पाकिस्तान में रची गई थी पंजाब में हथियारों को एयरड्रॉप करने की साजिश, चीन में बने ड्रोन का हुआ प्रयोग
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नई दिल्ली। पंजाब पुलिस की ओर से छह से नौ सितंबर के बीच करीब 80 किलोग्राम के हथियार जब्त किए गए हैं। अब जो ताजा जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक इन हथियारों को पाकिस्तान से पंजाब भेजा गया था। खालिस्तानी आतंकी संगठनों की ओर से भेजे गए इन हथियारों को सप्लाई करने के लिए चीनी ड्रोन की मदद ली गई थी। आठ सॉर्टीज की मदद से इस खेप को पंजाब में एयरड्रॉप किया गया था और यहां से इन्हें जम्मू कश्मीर भेजा जाने वाला था। एक अधिकारी की ओर से इस बात की पुष्टि की गई है। इस अधिकारी ने अपना नाम बताने से इनकार कर दिया है।
आईएसआई की मदद
सूत्रों की ओर से जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक इस पूरी खेप को खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेएफ) नेटवर्क की ओर से भेजा गया था। इस काम में पाक इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई ने मदद की थी। इसकी साजिश जर्मनी में हुई थी और फिर लाहौर में इसे अंजाम दिया गया था। इसका मकसद जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा देना था। पंजाब पुलिस की ओर से 22 सितंबर का तरन तारन जिले में भी भारी मात्रा में हथियार जब्त किए गए । तरन तारन की घटना से पहले भी पुलिस मामले की जांच कर रही थी। जांच में सामने आया कि आठ बार हथियारों को अमृतसर और तरन तारन में एयरड्रॉप किया गया था। पंजाब पुलिस ने ड्रोन से हथियार ड्रॉप करने के मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें से 22 साल का शुभदीप मंगलवार को गिरफ्तार हुआ है।
पाक सीमा के दो किलोमीटर अंदर से ड्रोन लॉन्च
शुभदीप, अमृतसर का ही रहीने वाला है और इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी है। इसके अलावा एक और आरोपी मान सिंह और आकाशदीप इस समय अमृतसर जेल में हैं। चार और लोगों को तरनतारन के गांव छोला साहिब से रविवार को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी पंजाब में रजिस्टर्ड एक सफेद रंग की मारुति स्विफ्ट कार का प्रयोग कर रहे थे। पूरे मामले की जांच में कई एजेंसियां शामिल है जिसमें पंजाब पुलिस के अलावा केंद्रीय जांच एजेंसियां, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) और इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) भी इसमें शामिल हैं। जांच में जो बात सबसे अहम सामने आई है उसमें मुताबिक चीन में बने एक कमर्शियल ड्रोन का प्रयोग कर 10 किलोग्राम के हथियारों को सबसे पहले गिराया गया। इसके बाद ड्रोन की ऑठ सॉर्टीज हुईं थी। इन ड्रोन को पाकिस्तान में दो किलोमीटर की रेंज से लॉन्च किया गया था। ड्रोन 2000 फीट की ऊंचाई पर उड़ते हुए पांच किलोमीटर की दूरी तय कर सकते थे।