तेलंगाना: कांग्रेस कार्यकर्ताओं की धमकी, राहुल के इस्तीफा देने पर करेंगे भूख हड़ताल
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की। इसके बाद से लगातार उनके इस्तीफे को लेकर संशय बना हुआ है। कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता उनसे इस्तीफा ना देने की अपील कर रहे हैं। कई कार्यकर्ताओं ने उन्हें खून से लैटर लिखकर इस्तीफे ना देने का आग्रह किया है। शनिवार को तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि राहुल गांधी के इस्तीफे को लेकर भूख हड़ताल की धमकी दी है।
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी की राहुल से अपील
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं ने धमकी दी है कि अगर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपने पद से इस्तीफा देते हैं तो वो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। ये हड़ताल तब तक चलेगी जब तक वो अपना फैसला वापस नहीं लेते हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव बोल्लू किशन और सांसद हनुमंथा राव ने एक दिन का उपवास रखा और राहुल गांधी से पार्टी अध्यक्ष के तौर पर काम करने को कहा। उपवास का आयोजन तेलंगाना में कांग्रेस मुख्यालय के गांधी भवन के परिसर में किया गया था। उपवास के अंत में बोलते हुए, टीपीसीसी अध्यक्ष और सांसद एन उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि पार्टी को इस महत्वपूर्ण मोड़ पर गांधी के नेतृत्व की जरूरत है।
राहुल इस्तीफ पर अड़े
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने कांग्रेस के सीनियर नेताओं से साफ कह दिया है कि वो पार्टी के अध्यक्ष पद पर अपने इस्तीफे की पेशकश से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कांग्रेस के सीनियर नेताओं से उनका विकल्प जल्ज से जल्द खोजने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अगले दो तीन महीने तक पद पर बने रहने पर हामी भर दी हैष लेकिन उनका साफ कहना है कि इस दौरान नया कांग्रेस अध्यक्ष ढूंढ लिया जाए। वहीं कांग्रेस की वर्किंग कमेटी ने उनके इस्तीफे की पेशकश को ठुकरा दिया है और उन्हें संगठन में बदलाव के लिए फैसले लेने की स्वंत्रतता दी है।
कांग्रेस को मिली करारी हार
23 मई को लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे घोषित किए। कांग्रेस को इस चुनाव में मुंह की खानी पड़ी और बीजेपी ने 303 सीटें जीतकर अपने दम पर लगातार दूसरी बार बहुमत हासिल किया। वहीं कांग्रेस को इन चुनावों में 52 सीटों पर सिमटना पड़ा। यहां तक कि विपक्ष के नेता बनने के लिए जरूरी आंकड़ें भी वो नहीं जुटा पाई। इसके बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी में राहुल ने पद छोड़ने की पेशकश की। कांग्रेस न्याय स्कीम और राफेल के मुद्दे पर चुनावों में उतरी थी। साल 2014 में कांग्रेस को 44 सीटें मिली थी।