क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पहली प्राइवेट ट्रेन ‘तेजस’ इतिहास रचने को तैयार, जानिए सुविधाएं और किराया

Google Oneindia News

नई दिल्ली। लखनऊ जंक्शन एक और इतिहास रचने को तैयार है। अब लखनऊ-दिल्ली के बीच प्राइवेट कंपनियां चलाएंगी ट्रेन। भारत की पहली प्राइवेट पार्टनरशिप में चलने वाली सुपरफ़ास्ट ट्रेन 'तेजस' लखनऊ पहुंच चुकी है, बस इसके संचालन तिथि की औपचारिक घोषणा होना बाक़ी है। उम्मीद है कि 15 अगस्त या इसके आसपास इसका संचालन शुरू हो जायेगा। लखनऊ जंक्शन से दिल्ली के आनंदविहार के बीच यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलेगी। तेजस लखनऊ से आनंदविहार की दूरी 6 घंटे 10 मिनट में तय करेगी। ट्रेन की अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रतिघंटा निर्धारित की गई है।

6 घंटे 10 मिनट में तय होगी लखनऊ-दिल्ली की दूरी

6 घंटे 10 मिनट में तय होगी लखनऊ-दिल्ली की दूरी

अभी इसका समय लखनऊ से सुबह 6.50 चलकर दोपहर 1.20 पर अनंदविहार पहुचने के लिए प्रस्तावित है। आनंदविहार से ट्रेन 3.50 पर रवाना होकर रात 10.05 पर लखनऊ जंक्शन पहुंचेगी। इसी तरह लखनऊ जंक्शन से पहली बार लखनऊ जंक्शनसे आनंदविहार के लिए डबल डेकर वातानुकूलित ट्रेन शुरू की गई जो अभी भी सप्ताह में पांच दिन चलती है। ट्रेन की रैक फिलहाल लखनऊ के गोमतीनगर स्टेशन की वाशिंगलाइन पर खडी है क्योंकि लखनऊ जंक्शन पर स्थान की कमी है।

<strong>इसे भी पढ़ें:- 58 अप्रासंगिक कानूनों को खत्म करने के लिए मोदी कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला</strong>इसे भी पढ़ें:- 58 अप्रासंगिक कानूनों को खत्म करने के लिए मोदी कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला

निजी प्रबंधन से यात्रियों को मिलेंगी अधिक सुविधा

निजी प्रबंधन से यात्रियों को मिलेंगी अधिक सुविधा

उम्मीद है कि निजी हाथों में प्रबंधन से साफ़-सफाई और कुछ हद तक ट्रेन की लेटलतीफी में कमी आयेगी और यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ मिलेगी। ट्रेनों में बढ़ रहीं गंदगी और AC खराब होने की शिकायतें भी दूर होंगी। अभी इसका किराया तय नहीं है। संभव है किराया कुछ ज्यादा हो लेकिन अगर सुविधाएँ मिलेंगी तो यात्री अधिक किराया देने को भी तैयार होंगे।

अधिकारियों को उम्मीद है कि अगले 100 दिन के भीतर निजी कंपनी कम से कम एक ट्रेन चलाने में जरूर समर्थ होगी। हालांकि अभी तक इस बात का फैसला नहीं हो सका है कि इस ट्रेन में यात्रा करने पर यात्रियों को कितना किराया देना पड़ा। ट्रेन का संचालन आईआरसीटीसी करेगी और वही इस बात पर फैसला लेगी कि इस ट्रेन का किराया कितना होगा और इसमे कम से कम क्या सुविधा यात्रियों को मिलेगी। ट्रेन पर अधिकार रेलवे का ही होगा, लेकिन निजी कंपनी को इसका किराया, आदि देना होगा।

वाईफाई, सीसीटीवी, एलईडी और मोडुलर बायोटॉयलेट की सुविधा

वाईफाई, सीसीटीवी, एलईडी और मोडुलर बायोटॉयलेट की सुविधा

इस ट्रेन का रूट क्या होगा इस पर अभी मंथन चल रहा। फिलहाल इसे लखनऊ से वाया कानपुर-अलीगढ़ चलाया जा सकता है। ट्रेन में कुल 20 से 22 कोच होंगे। जिमें वातानुकूलित चेयर कार के अलावा प्रथम श्रेणी की चेयरकार कोच भी हैं। हर कोच में व्यंजन मशहूर शेफ तैयार करेंगे, वाईफाई की सुविधा, सीसीटीवी, एलईडी और मोडुलर बायोटॉयलेट है। तेजस ट्रेन के रैक को पंजाब की कपूरथला कोच फैक्ट्री में तैयार किया गया है। इस हाई स्पीड ट्रेन का ब्रेक सिस्टम भी पहले की समान्य कोच से भिन्न है। इसमें पहियों की गति रोकने के लिए ब्रेक शू की जगह हर पहिये में वैक्यूम डिस्क लगी है। इससे ब्रेक लगते ही ट्रेन बहुत जल्द रुक जाएगी और झटके भी नहीं लगेंगे।

प्राइवेट पार्टनरशिप का विरोध

प्राइवेट पार्टनरशिप का विरोध

दूसरी ओर रेलवे में प्राइवेट पार्टनरशिप का विरोध भी हो रहा है। कुछ दिन पहले यूपीए चेयरपर्सन और रायबरेली सांसद सोनिया गांधी ने संसद में रेलवे के निजीकरण और रायबरेली के रेल कोच फैक्ट्री का मुद्दा उठाया था। सोनिया गांधी ने कहा कि जिस तरह से एनडीए सरकार रेलवे को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है, वो ठीक नहीं है। इससे देश के मजदूर वर्ग के लिए भारी संकट खड़ा हो जाएगा। सोनिया गांधी ने कहा कि अलग रेल बजट की परंपरा को भी इस सरकार ने खत्म किया जो बिल्कुल ठीक नहीं है।

दूसरी ओर रेलवे सुविधा के और बेहतर करने के लिए रेलवे सबसे व्यस्त रूट की ट्रेनों को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही है। यात्री ट्रेनों में यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि वह प्राइवेट कंपनियों को मौका देगी। इसके लिए सबसे व्यस्त रुट को चुना गया है, जिसमे दिल्ली से लखनऊ, मुंबई से शिरडी के रूट का चयन किया गया है। रेलवे बोर्ड इन दोनों ही रुट को निजी हाथों में देने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही बेंगलुरू-चेन्नई, अहमदाबाद-मुंबई, त्रिवेंद्रम-कन्नूर के रूट पर भी विचार किया जा रहा है। दिल्ली से लखनऊ के बीच की दूरी लगभग 500 किलोमीटर है और इस रूट पर यात्रियों का बोझ काफी अधिक होता है, इस रूट पर चलने वाली स्वर्ण शताब्दी 6.30 घंटे का समय लेती है और AC एक्सप्रेस 7 घंटे लेती है। वहीं मुंबई से शिरडी के बीच सिर्फ दो ट्रेने हैं। शुरुआती दौर में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) उन दो ट्रेनों को चलाने की इजाजत निजी कंपनी को देगी जिनके बीच की दूरी 500 किलोमीटर के भीतर है।

<strong>इसे भी पढ़ें:- असम बाढ़ को लेकर प्रियंका चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर की दान की अपील, यूजर्स ने दिया ये जवाब </strong>इसे भी पढ़ें:- असम बाढ़ को लेकर प्रियंका चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर की दान की अपील, यूजर्स ने दिया ये जवाब

Comments
English summary
Tejas: First private train tejas express creats history Know about schedule facilities
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X