Temple inside Qutub Minar?: 27 मंदिर फिर से बनाने की अर्जी पर साकेत कोर्ट में अगली सुनवाई 6 मार्च को
Qutub Minar Delhi Saket Court Hearing Updates: भारत की अमूल्य धरोहरों में से एक कुतुब मीनार के बारे में कहा जा रहा है कि मीनार की कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को हिंदू और जैन की 27 मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है, इसलिए कुतुब मीनार में हिंदू और जैन मंदिरों को फिर से बनाने और नियमित पूजा-पाठ का अधिकार मिलना चाहिए। इसके लिए दिल्ली के साकेत कोर्ट में 3 लोगों ने अर्जी दाखिल की है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले से जुड़ी पूरी जानकारी मांगते हुए अगली सुनवाई 6 मार्च को तय कर दी है।
पिटीशनर्स ने दावा किया है कि मुगल शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली की 27 मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनवाई थी। कुतुबमीनार के कॉम्पलेक्स में भगवान गणेश, विष्णु, यक्ष-यक्षिणी, द्वारपाल, पार्श्वनाथ, महावीर के चित्र बने हुए हैं और साथ ही कॉम्प्लेक्स का आउटर स्ट्रक्चरल प्राचीन हिंदू और जैन मंदिरों के आर्किटेक्चर जैसा ही है, जो ये बताने के लिए काफी है कि यहां मंदिर थे, जिसे तोड़ा गया है। याचिकर्ताओं ने अपनी दलील में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI)के इतिहास का भी जिक्र किया है, जिसमें कहा गया है कि कुतुब-मीनार में मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाया गया है।
कुछ खास बातें
- कुतुब मीनार भारत में दक्षिण दिल्ली शहर के महरौली भाग में स्थित है।
- इस मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर (237.86 फीट) और व्यास 14.3 मीटर है, जो ऊपर जाकर शिखर पर 2.75 मीटर (9.02 फीट) हो जाता है। इसमें 379 सीढ़ियां हैं।
- कुतुब मीनार लाल और बफ सेंड स्टोन से बनी भारत की सबसे ऊंची मीनार है।
- गुलाम राजवंश के कुतुब उद्दीन ऐबक ने ए. डी. 1199 में मीनार की नींव रखी थी और यह नमाज़ अदा करने की पुकार लगाने के लिए बनाई गई थी तथा इसकी पहली मंजिल बनाई गई थी।
- जिसके बाद उसके उत्तरवर्ती तथा दामाद शम्स उद्दीन इतुतमिश (ए डी 1211-36) ने तीन और मंजिलें इस पर जोड़ी।
- कुतुब मीनार के पास जो बस्ती है उसे महरौली कहा जाता है। यह एक संस्कृत शब्द है जिसे मिहिर-अवेली कहा जाता है।
- कहा जाता है कि यहां पर विख्यात खगोलज्ञ मिहिर (जो कि विक्रमादित्य के दरबार में थे) रहा करते थे।
- यूनेस्को को भारत की इस सबसे ऊंची पत्थर की मीनार को विश्व विरासत घोषित किया है।