कृषि बिल पर फूटा तेजस्वी यादव का गुस्सा, बोले यह किसान विरोधी बिल
नई दिल्ली। किसान बिल को लेकर केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर इस बिल को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह बिल किसान विरोधी है, गरीब जनता विरोधी है। तेजस्वी ने कहा कि मैं शुरू से कहता आ रहा हूं कि केंद्र की एनडीए सरकार किसान विरोधी, गरीब विरोधी, मजदूर विरोधी है। ये लोगों पर जबरन बिल थोपना चाहते हैं। ये बिल पूरी तरह से किसान विरोधी हैं। इस बिल से किसानों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और देश पर बुरा असर डालेगा। एक ट्वीट करके तेजस्वी ने लिखा, नौजवान के बाद किसान अब सरकार के निशाने पर। राजद, किसान विरोधी ड़बल इंजन सरकार द्वारा लोकसभा में पारित किसान विरोधी अध्यादेशों पर मुखरता से अपना पुरजोर विरोध प्रकट करती है। बेरोज़गार युवा और किसान मिलकर इस निकम्मी सरकार को उखाड़ फेंकेंगे।
वहीं इस बिल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने समर्थन किया है। पीएम ने कहा कि यह बिल किसानों के हित में है और उन्हें अपनी फसल को बेचने के और अवसर मिलेगा, विपक्ष बिचौलियों के साथ खड़ा है और लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है। जबकि नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा झूठ फैलाकर देश की जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास किया जा रहा है। कृषि बिल 2020 पूरी तरह से किसान हितैषी और उनकी आय में वृद्धि करने के लिए उठाया गया, मोदी सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। झूठ को पहचानेनं, सच का साथ दें।
Recommended Video
बता दें कि गुरुवार को लोकसभा में कृषि बिल को पास कर दिया गया। बिल के विरोध में शिरोमणि अकाली दल की नेता और केंद्र सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं इस बिल का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बिल को किसानों के हित में बताया है। पीएम ने कहा कि जिन लोगों ने दशकों से इस देश पर शासन किया और र किसानों को मजबूत करने के लिए कुछ नहीं किया, ऐसे लोगों की राजनीति से सावधान रहने की जरूरत है। ये लोग बिचौलियों के पक्ष में खड़े हैं जो गलत तरह से किसानों के मुनाफे को लूटते हैं। बता दें कि गुरुवार को लोकसभा में कृषि विधेयकों को पास कर दिया गया, जिसके विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही कांग्रेस, टीएमसी, आरएसपी ने भी इस बिल का लोकसभा में विरोध किया था।