मिसाल: अलीगढ़ के इस मदरसे में एक साथ बनेगा मंदिर और मस्जिद
नई दिल्ली। पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने सांप्रदायिक सौहार्द की बड़ी मिसाल पेश की है। उन्होंने अलीगढ़ में संचालित मदरसा चाचा नेहरू में मंदिर-मस्जिद का निर्माण कराने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि, इससे यहां पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। चाचा नेहरू मदरसा 19 वर्ष से सलमा अंसारी चला रही हैं। बता दें कि इस मदरसे के कई दानदाता हिंदू हैं।
मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए सलमा अंसारी ने कहा कि, यहां हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। जब वे किसी मंदिर या मस्जिद में जाने के लिए मदरसे के बाहर जाते हैं और कोई उनके साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो यह हमारी जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में हमारे बच्चों के साथ एक हादसा हो चुका है। हादसे को देखते हुए मदरसे के अंदर मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि, इसे महसूस करते हुए, हमने तय किया है कि मस्जिद और मंदिर दोनों का निर्माण परिसर के भीतर किया जाएगा ताकि हमारे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। अंसारी ने कहा कि, मैं चाहती हूं कि हिंदुस्तान के निर्माण में सभी का योगदान होना चाहिए। यहां मैं केवल अपने बच्चों की सुरक्षा से चिंतित हूं।
हाल की मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि, मॉब लिंचिंग के लिए मौत की सजा एक अच्छा उपाय है। इस तरह के अपराध समाज पर एक धब्बा हैं। मदरसा चलाते समय हमें इसके हर पहलू को देखना चाहिए। बता दें कि हाल ही में यूपी लॉ कमीशन ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं के लिए उम्रकैद की सजा की सिफारिश की है।
महानगर के भमोला मोहल्ला ये मदरसा अल नूर चैरिटेबल सोसायटी के तहत चालाया जा रहा है। मदरसे में चार हजार मुस्लिम व एक हजार से ज्यादा हिंदू बच्चे पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि, जिस तरह से मदरसे के अंदर लगातार हिन्दू बच्चों की तादाद बढ़ रही है उसे देखते हुए मदरसे के अंदर मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया हैमदरसे में मंदिर के निर्माण को लेकर कट्टरपंथियों के आपत्ति के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे फर्क नहीं पड़ता है कि कोई क्या कह रहा है।
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