हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए 80 करोड़ रुपए जुटाने वाली पांच कंपनियों पर नजर
कैलिफोर्निया आलमंड और ऐसे कई विकल्पों से पैसे इकट्ठा करने वाले हिजबुल मुजाहिद्दीन की आर्थिक मदद करने वाली पांच कंपनियों पर रखी जा रही है नजर। हिजबुल ने जुटा लिए घाटी में आतंक के लिए 80 करोड़ रुपए।
श्रीनगर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उन पांच कंपनियों पर नजर रख रही है जिन्होंने हिजबुल मुजाहिद्दीन को आर्थिक मदद की। एनआईए ने सीमा पार व्यापार में शामिल 300 कंपनियों से जुड़ी फाइलों की जांच की है। इस जांच में एनआईए को पांच कपंनियों की ओर से हुए पैसों के लेन-देन पर शंका है। पिछले कुछ वर्षों में इन पैसों के लेन देन के जरिए हिजबुल के लिए करीब 80 करोड़ रुपए की रकम जुटाई गई।
बादाम की आड़ में आतंकवाद का सौदा
अगस्त
2016
और
जनवरी
2017
में
आई
एक
रिपोर्ट
में
हमने
आपको
बताया
था
कि
कैसे
सीमा
के
दोनों
तरफ
हो
रहे
व्यापार
के
जरिए
आतंकी
संगठनों
के
लिए
रकम
जुटाई
जा
रही
है।
एनआईए
के
अधिकारियों
की
ओर
से
जानकारी
दी
गई
है
कि
पीओके
की
तरफ
से
कैलिफोर्निया
आलमंड
भेजे
जा
रहे
हैं
और
उन्हें
कश्मीर
में
लाया
जा
रहा
है।
इस
व्यापार
से
जो
रकम
मिलती
है
उसे
घाटी
में
आतंकवाद
को
बढ़ावा
देने
के
लिए
प्रयोग
किया
जाता
है।
भारत
और
पाकिस्तान
के
बीच
क्रॉस
लाइन
कंट्रोल
एग्रीमेंट
के
तहत
जम्मू
कश्मीर
और
पीओके
के
उत्पादों
को
भारत
और
पाक
में
भेजा
जा
सकता
है।
इन
उत्पादों
में
कैलिफोर्निया
ऑलमंड
भी
है
जिन्हें
पीओके
में
उत्पादित
किया
जाता
है।
एनआईए
को
अपनी
जांच
में
कैलिफोर्निया
ऑलमंड
के
लेन-देन
से
जुड़े
कई
डॉक्यूमेंट्स
मिले
हैं।
इन
डॉक्यूमेंट्स
से
पता
लगता
है
कि
पीओके
के
व्यापारी
जो
बादामों
को
भेज
रहे
हैं,
उससे
मिलने
वाली
रकम
को
जम्मू
कश्मीर
में
आतंकी
संगठनों
की
मदद
के
लिए
दिया
जा
रहा
है।
ट्रक ड्राइवर भी कर रहे हैं आतंकियों की मदद
इन डॉक्यूमेंट्स से साफ है कि पीओके से आ रहे कैलिफोर्निया आलमंड्स को आतंकवादी संगठनों के मकसदों को पूरा करने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। एनआईए ने नार्थ कश्मीर के बारामूला के सलामाबाद और पुंछ के चाकन द बाग में स्थित ट्रेड सेंटर पर सर्च ऑपरेशन चलाया था। कुछ माह पहले एनआईए को जानकारी मिली थी कुछ बिजनेसमेन और ट्रेडर्स आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करने में मदद कर रहे थे। हिजबुल मुजाहिदीन ने घाटी के कुछ ट्रक डाइवर्स को सीमा पार होने वाले व्यापार के लिए अपने साथ मिलाया हुआ है। हिजबुल मुजाहिदीन ने ट्रेडर्स के भेष में अपने कुछ आतंकवादियों को पीओके भेजा था। ट्रक ड्राइवर्स इन्हें पीओके लेकर जाते थे। एनआईए को अपनी जांच में पता लगा है कि पीओके से लौटकर आए आतंकवादियों के पास बड़ी मात्रा में कैश और हथियार थे। एनआईए को अलग-अलग जगहों से घाटी में 80 करोड़ की धनराशि आने के बारे में जानकारी मिली थी।