तेलंगाना: 48 हजार परिवहन कर्मचारियों की दिवाली भी अंधेरे में बीती, नहीं मिला वेतन
हैदराबाद। जहां एक ओर पूरा देश दिवाली की रोशनी का आनंद ले रहा था, वहीं तेलंगाना में सड़क परिवहन निगम के कर्मियों की दिवाली अंधेरे में बीती। ऐसा इसलिए क्योंकि ये लोग बीते 6 हफ्ते से बिना नौकरी और वेतन के रह रहे हैं। इन कर्मियों को मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने 23 दिन पहले बर्खास्त कर दिया था, जब ये अपनी 26 मांगों के साथ हड़ताल पर बैठे थे।
इनमें से एक मांग सरकार के साथ निगम का विलय भी थी। इन कर्मियों को दशहरे पर भी वेतन नहीं मिला है। इन कर्मियों में से एक की बेटी का कहना है, 'हमने नए कपड़े और पटाखे नहीं खरीदे हैं.... मुझे नहीं लगता है कि हम खरीद भी पाएंगे। केसीआर ने वेतन नहीं दिया है। यहां तक कि मुझे स्कूल में भी परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया, क्योंकि हमने फीस नहीं दी है।'
एक कर्मी की पत्नी का कहना है, 'हमने त्येहार के बारे में सोचा तक नहीं है। दशहरा भी ऐसा ही बीता था और अब दिवाली भी। बच्चे दुखी हैं... वो मनाना चाहते थे लेकिन पैसे नहीं हैं। इन्हें वेतन जल्दी देना चाहिए।'
यहां मौजूद अन्य बच्चों का भी यही कहना है कि हम पटाखे जलाना चाहते थे लेकिन केसीआर ने उनके माता-पिता को वेतन नहीं दिया है। जब से हड़ताल शुरू हुई है, उसके बाद से अभी तक कम से कम तीन राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मियों ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है। जिनमें से 53 साल के वेंकटवेश्वरा भी एक हैं, जिन्होंने शनिवार को ही आत्महत्या की है। सड़क पर 10,600 में से केवल 6,000 बसें ही दौड़ रही हैं। केसीआर ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा है कि वह इन मौतों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। वहीं विपक्ष में बैठी कांग्रेस और बीजेपी केसीआर की आलोचना कर रही हैं।
इस महीने की शुरुआत में कर्मचारियों के बर्खास्त करने की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने (कर्मियों) खुद को ही "बर्खास्त" कर दिया है। उन्होंने समय पर काम ना करके एक अनुचित अपराध किया है क्योंकि इससे परिवहन विभाग को 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बता दें परिवहन निगम ने सितंबर से बर्खास्त किए गए कर्मियों को वेतन नहीं दिया है और अब तक के सबसे बड़े घाटे का सामना कर रहा है।
बीते हफ्ते सरकार ने कर्मियों की मांग पर चर्चा करने के लिए 6 सदस्यों का पैनल गठित किया था। हालांकि शनिवार को इसके वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि बात नहीं बन पाई है। नागेश, जिनकी पत्नी विजयलक्ष्मी को हड़ताल शुरू होने के बाद से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है का कहना है, 'हम दिवाली नहीं मना रहे हैं। उन्होंने कल हमें बातचीत के लिए बुलाया लेकिन उन्होंने सही नहीं किया। हमारी 26 मांगों में से, उन्होंने कहा कि वे केवल 16 पर बात करेंगे।'