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Tension in Ladakh:गलवान की घटना के पीछे था कौन, अमेरिकी अखबार का बड़ा दावा

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नई दिल्ली- इस साल 15 जून की रात को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने किसके कहने पर भारतीय जवानों पर धोखे से हमला किया था, इसका सच अब जाकर सामने आया है। यही नहीं एक अमेरिकी अखबार ने अब जाकर वह संख्या भी बताई है, जितने उस खूनी संघर्ष में पीएलए के जवान हताहत हुए थे। अमेरिकी अखबार के दावे के मुताबिक उस घटना में चीन के कम से कम 60 जवान मारे गए थे। गौरतलब है कि चीन की सरकारी मीडिया ने अबतक सिर्फ दो चीनी मिलिट्री अफसरों की मौत की पुष्टि की थी और अभी तक हताहत चीनी जवानों की संख्या को जानबूझकर छिपाकर ही रखा गया था।

गलवान में मारे गए थे चीन के 60 सैनिक-अमेरिकी अखबार

गलवान में मारे गए थे चीन के 60 सैनिक-अमेरिकी अखबार

अमेरिका के एक अखबार न्यूजवीक ने 15 जून की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों को लेकर बहुत बड़ा दावा किया है। अखबार ने खुलासा किया है कि उस रात भारतीय सेना और चीन की पीएलए के जवानों के बीच हुई खूनी संघर्ष में 40-45 नहीं पूरे 60 चीनी सैनिक मार गिराए गए थे। गौरतलब है कि हाल ही में चीन का एक वीडियो खूब वायरल हुआ था, जिसमें चीनी फौजियों के इकट्ठी ढेर सारी कब्रें दिखाई दे रही थी। गौरतलब है कि उस घटना में भारत की ओर से कर्नल संतोष बाबू समेत 20 बहादुर जवान शहीद हो गए थे। जबकि, चीन की ओर से मारे गए सैनिकों की संख्या अबतक छिपाकर ही रखी जा रही थी। चीन की सरकारी मीडिया ने ये जरूर माना था कि उसके कमांडिंग और सेकंड कमांडिग ऑफिसर जरूर ढेर हो गए थे, लेकिन जवानों की हताहतों की संख्या उसने अबतक आधिकारिक तौर पर छिपा रखी है।(ऊपर की तस्वीर सांकेतिक)

शी जिनपिंग के इशारे पर हुआ था गलवान हमला- अमेरिकी अखबार

शी जिनपिंग के इशारे पर हुआ था गलवान हमला- अमेरिकी अखबार

अमेरिकी न्यूज रिपोर्ट में पीएलए के जवानों के मारे गए संख्या के अलावा जो सबसे बड़ा खुलासा किया गया है, वह ये है कि उस रात गलवान घाटी की घटना को खुद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इशारे पर अंजाम दिया गया था। लेकिन, इसके बावजूद चीन की सेना भारतीय सेना के साहस और पराक्रम के सामने बुरी तरह मात खा गई थी और चीन की चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार आजतक उस हार को हजम नहीं कर सकी है। इस रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि अपनी बार-बार की नाकामियों से चीन (जिनपिंग) बहुत ही गुस्से में है।

बार-बार की हार से परेशान है चीन

बार-बार की हार से परेशान है चीन

रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा परिस्थितियों में अपनी नाक कटने से चीन बार-बार जिस तरह से बौखलाया हुआ है, उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। पहले तो शी जिनपिंग यह कोशिश करेंगे कि भारत से मिली हार को वजह बताकर पीएलए में अपने वफादारों को ऊंचे पदों पर तैनात कर दें। असल में जिनपिंग भारत से हुई नुकसान की भरपाई के लिए अंदर से बेचैन हो उठे हैं। ऐसी परिस्थितियों में सीमा पर (वास्तविक नियंत्रण रेखा) आने वाले दिनों में तनाव में और भी ज्यादा इजाफा देखने को मिल सकता है।

जिनपिंग के बाद भारत को चीन की नीति बदली

जिनपिंग के बाद भारत को चीन की नीति बदली

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि चीनी सैनिकों ने तभी से सीमा पर भारत के खिलाफ अपनी नीति को आक्रामक करना शुरू कर दिया था, जब से 2012 के नवंबर से शी जिनपिंग चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने थे। वही पार्टी के चेयरमैन भी हैं और वही सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के महासचिव भी। और क्योंकि, भारत और चीन के बीच बहुत लंबी दूरी तक सीमाओं का निर्धारण नहीं हुआ है, चीन अक्सर इसी का फायदा उठाता है और घुसपैठ कर जाता है। जिनपिंग के कमान संभालने के बाद से ही ऐसी घटनाएं बढ़ गई हैं।

तिब्बत में पहले से युद्धाभ्यास में जुट गया था चीन

तिब्बत में पहले से युद्धाभ्यास में जुट गया था चीन

अखबार ने फाउंडेशन फॉर दी डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के स्लियो पास्कल के हवाले से बताया है कि रूस ने भारत को चीन की हरकतों के बारे में मई में ही बता दिया था। रूस के मुताबिक चीन ने तभी से तिब्बत में युद्धाभ्यास करना शुरू कर दिया था। लेकिन, उसकी खौफनाक मंशा तब सामने आई जब 15 जून को पीएलए ने घात लगाकर बेहद घातक हथियारों से भारतीय पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला बोल दिया था।

इसे भी पढ़ें- लद्दाख में उलझाकर कहीं अरुणाचल प्रदेश में कोई बड़ी साजिश तो नहीं रच रहा है चीन इसे भी पढ़ें- लद्दाख में उलझाकर कहीं अरुणाचल प्रदेश में कोई बड़ी साजिश तो नहीं रच रहा है चीन

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English summary
Tension in Ladakh: Who was behind Galvan incident, US newspaper's big claim
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