बैन के बाद अब भूल जाइए प्लास्टिक की बोतल, ट्रेन में ऐसे मिलेगा आपको पीने का पानी
नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर सरकार ने लोगों से अपील की थी कि वह सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें। हालांकि, सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन नहीं लगाया है। इस सिलसिले में भारतीय रेल में केटरिंग की सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनी आईआरसीटीसी (IRCTC) ने भी एक बड़ा कदम उठाया है। आईआरसीटीसी ट्रेनों में 'रेल नीर' ब्रांड के तहत पानी बेचता है। आईआरसीटीसी अब रेल नीर की पैकेजिंग बायोडिग्रेडेबल मैटेरियल से करेगा। लखनऊ से दिल्ली के बीच चल रही देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस में बायोडिग्रेडेबल बोतलें दी जा रही हैं। जनवरी से सभी एक्सप्रेस ट्रेनों और जंक्शन स्टेशनों पर ऐसी बोतलों में पानी देने की तैयारी है। भविष्य में उपलब्धता के आधार पर स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
सप्लाई पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर लखनऊ-नई दिल्ली-लखनऊ रूट पर शुरू
आईआरसीटीसी ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी है. ट्वीट में लिखा गया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक से निपटने के उद्देश से रेल नीर की बायोडिग्रेडेबेल पैकेजिंग को सफलतापूर्वक टेस्ट कर लिया गया है। इसकी सप्लाई पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर लखनऊ-नई दिल्ली-लखनऊ रूट पर शुरू कर दी गई है।
लगेंगे चार नए प्लांट
देशभर में रेलवे के रेलनीर के 10 प्लांट हैं। जिनकी क्षमता 10.9 लाख लीटर प्रतिदिन है। रेलनीर के चार नए प्लांट 2021 लगाने की तैयारी की है। आईआरसीटीसी के इस प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। आईआरसीटीसी, मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव के बताया कि तेजस एक्सप्रेस में यात्रियों को बायोडिग्रेडेबल मैटेरियल से तैयार पानी की बोतलें दी जा रही हैं। अभी मुंबई प्लांट से बोतलों की सप्लाई है। जल्द ही अन्य प्लांट से भी बोतलों की सप्लाई शुरू हो जाएगी। दो से तीन महीने में अन्य ट्रेनों व स्टेशनों पर भी बायोडिग्रेडेबल पानी की बोतलें उपलब्ध कराई जाएंगी।
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बायो डिग्रेडेबल बॉटल में क्या है खास
- फर्स्ट टाइम यूज के बाद खुद ही ब्रस्ट कर जाती है बॉटल
- ब्रस्ट न होने की कंडीशन में दोबारा फिलिंग करने पर फट जाएगी बॉटल
- प्लास्टिक के साथ कुछ और सामान का है मिक्सचर
- कहीं फेक देने पर भी हो जाएगी ऑटोमेटिक डिग्रेड
- नुकसान से बच जाएगा एनवायर्नमेंट