खतरे में यात्रियों की जान, बिना सिक्योरिटी क्लीयरेंस के चल रही है तेजस एक्सप्रेस
नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस साल मई माह में तेजस एक्सप्रेस को हरी झंडी थी लेकिन यह ट्रेन किसी खतरे से खाली नहीं है। आपको बता दें कि जब तेजस एक्सप्रेस लॉन्च हुई थी तब रेलवे ने इसे 'ट्रेन यात्रा का भविष्य' बताया था लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि यह ट्रेन कमिशनर ऑफ रेलवे के बिना सुरक्षा मंजूरी के ही दौड़ रही है।
बिना CRS मंजूरी के ही दौड़ा दी तेजस
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, पिछले सप्ताह सीआरएस ने केंद्रीय रेलवे और रेल मंत्री को पत्र लिखकर पूछा था कि बिना निरीक्षण और सुरक्षा मंजूरी के आपने तेजस को लॉन्च कैसे कर दिया और यह अभी तक कैसे दौड़ रही है। वहीं, रेलवे ने इस पत्र का जवाब देते हुए सीआरएस को कहा है कि इस नई ट्रेन की कुछ खास विशेष विशेषताएं होने के कारण इसमें 'नये रोलिंग स्टॉक' को शामिल नहीं किया गया था, इसलिए सीआरएस से सेफ्टी मंजूरी की जरूरत को नहीं समझा गया।
रेलवे ने किया नियमों का उल्लंघन
सीआरएस ने अपने पत्र में लिखा है कि बिना मंजूरी के किसी भी नई ट्रेन को हरी झंडी दे देना रेलवे एक्ट 1989 के सेक्शन 27 का उल्लंघन है। यह कदम रेलवे मिनिस्ट्री के सर्कुलर नंबर 6 के भी खिलाफ है, जो यह बताता है कि किसी भी तेज गति वाले नए रोलिंग स्टॉक को सीआरएस से अनुमति मिलनी जरूरी है।
हाईटेक ट्रेन है तेजस
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मई में तेजस एक्सप्रेस को लॉन्च किया था। तेजस एक लक्जरी ट्रेन है, जो मुंबई से गोवा तक चलती है। सीआरएस के अनुसार, तेजस में ऑटोमैटिक डोर, नई ब्रेकिंग सिस्टम और 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने लायक बनाने जैसी कई नई विशेषताएं शामिल है। वहीं, रेलवे ने जवाब देते हुए कहा कि इसमें कुछ नए फीचर्स जरूर है लेकिन नए रोलिंग स्टॉक नहीं है। रेलवे के अनुसार, तेजस की स्पीड 200 किमी प्रतिघंटा जरूर है लेकिन अभी इसकी स्पीड 110 किमी प्रतिघंटा ही रखी गई है।