुरक्षा के सभी संसाधन लगाए गए हैं।'
NH44 पर सुरक्षा किसी किले जैसी
ब्रिगेडियर ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के एक हिस्से का प्रयोग करेंगे, जो संदेनशनील है। उन्होंने कहा, 'यह हिस्सा थोड़ा संवेदनशील है और यात्री सोनमर्ग (गंदेरबल) तक जाने के लिये इस रास्ते का प्रयोग करेंगे। यह बालटाल तक का अकेला रास्ता और अमरनाथ गुफा जाने के लिए चालू रहेगा।' इस वर्ष कोविड-19 को देखते हुए भी प्रशासन की तरफ से तगड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन ने रोजाना बस 500 यात्रियों को ही दर्शन की अनुमति दी है जबकि आरती लाइव टेलीकॉस्ट होगी।