तेलंगाना में केसीआर की 'प्रजा कल्याण' स्कीम ने कांग्रेस-टीडीपी की 'प्रजा गठबंधन' को डुबो दिया
नई दिल्ली। तेलंगाना विधानसभा चुनाव परिणाम से यह तो साफ हो गया है कि टीआरएस और कार्यवाहक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की जन कल्याणकारी योजनाओं ने असर किया है। यही वजह है कि जनता ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अलोकप्रियता ने तेलंगाना में कांग्रेस-टीडीपी विश्वास नहीं दिखाया और प्रजा गठबंधन को नीचे गिरा दिया है।
बता दें कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अभी तक आए रुझान और परिणाम में 88 सीटें टीआरएस के खाते में आती हुई दिख रही है। जबकि कांग्रेस की झोली में 21 सीटें है। जबकि बीजेपी के खाते में 1 सीट आने का अनुमान है। हालांकि अभी पार्टियों की जीत का आधिकारिक ऐलान बाकी है। लेकिन इतना साफ हो गया है कि तेलंगाना में टीआरएस जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रही है।
इस परिणाम से यह तो स्पष्ट हो गया है कि टीआरएस की जीत के पीछे कई पहलु हैं। जिसमें जन कल्याणकारी नीति या फिर प्रजा कल्याण नीति सबसे प्रमुख है। सबसे ज्यादा इसी ने टीडीपी और कांग्रेस गठबंधन को प्रभावित किया है। इस जीत के बाद विश्लेषकों ने कहा है कि यह याद रखना चाहिए कि टीआरएस सत्ता में रहते हुए जो स्कीम ले कर आई थी उसमें हर घर के लिए कुछ न कुछ था। जैसे कि रितू बंधू स्कीम, जिसके अंतर्गत प्रत्येक किसानों को प्रति एकड़ 8,000 रुपये प्रति वर्ष मिलता है मुख्य है। इसके अलावा आसारा योजना जिसमें की गरीबों, बुजुर्गों, विशेष रूप से कमजोर वर्गों के लिए पेंशन स्कीम ने टीआरएस को लाभ पहुंचाया है।
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