चीन को झटका, रेलवे ने 44 वंदे भारत ट्रेनों का टेंडर किया रद्द
नई दिल्ली। भारत ने 44 सेमी हाई स्पीड 'वंदे भारत' ट्रेनों के निर्माण की टेंडर को रद्द कर दिया है। रेल मंत्रालय ने शुक्रवार रात को यह जानकारी दी। पिछले महीने जब टेंडर खोले गए थे तब 16 डिब्बे वाली इन 44 ट्रेनों के इलेक्ट्रिकल उपकरणों और अन्य सामान की आपूर्ति के लिए छह दावेदारों में से एक चीनी संयुक्त उद्यम वाली एक विदेशी कंपनी के रूप में उभरकर सामने आई थी। रेल मंत्रालय ने कहा कि वह हफ्ते के अंदर नई निविदा जारी करेगा और केंद्र के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम को तरजीह दी जाएगी।
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रेल मंत्रालय ने शुक्रवार रात को एक ट्वीट में कहा, '44 सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों (वंदे भारत) के निर्माण की निविदा रद्द कर दी गई है। संशोधित सार्वजनिक खरीद ('मेक इन इंडिया' को वरीयता) आदेश के अंतर्गत एक सप्ताह के भीतर ताजा निविदा आमंत्रित की जाएगी। हालांकि, रेलवे ने निविदा रद्द करने के पीछे किसी खास कारण का उल्लेख नहीं किया। स नई प्रक्रिया में नई पब्लिक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी के तहत मेक इन इंडिया को तरजीह दी जाएगी।
भारत सरकार की ओर से निविदा रद्द किए जाने का कदम चीन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चीनी संयुक्त उद्यम सीआरआरसी पॉयनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड अकेली विदेशी कंपनी थी। जो इस टेंडर प्रक्रिया में शामिल हुई थी। सीआरआरसी पॉयनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, चीन की सीआरआरसी योंगी इलेक्ट्रिक लिमिडेट और गुरुग्राम में कंपनी पॉयनियर एफआईएल-मेड प्राइवेट लिमिटेड का संयुक्त उद्यम है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे यह सुनिश्चित करना चाहता है कि यह टेंडर किसी घरेलू कंपनी को मिले और जैसे ही पता चला कि चीनी संयुक्त उद्यम इस परियोजना में सबसे आगे था। इस टेंडर को रद्द कर दिया गया। भारतीय रेलवे की चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी ने 10 जुलाई को टेंडर जारी किया था। रेल मंत्रालय के मुताबिक, इस टेंडर में अन्य पांच बोलीदाताओं में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भारत इंडस्ट्रीज, इलेक्ट्रोवेव्स इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, मेधा सेर्वो ड्राइवस प्राइवेट लिमिटेड और पावरनेटिक्स एक्विप्मेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल थे।
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