नोटबंदी में उधार लिए थे पैसे, सूदखोरों से हुए परेशान तो परिवार के 10 लोगों ने मांगी इच्छा मृत्यु
अहमदाबाद। गुजरात के कलोल में एक परिवार के 10 सदस्यों ने यूथेनेशिया यानि इच्छा मृत्यु की मांग की है। परिवार ने इच्छा मृत्यु के लिए गुरुवार को जिलाधिकारी को पत्र भी लिखा है। बताया जा रहा है कि यह परिवार सूदखोरों के उत्पीड़न से परेशान था। पंचमहल के जिलाधिकारी को दिए अपने प्रर्थना पत्र में परिवार के मुखिया गिरधर कुडिया ने लिखा कि जितेन्द्र जसवानी और इकबालशा दीवान से उनके बड़े बेटे पंकज को नोटबंदी के समय 30 लाख रुपए उधार दिए थे। लेकिन पंकज रकम नहीं लौटा सका। इसके बाद रकम देने वाले उस पर पैसा लौटाने का दवाब बनान लते तो वह बीते साल नवंबर में घर से फरार हो गया।
सीदखोर मांग रहे हैं एक करोड़ रुपए
कुडिया ने आरोप लगाया कि, पंकज के गायब होने के बाद सूदखोर उससे तीस प्रतिशत ब्याज प्रति महीने के हिसाब से एक करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं। ज्ञापन के अनुसार, गिरधर अपने चार बेटों के साथ कलोल में रहता है। पंकड अपनी पत्नी और दो बच्चों, 6 साल की बेटी और 3 साल के बेटे के साथ अलग रहता था और गारमेंट का बिजनेस करता था। पंकज गायब होने के बाद, गिरधर ने कलोल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करायी थी, लेकिन अभी तक उसका पता नहीं चल सका है।
पुलिस नहीं कर रही है कार्रवाई
गिरधर ने बताया कि बीते साल 9 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी, 2018 तक जसवानी और दीवान ने अपने परिवार के 8 लोगों के साथ मिलकर उनके परिवार को धमकाया। धमकाने वाले लोगों में 5 महिलाएं भी शामिल थीं, जिनके हाथ में धारदार हथियार भी थे। वे लोन दिए गए पैसों की मांग कर रहे थे। गिरधर ने कहा कि, उन्होंने घर से क़ीमती सामान लूट लिया और हमें मारने की धमकी दी। हमने 18 जनवरी को कलोल पुलिस स्टेशन में आठ लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। लेकिन अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
सरकार से मृत्यु के बाद बच्चों की देखभाल की अपील की
पीड़ित परिवार के मुताबिक, वे कुल रकम पर 30 प्रतिशत प्रति माह के ब्याजदर के हिसाब से 1 करोड़ रुपए की मांग कर रहे थे। वे लोग घर पर कब्जा करने की बात कर रहे हैं, जबकि पंकज की दुकान अब उनके कब्जे में है। गिरधर ने इच्छा मृत्यु की मांग करते हुए लिखा कि, उनके मरने के बाद पंकज के बच्चों के अलावा घर में मौजूद अन्य पांच बच्चों की सरकार देखभाल करे। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस भी इस मामले में उनकी मदद नहीं कर रही है और सूदखोरों का ही पक्ष ले रही है, क्योंकि वह धनी लोग हैं और हम गरीब और पिछड़ी जाति के। पंचमहल एसपी राजेंद्र चुडसमा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि, हम सूदखोरों के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहे हैं।