बीजेपी विधायक की बेटी की दलित युवक से शादी के मामले में नया मोड़, मंदिर के पुजारी ने किया बड़ा खुलासा
प्रयागराज। यूपी के बरेली से भाजपा विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी के दलित युवक से शादी करने का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। साक्षी ने अपनी जान को खतरा बताते हुए हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए 15 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की है। इस बीच साक्षी के शादी के मामले में अब एक नया मोड़ आया है।
विधायक की बेटी की शादी का प्रमाण पत्र फर्जी- पुजारी
प्रयागराज में मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा है कि उन्होंने बिठारी चैनपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक की बेटी की शादी नहीं कराई है। राम जानकी मंदिर के महंत परशुराम दास ने कहा, 'मंदिर में कोई शादी नहीं कराई जाती है, मंदिर के नाम से जारी किया गया प्रमाण पत्र फर्जी है। दरअसल, विधायक की बेटी की शादी का प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो बेगम सराय स्थित प्राचीन रामजानकी मंदिर के नाम से जारी किया है।
वायरल हो रहा था सर्टिफिकेट
इसमें बताया गया है कि 4 जुलाई की शाम को रामजानकी मंदिर के परिसर में वैदिक हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अजितेश कुमार और साक्षी का विवाह संपन्न हुआ था। प्रमाण पत्र पर दो गवाहों आयुष कुमार और सुधीर कुमार के हस्ताक्षर भी हैं। जबकि पुजारी का नाम विश्वपति शुक्ला लिखा गया है। बता दें कि बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा की बेटी ने अपनी जान को अपने पिता से खतरा बताया था।
बेटी के आरोपों पर विधायक की आई थी सफाई
इस वीडियो में साक्षी कहती नजर आ रही थीं, 'मैंने अपनी मर्जी से शादी कर ली है। मेरे पापा इस शादी के खिलाफ थे। मेरे और मेरे पति की जान को मेरे पापा से खतरा है। अगर हम उनके हाथ आ गए तो वो हमें जान से मार देंगे।' युवक अजितेश फरीदपुर विधायक का रिश्तेदार बताया जा रहा है। मामला सामने आने के बाद साक्षी के पिता व बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा ने अपनी सफाई देते हुए कहा था, ' मेरी बेटी बालिग है, उसको अपने जीवन के बारे में फैसला लेने का अधिकार है, उन्होंने किसी को धमकी नहीं दी है।'