टेरर फंडिंग केस: 22 अप्रैल तक NIA की रिमांड पर भेजा गया JKLF प्रमुख यासीन मलिक
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और अलगाववादी समूहों को फंड मुहैया कराने के मामले में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक (Yasin Malik) को बुधवार को दिल्ली की अदालत में पेश किया। मलिक को विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल की अदालत में पेश किया गया, जहां से यासीन मलिक को 22 अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया।
टेरर फंडिंग केस में एनआईए यासीन मलिक से पूछताछ करेगी। एनआईए की स्पेशल कोर्ट के जांच एजेंसी को उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने का आदेश देने के बाद यासीन मलिक को मंगलवार शाम दिल्ली लाया गया था। यासीन के खिलाफ तीन दशक पुराने केस की दोबारा जांच शुरू करने के मामले में सीबीआई द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इस केस में यासीन मलिक आरोपी है।
#WATCH Kashmiri Separatist leader Yasin Malik being brought to NIA headquarters in Delhi. He was arrested in connection with 2017 terror financing and terror conspiracy case earlier today. Court has sent him on NIA remand till 22nd April. pic.twitter.com/4bUm2cYxhS
— ANI (@ANI) April 10, 2019
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जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) प्रमुख यासीन पर 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद का अपहरण करने और 1990 में चार भारतीय वायु सेना के चार कर्मियों की हत्या करने का आरोप है। एनआईए ने जम्मू की विशेष अदालत से मलिक की कस्टडी मांगी थी ताकि टेरर फंडिंग मामले में उससे पूछताछ की जा सके।
फारूक अब्दुल्ला बोले- मुझे बहुत अफसोस है
वहीं, एनआईए द्वारा यासीन मलिक को गिरफ्तार किए जाने पर फारूक अब्दुल्ला का बयान आया है। उन्होंने कहा- मुझे बहुत अफसोस है, इससे कोई चीज मिलेगी नहीं, जितना इनपर जुल्म करेंगे उतनी आग और भड़केगी। इंसान अलग राय रख सकता है, इसका मतलब ये नहीं कि जो तुम्हारी सोच नहीं है, उसको बंद करें, ये हिंदुस्तान का रास्ता नहीं है।
Farooq Abdullah on Yasin Malik's arrest by NIA: Mujhe bahot afsos hai, isse koi chiz milegi nahi.Jitna inpe zulm karenge utni aag aur bhadkegi. Insan differences rakh sakta hai. Iska matlab ye nahi ki jo tumahri soch mein nahi hai,usko band karein. Ye Hindustan ka raasta nahi hai pic.twitter.com/0jfAkY2eBz
— ANI (@ANI) April 10, 2019
जेकेएलएफ पर सरकार ने लगा दिया था प्रतिबंध
एनआईए की जांच का मकसद आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण, सुरक्षा बलों पर पथराव, सरकारी प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाने में शामिल लोगों की पहचान करना है। बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक के नेतृत्व वाले संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर प्रतिबंध लगा दिया था। आतंकी रोधी कानून के तहत कार्रवाई करते हुए जेकेएलएफ को बैन किया गया था।
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