लंच के दौरान नीतीश से मिले तेजस्वी और सर्वसम्मति से एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव हो गया पास
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा में मंगलवार को एनपीआर में बदलाव और एनआरसी को ना लागू करने को लेकर प्रस्ताव पास किया है। प्रस्ताव के मुताबिक, बिहार सरकार राज्य में एनआरसी नहीं लागू करेगी, वहीं एनपीआर को 2010 की गाइडलाइन में मामूली बदलाव के साथ लागू किया जाएगा। खास बात ये है कि बिहार एनडीए शासित पहला राज्य है, जहां एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया है। सर्वसम्मति प्रस्ताव पास होने में नेता विपक्ष और मुख्यमंत्री की सदन की कार्यवाही के बीच में हुई करीब 20 मिनट की मुलाकात ने अहम भूमिका निभाई है।
बहस के दौरान सदन में दिखी गर्मागर्मी
मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने एनपीआर के मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया। इसे विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने मंजूर कर लिया और इस पर बहस शुरू हो गई। इस दौरान सदन में गहमागहमी दिखी। एक बार तो भाजपा और राजद के सदस्य आमने-सामने आ गए। कार्यवाही लंच तक के लिए स्थगित हुई तो तेजस्वी यादव और अब्दुल बारी सिद्दीकी नीतीश कुमार से मिलने उनके कक्ष में पहुंचे। कांग्रेस नेता अवधेश चौधरी भी पहुंच गए। चारों नेताओं के बीच करीब 20 मिनट मुलाकात चली।
लंच के बाद प्रस्ताव पास हो गया
तेजस्वी से मुलाकात के बाद नीतीश ने लंच के बाद स्पीकर से फिर से बहस बढ़ाने को कहा। इसके बरस हुई और अध्यक्ष विजय चौधरी ने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी। इसको लेकर भाजपा के सदस्यों में नाराजगी भी दिखी। अब इस बात को लेकर चर्चा है कि लंच से पहले जहां बहस में गर्मागर्मी देखने को मिल रही थी वहीं बाद की कार्यवाही में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हो गया।
बिहार बजट 2020: महिलाओं को 35% आरक्षण दिया जायेगा, 1.36 लाख किसानों को सस्ती बिजली
नीतीश ने कहा- एनआरसी नहीं लागू की जाएगी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सदन में एक बार फिर साफ किया कि एनआरसी बिहार में नहीं लागू करेंगे, हम मिलकर चलेंगे और हम समाज के किसी तबके की उपेक्षा नहीं होने देंगे। वहीं सीएए पर कहा कि संशोधिक नागरिकता कानून सही है या गलत ये मामला सर्वोच्च न्यायालय के विचाराधीन हैं। एनपीआर पर नीतीश ने कहा कि पिछले हफ्ते ही उनकी सरकर ने केंद्र सरकर को चिट्ठी लिखकर आग्रह किया है कि 2010 के फॉर्मेट में ही एनपीआर किया जाए।