इन वजहों से लेट हुई तेजस एक्सप्रेस तो यात्रियों को नहीं मिलेगा मुआवजा!
नई दिल्ली। देश की पहली प्राइवेट ट्रेन 'तेजस' के लेट होने पर मुआवजा दिया जाता है। नई दिल्ली से लखनऊ तक आईआरसीटीसी द्वारा संचालित तेजस में कई सुविधाएं दी गई हैं जो पहले भारतीय रेलवे द्वारा नहीं दी जाती थीं। निर्धारित समय से देरी से पहुंचने पर तेजस के यात्रियों को इसका मुआवजा दिया जाता है। लेकिन सर्दी के मौसम में कोहरे की वजह से ट्रेन के लेट होने पर यात्रियों को मुआवजा नहीं मिलेगा।
कोहरे के कारण ट्रेन लेट होने को एक्ट ऑफ गॉड माना जाना चाहिए- IRCTC
आईआरसीटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर एमपी मॉल के मुताबिक, 'कोहरे के कारण ट्रेन लेट होने को एक्ट ऑफ गॉड माना जाना चाहिए। बीमा सिस्टम में भी इसका जिक्र किया गया है। हम इसपर विचार करेंगे। हम मुआवजे की अवधि 2-3 घंटे तक बढ़ा सकते हैं। इस मुद्दे पर विचार करने की जरूरत है।' हालांकि, इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। वहीं, कुछ अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दैवीय आपदा की वजह से ट्रेन लेट होने पर यात्रियों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा, कोहरे को दैवीय आपदा में शामिल किया गया है।
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तेजस एक्सप्रेस के लेट पर मुआवजा दिया जाता है
लखनऊ से नई दिल्ली जाने वाली तेजस एक्सप्रेस पिछले दिनों तीन घंटे देरी से लखनऊ पहुंची थी। कृषक एक्सप्रेस के दो डिब्बे लखनऊ में पटरी से उतर गए थे, जिसकी वजह से शुक्रवार की सुबह तक इस रूट पर कई ट्रेनों का संचालन रुक गया। दरअसल, कहा गया था कि तेजस ट्रेन के विलंब होने पर यात्रा कर रहे यात्रियों को मुआवजा दिया जाएगा। इसलिए, ट्रेन के देरी से पहुंचने की वजह से यात्रियों को वादे के अनुसार आईआरसीटीसी ने बीमा कंपनी से यात्रियों को 250-300 रुपए का मुआवजा दिलवाने को कहा था।
देश की पहली प्राइवेट ट्रेन है तेजस एक्सप्रेस
तेजस देश की पहली ऐसी ट्रेन है जिसका पूर्ण संचालन निजी हाथों में दिया गया है। तेजस का पूर्ण परिचालन और टिकटिंग नियंत्रण आईआरसीटीसी के पास है। रेल संख्या 82501/82502 नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से लखनऊ के बीच हफ्ते में छह दिन चलती है। रेल संख्या 82501 लखनऊ के दिल्ली की यात्रा 6 घंटे 15 मिनट में पूरी करती है। वहीं, रेल संख्या 82502 नई दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस 6 घंटे 30 मिनट का समय लेती है।