लद्दाख में तनाव: भारत के सहयोगी हथियार-गोला बारूद और फाइटर जेट के साथ तैयार
नई दिल्ली- लद्दाख में चीन के साथ भारतीय सेना का गतिरोध बरकरार है, लेकिन अच्छी खबर ये है कि भारत के सहयोगी देश भारत की जरूरतों के मुताबिक जल्द से जल्द हथियार, गोला बारूद और फाइटर जेट की डिलीवरी के लिए तैयार हैं। फ्रांस ने वादा किया है कि अगले महीने वह अतिरिक्त राफेल जेट मुहैया करा देगा। इसी तरह इजरायल भी तत्काल काम आने वाले एयर डिफेंस सिस्टम किसी भी वक्त उपलब्ध करा सकता है। जबकि, अमेरिका बेहद ही मारक तोपखाने भेज रहा है और रूस हथियार और गोला बारूद मुहैया करवाने जा रहा है। भारत के इन तमाम सहयोगियों ने टॉप लेवल की कई द्विपक्षीय बातचीत के बाद यह वादा दोहराया है। इसके साथ ही दिल्ली में हुई एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया कि लद्दाख में ज्यादा दिनों तक गतिरोध बरकरार रहने की संभावना को देखते हुए सुरक्षा बलों को उनकी अपनी जरूरत के मुताबिक तैयारियों के लिए आपात वित्तीय अधिकार भी दिए जाएंगे।
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अगले महीने भारत पहुंचेंगे जंग में जाने के लिए तैयार राफेल फाइटर जेट
उम्मीद है कि राफेल जेट की पहले खेप 27 जुलाई तक भारत पहुंच जाएगा, जो शायद दुनिया के बेहतरीन हवा से हवा में दूर तक मार करने की क्षमता वाले लॉन्ग रेंज मिसाइलों से लैस होंगे। पहले यह योजना थी कि फ्रांस अगले महीने 4 फाइटर जेट इसके होम बेस अंबाला भेजेगा। लेकिन, सूत्रों के मुताबिक अब फ्रांस ने ये वादा किया है कि वह पहली खेप में ही अतिरिक्त राफेल फाइटर जेट भेज देगा। अबतक कुल 8 एयरक्राफ्ट के सर्टिफिकेशन की बात थी, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि वह कितने अतिरिक्त राफेल फाइटर जेट पहले डिलीवरी करेगा। राफेल उड़ाने के लिए फ्रांस में भारतीय पायलट को पूरी ट्रेनिंग दी गई है और वही उसे उड़ाकर भारत लाएंगे और ये विमान अंबाला पहुंचेंगे के तो जंग में जाने के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे। सूत्रों की मानें तो भारत में राफेल को पहुंचने में देरी न हो, इसलिए फ्रांस ने उसके साथ एरियल रिफ्यूलर्स भी तैनात करने का वादा किया है, ताकि वो एक ही उड़ान में भारत तक पहुंच सकें।
एयर डिफेंस सिस्टम भेज रहा है इजरायल
भारत के एक मुख्य हथियार सप्लायर इजरायल ने भी जल्द से जल्द एयर डिफेंस सिस्टम उपलब्ध कराने का वादा किया है, जिसकी बहुत ज्यादा आवश्यकता बताई जा रही है और उसे फौरन सीमा के पास ही तैनात किया जाएगा। इजरायल, भारत के उन भरोसेमंद दोस्तों में से है जिसने करगिल युद्ध के दौरान भी अपना वादा समय पर निभाया था। सूत्रों की मानें तो मानव रहित इजरायली डिफेंस सिस्टम सीधे इजरायली सेना के पास से आ रहे हैं और इससे लद्दाख सेक्टर में तैनात भारतीय सेना को बहुत मदद मिलेगी। यह इसलिए बेहद जरूरी है, क्योंकि कहा जा रहा है कि चीन ने अपनी ओर S-400 एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किए हैं, जो उसने अभी-अभी खरीदे हैं।
रूस भेज रहा है हथियार और गोला-बारूद का जखीरा
रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर रहा है और हाल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दौरे पर उसने आपात स्थिति में हथियार, गोला-बारूद और मिसाइलों को सप्लाई का वजन दिया है। भारत रूस से बहुत बड़ी मात्रा में सैन्य साजो-सामान मंगवा रहा है, जिसपर भारत 100 करोड़ डॉलर खर्च कर रहा है और रूस ने कुछ हफ्तों में उसकी सप्लाई सुनिश्चित करने का भरोसा दिया है। सबसे बड़ी बात ये है कि भारत में ज्यादातर टैंक और बाकी भारी हथियार रूस के ही बने हुए हैं और अगर युद्ध की स्थिति पैदा होती है तो उनके लिए गोला-बारूद का स्टॉक भरपूर मात्रा में रहना जरूरी है। मसलन, एयरफोर्स को तत्काल हवा से गिराए जाने वाले बमों और मिसाइलों की दरकार है तो आर्मी को सीमा के लिए एंटी-टैंक मिसाइलों और इंसान द्वारा संचालित प्रोटेबल एयर डिफेंस सिस्टम की भी जरूरत है।
अमेरिका ने कहा-लिस्ट दीजिए हर जरूरत पूरा करेंगे
जबकि भारत के नए सामरिक सहयोगी अमेरिका पहले से ही लद्दाख के हालात से जुड़े खुफिया सूचनाएं और सैटेलाइन तस्वीरें उपलब्ध करवा रहा है जिससे आर्मी को सीमा पर अपनी योजनाएं बनाने में मदद मिल रही है। सूत्रों ने बताया कि अमेरिका ने भारत से कहा है कि वह अपनी जरूरतों की लिस्ट दे वह उन्हें जल्द से जल्द पहुचाने का वादा करता है। जानकारी के मुताबिक इसके तहत एक्सकैलिबर आर्टिलरी राउंड को युद्धस्तर पर भेजने को कहा गया है। इंडियन इंवेंट्री में 40 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज में सटीक निशाना साधने वाले M 777 समेत कई तोपों को खासकर पहाड़ों पर जंग लड़ने के लिए ही डिजाइन किया गया है। ये गोले अपनी सटीकता और दुश्मनों को नुकसान पहुंचाने की क्षमता के लिए ही जाने जाते हैं और भारतीय सेना इसकी परख भी कर चुकी है।
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