तेजस्वी का नीतीश को चैलेंज, कहा- नालंदा से चुनाव लड़ लें तो भी हरा दूंगा, जानिए क्यों लिया नालंदा का नाम ?
पटना। बिहार चुनाव में आरजेडी नेता और महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को चुनाव लड़ने का चैलेंज दिया है। तेजस्वी ने कहा कि अगर सीएम नीतीश कुमार में हिम्मत है तो नालंदा की किसी भी सीट से चुनाव लड़ लें, मैं वहां भी उन्हें हरा दूंगा।
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तेजस्वी यादव ने बुधवार को राघोपुर सीट के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। आरजेडी नेता के नामांकन के समय उनके साथ बड़े भाई तेज प्रताप यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ ही राष्ट्रीय महासचिव भोला सिंह यादव भी मौजूद रहे।
नामांकन से पहले तेजस्वी यादव ने अपने प्रतिद्वंदी सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए उन्हें चुनाव लड़ने की चुनौती दे डाली। तेजस्वी ने कहा कि 'मैं राघोपुर से नामांकन कर रहा हूं। साथ ही सीएम नीतीश को भी चुनौती देता हूं कि वे अपने गृह जिले नालंदा की किसी भी सीट से नामांकन भरें, मैं भी वहां से चुनाव लड़ूंगा और उन्हें वहां भी हराकर दिखाऊंगा।'
सरकार पर साधा निशाना
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में नीतीश सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। प्रदेश में युवा बेरोजगार है सरकार उन्हें रोजगार नहीं दे पा रही है। हम बिहार में सरकार बनाने जा रहे हैं। प्रदेश में किसानों, नौजवानों में महागठबंधन को लेकर पूरा उत्साह है। तेजस्वी ने सरकार बनने पर पहली कैबिनेट में ही 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात एक बार फिर से कही। नामांकन के बाद ट्वीट में उन्होंने लिखा 'हमारी सरकार आने पर बिहार में कार्यरत नियोजित शिक्षकों को भी नियमित शिक्षकों की तरह समान सेवा शर्त और समान काम के लिए समान वेतन दिया जाएगा। नियोजित शिक्षकों को नीतीश सरकार ने हमेशा धोखा दिया है। शिक्षकों की सभी समस्याओं का निदान किया जाएगा।'
ये
है
नालंदा
का
नाम
लेने
की
वजह
दरअसल
नीतीश
कुमार
चुनाव
में
नहीं
उतरते
हैं।
वे
विधान
परिषद
के
रास्ते
से
मुख्यमंत्री
बनते
रहे
हैं।
इसी
को
लेकर
तेजस्वी
ने
सीएम
नीतीश
को
चुनौती
दी
है।
नालंदा
का
नाम
लेने
के
पीछे
यह
वजह
है
कि
ये
नीतीश
कुमार
का
गृह
जिला
है।
ऐसे
में
तेजस्वी
यह
संदेश
देना
चाह
रहे
हैं
कि
नीतीश
हार
के
डर
से
चुनाव
में
नहीं
उतरते
हैं।
वहीं तेजस्वी ने राघोपुर सीट पर नामांकन के लिए निकलने से पहले मां राबड़ी देवी और बड़े भाई तेज प्रताप के पैर छुए। इस दौरान पिता लालू प्रसाद मौजूद नहीं थे तो तेजस्वी ने उनकी तस्वीर को प्रणाम किया और नामांकन करने गए।
बिना
लालू
के
चुनाव
में
आरजेडी
राघोपुर
राष्ट्रीय
जनता
दल
की
पुरानी
सीट
है।
2015
में
यहां
से
तेजस्वी
यादव
चुनाव
जीत
चुके
हैं।
यादव
बहुल
इस
सीट
से
लालू
यादव
और
राबड़ी
देवी
भी
विधानसभा
पहुंच
चुके
हैं।
इस
बार
आरजेडी
अपने
प्रमुख
नेता
लालू
यादव
के
बिना
ही
मैदान
में
उतरी
है।
इस
पर
बिहार
की
पूर्व
मुख्यमंत्री
और
लालू
यादव
की
पत्नी
ने
कहा
कि
सिर्फ
हमारा
परिवार
ही
नहीं
बल्कि
पूरा
बिहार
लालू
जी
को
मिस
कर
रहा
है।
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