नीतीश के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होंगे तेजस्वी, कहा- 'जनादेश' को 'शासनादेश' से बदला गया
आरजेडी ने नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया है।
नई दिल्ली। जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार आज बिहार में सातवीं बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। बीते मंगलवार को घोषित हुए चुनाव नतीजों में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद रविवार को एनडीए के नेताओं ने नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से अपना नेता चुन लिया। आज पटना में शाम करीब 4:30 बजे नीतीश सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल होंगे। वहीं आरजेडी ने नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण का बहिष्कार करते हुए कहा है कि तेजस्वी यादव इस समारोह में शामिल नहीं होंगे।
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राष्ट्रीय जनता दल के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा गया, 'राजद शपथ ग्रहण का बायकॉट करती है। बदलाव का जनादेश एनडीए के विरुद्ध है। जनादेश को 'शासनादेश' से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों, किसानों, संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछें कि उनपर क्या गुजर रही है। एनडीए के फर्ज़ीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि हैं और जनता के साथ खड़े हैं।'
'बिहार
में
दो
मजबूरों
की
मजबूर
सरकार'
एक
अन्य
ट्वीट
में
आरजेडी
ने
कहा,
'बिहार
में
दो
मजबूरों
की
मजबूर
सरकार
बन
रही
है।
एक
शक्तिविहीन,
शिथिल
और
भ्रष्ट
प्रमाणित
हो
चुके
मजबूर
सीएम।
दूसरा
चेहराविहीन
और
तंत्र
प्रपंच
को
मजबूर
वरिष्ठ
घटक
दल।
इनकी
मजबूरी
हैं-
1)
राजद
का
जनाधार!
और
2)
तेजस्वी
यादव
को
अपना
सर्वाधिक
प्रिय
नेता
स्वीकार
कर
चुका
बिहार।'
बिहार
की
सबसे
बड़ी
पार्टी
बनी
आरजेडी
आपको
बता
दें
कि
बिहार
के
चुनाव
परिणामों
में
75
विधानसभा
सीटें
हासिल
कर
आरजेडी
राज्य
की
सबसे
बड़ी
पार्टी
बनकर
उभरी
है,
लेकिन
उनके
महागठबंधन
को
बहुमत
नहीं
मिला
है।
कांग्रेस,
आरजेडी
और
वाम
दलों
का
महागठबंधन
बिहार
की
243
सीटों
में
से
110
सीटें
ही
हासिल
कर
पाया
है।
इनमें
आरजेडी
को
75,
कांग्रेस
को
19,
कम्युनिष्ट
पार्टी
ऑफ
इंडिया
(एमएल)
को
12,
कम्युनिष्ट
पार्टी
ऑफ
इंडिया
(एम)
को
2
और
कम्युनिष्ट
पार्टी
ऑफ
इंडिया
को
2
सीटें
मिली
हैं।
वहीं,
एनडीए
ने
125
सीटों
पर
जीत
दर्ज
की
है,
जिनमें
से
74
सीटों
पर
भाजपा,
43
सीटों
पर
जेडीयू
और
4-4
सीटों
पर
वीआईपी
व
हम
ने
जीत
का
परचम
लहराया
है।
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