क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

क्या तेजप्रताप को राजद से निकालने के बाद ही काम संभालेंगे तेजस्वी?

By अशोक कुमार शर्मा
Google Oneindia News

पटना। लालू परिवार गहरे राजनीतिक भंवर में फंसा हुआ है। इस सच पर पर्दा डालने की सारी कोशिशें अब नाकाम हो गयी हैं। भाई-भाई की लड़ाई आखिरी दौर में दाखिल हो गयी है। कोई जीतेगा तो कोई हारेगा। सुलह की अब कोई गुजाइंश नहीं। रहस्यमयी लंबी गुमशुदगी के बाद तेजस्वी यादव पटना आये, इसके बाद भी वे विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए। सोमवार की सुबह 7.40 में तेजस्वी पटना पहुंचे थे। सोमवार को राजद के विधायक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का इंतजार करते रहे। मंगलवार को भी तेजस्वी सदन में नहीं पहुंचे। तेजस्वी के इस रवैये से चमकी का एक बड़ा मुद्दा राजद के हाथ से फिसल रहा है। इस बीच भाजपा नेता और नीतीश सरकार के मंत्री विजय सिन्हा के बयान से राजद में भूचाल आ गया है।

तेजस्वी ने लालू के सामने रखी शर्त

तेजस्वी ने लालू के सामने रखी शर्त

बिहार सरकार के मंत्री विजय सिन्हा के मुताबिक, तेजस्वी ने लालू यादव के सामने तेजप्रताप को पार्टी से निकालने की शर्त रख दी है। तेजस्वी का कहना है जब तक तेजप्रताप राजद में रहेंगे तब तक वे पार्टी का कोई काम नहीं करेंगे। तेजस्वी की इस शर्त से लालू परिवार के हाथ-पांव फूल गये हैं। अभी तक लालू-राबड़ी दोनों भाइयों के झगड़े को छिपाते रहे थे। पार्टी की एकता और मजबूती के लिए ऐसा किया जाना जरूरी भी था। लेकिन हालात अब बेकाबू हो गये हैं। इसे छिपाना मुमकिन न रहा। तेजस्वी के गायब रहने पर राजद के नेताओं की सफाई गले से नहीं उतर रही थी। कोई कहता बीमार हैं तो कोई कहता वर्ल्डकप देखने इंग्लैंड गये हैं। तभी से कुछ गड़बड़ होने की आशंका जतायी जा रही थी। अगर वे सचमुच इलाज करा रहे थे तो इसमें छिपाने वाली बात क्या थी ? वे लोगों से मिलजुल क्यों नहीं रहे थे ? राजद की राजनीति से खुद क्यों अलग कर लिया था ? पटना पहुंचने के बाद भी तेजस्वी का एक्टिव मोड में न आना, विजय सिन्हा के बयान को बल प्रदान कर रहा है।

ये भी पढ़ें: 17 जातियों को लेकर योगी सरकार के फैसले पर मोदी सरकार ने उठाए सवाल, बताया- असंवैधानिकये भी पढ़ें: 17 जातियों को लेकर योगी सरकार के फैसले पर मोदी सरकार ने उठाए सवाल, बताया- असंवैधानिक

सिद्दीकी और ललित यादव संभाल रहे मोर्चा

सिद्दीकी और ललित यादव संभाल रहे मोर्चा

बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में राजद ने चमकी बुकार के मुद्दे को जारदार तरीके से उठाया है। सोमवार को इस मुद्दे पर राजद ने विधानसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव रखा जिसे स्पीकर ने स्वीकर कर लिया। आमतौर पर कार्य स्थगन प्रस्ताव स्वीकर नहीं किया जाता। यह चौंकाने वाला फैसला था। कहा जा रहा है कि नीतीश सरकार ने मंगल पांडेय को एक्सपोज करने के लिए जानबूझ कर सदन में चमकी पर चर्चा करायी। सोमवार को इस मुद्दे् पर चर्चा के लिए राजद की तरफ से अब्दुल बारी सिद्दीकी ने मोर्चा संभाला था। तेजस्वी पटना में रहने के बाद भी सदन से गैरहाजिर रहे। सिद्दीकी ने नीतीश की बजाय मंगल पांडेय को चमकी से मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। राजद, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और नीतीश कुमार के जवाब से संतुष्ट नहीं था। मंगलवार को जब दूसरे दिन चमकी के मुद्दे पर राजद ने सदन में हंगामा किया तो उस समय भी तेजस्वी यादव विधानसभा में मौजूद नहीं थे। तेजस्वी की गैरमौजूदगी में ललित यादव ने राजद की तरफ से मोर्चा संभाला। भोजनावकाश तक उनका इंतजार ही होता रहा। तेजस्वी के ना रहने से विपक्ष की मुहिम कमजोर पड़ गयी। एक बड़ा मुद्दा राजद के हाथ से फिसलता दिख रहा है।

पशोपेश में लालू- राबड़ी

पशोपेश में लालू- राबड़ी

बिहार विधानमंडल का सत्र शुरू होने से कुछ दिन पहले तेजप्रताप यादव ने रांची जा कर लालू यादव से मुलाकात की थी। कहा जाता है कि वे सदन में अपने लिए बड़ी भूमिका चाह रहे थे। लेकिन लालू यादव ने उन्हें समझाया था। पार्टी जिस मोड़ पर खड़ी है उसको देख कर लालू यादव कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। फिलहाल न वे तेजस्वी की बात मान रहे हैं और न ही तेजप्रताप की। किसी एक की बात मानी तो राजद का रायता फैलना तय है। इसलिए लालू ने फिलहाल अब्दुल बारी सिद्दीकी और ललित यादव को विधानसभा में आगे कर दिया है।

Comments
English summary
Tejashwi Yadav wants to Expel Tej Pratap from Party
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X