सबसे कम उम्र के भाजपा उम्मीदवार तेजस्वी सूर्या ने क्यों डिलीट किया 2014 का वो Tweet?
बेंगलुरु। तेजस्वी सूर्या, जो कि इस वक्त कर्नाटक के दक्षिणी बेंगलुरु की सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं, इस वक्त मीडिया के हर प्लेटफार्म पर चर्चित चेहरा हैं, 28 साल तेजस्वी सूर्या का नाम जिस दिन से लोकसभा चुनाव के लिए फाइनल हुआ है, उसी दिन से तेजस्वी अपने ट्वीट को लेकर चर्चा में हैं, पहले वो अपनी खुशी जाहिर करने वाले ट्वीट की वजह से चर्चा में थे और अब वो अपने एक पांच साल पुराने ट्वीट को डिलीट करने की वजह से सुर्खियों में हैं।
तेजस्वी ने डिलीट किया अपना पांच साल पुराना Tweet
दरअसल भाजपा के युवा नेता तेजस्वी ने अपने पांच साल पुराने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया , जिसमें उन्होंने महिला आरक्षण बिल के बारे में लिखा था कि संसद में महिला आरक्षण एक अपवाद की स्थिति है, वह महिला बिल से भयभीत हैं, संसद में महिला आरक्षण के मुद्दे को छोड़ दें तो मोदी सरकार का एजेंडा प्रेरणादायक है, मैं उस दिन की कल्पना मात्र से ही डरता हूं जिस दिन महिला आरक्षण बिल अस्तित्व में आ जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी की नेतृत्व वाली सरकार बनने के कुछ दिन बाद ही उन्होंने जून 2014 में ट्वीट किया था, हालांकि ये पांच साल पुराना ट्वीट था, जिसे अब डिलीट करने की क्या जरूरत थी, ये बात किसी के पल्ले नहीं पड़ रही है।
अनंत कुमार की सीट थी दक्षिणी बेंगलुरु की सीट
आपको बता दें कि दक्षिणी बेंगलुरु की सीट परंपरागत रूप से भाजपा के दिग्गज दिवंगत नेता अनंत कुमार की रही है, 1996 के बाद से वे यहां से रिकॉर्ड छह बार चुने गए थे लेकिन पिछले साल उनका निधन हो जाने के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी, चुनावी साल होने के कारण इस सीट पर उपचुनाव नहीं हुआ था, अब लोकसभा चुनाव 2019 से भाजपा के एक बेहद युवा चेहरे को उम्मीदवार बनाया है। वैसे सूर्या की उम्र भले ही कम हो लेकिन वे राजनीति में नए नहीं हैं, वे छात्र नेता रह चुके हैं और पढ़ाई के दौरान भाजपा की छात्र विंग ABVP से जुड़े हुए थे।
विधायक एल.ए. रविसुब्रमण्यन के भतीजे हैं सूर्या
आपको बता दें कि सूर्या मूल रूप से कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के रहने वाले हैं और बासावानगुडी विधानसभा से विधायक एल.ए. रविसुब्रमण्यन के भतीजे हैं। वैसे सूर्या पेशे से वकील हैं और उन्होंने बेंगलुरु के इंस्टिट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज से कानून की पढ़ाई की है औऱ वे कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस भी करते हैं। इसके अलावा वे फिलहाल भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महासचिव हैं साथ ही पार्टी की नेशनल सोशल मीडिया टीम के भी सदस्य भी हैं।
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OMG... OMG... मुझे भरोसा नहीं हो रहा..
25 मार्च को टिकट मिलने की घोषणा होने के बाद सूर्या ने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'OMG... OMG... मुझे भरोसा नहीं हो रहा... दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री और दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष ने 28 साल के युवा पर विश्वास जताया है। ऐसा सिर्फ मेरी पार्टी भाजपा में ही हो सकता है। सिर्फ नरेंद्र मोदी के नए भारत में हो सकता है।'
अनंत कुमार की पत्नी की जगह सूर्या को मिला टिकट
अनंत कुमार के जाने के बाद से सबको लग रहा था कि इस सीट पर उनकी पत्नी तेजस्विनी अनंत कुमार को मौका मिलेगा लेकिन पार्टी हाईकमान ने सूर्या को चुना, जिसके पीछे वजह बताई गई कि वो युवा और बढ़िया वक्ता हैं, जबकि लंबे वक्त से सामाजिक कार्यों में लिप्त अनंत कुमार की पत्नी को पार्टी ने मौका नहीं दिया, जिससे पार्टी के कार्यकर्ताओं को थोड़ी निराशा भी हुई है, जिसके बारे में तेजस्विनी ने मीडिया में बयान दिया था कि इस फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं में थोड़ा बहुत असंतोष हो सकता है, लेकिन सभी को ये समझने की ज़रूरत है कि ये पार्टी नेताओं का निर्णय है, मेरे पति के लिए देश पहले नंबर था और मोदीजी का सत्ता में दोबारा आना बेहद ज़रूरी है, अगर पार्टी ने सूर्या को चुना है तो इसके पीछे बड़ी वजह होगी, हम पार्टी के इस फैसले का सम्मान करते हैं।
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