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तेजप्रताप की डोसा पॉलिटिक्स का राज, क्या लालू फैमिली में है अब- ऑल इज वेल

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डोसा पॉलिटिक्स का राज, क्या लालू फैमिली में है अब- ऑल इज वेल

पटना। दक्षिण भारतीय व्यंजन 'डोसा’ बिहार में इतना लोकप्रिय है कि अब यह 'फीलगुड पॉलिटिक्स’ का प्रतीक बन गया है। राजनीति की उठापटक के बीच नेता डोसा खाते हैं और ये प्रदर्शित करते हैं कि सब कुछ ठीक है। डोसा के सियासी डगर पर चलना हर दल के नेताओं को भाता है। ताजा मिसाल तेजप्रताप और तेजस्वी यादव की है। अब दोनों भाइयों में मेल है यह दिखाने के लिए तेजप्रताप और तेजस्वी ने विधानसभा की कैंटीन में डोसा खाया। तेज प्रताप तो एक कदम आगे निकले। उन्होंने तेजस्वी को अपने हाथ से डोसा का निवाला खिलाया। इसके पहले नीतीश कुमार राजनीति के तनावों से उबरने के लिए अक्सर डोसा खाने पटना के एक खास होटल में जाते रहे हैं। इतना ही नहीं जब राहुल गांधी एक मुकदमे में पेशी के लिए पटना आये तो कानूनी चक्कर के बाद उसी होटल में डोसा खाने पहुंच गये जो नीतीश कुमार फेवरिट है।

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Bihar Vidhan Sabha Canteen में Tej Pratap ने Tejashwi को अपने हाथों से खिलाया डोसा | वनइंडिया हिंदी
तेजप्रताप की डोसा पॉलिटिक्स

तेजप्रताप की डोसा पॉलिटिक्स

तेजप्रताप यादव की तेजस्वी यादव से अनबन राजद की एक बड़ी समस्या रही है। लेकिन अब तेजप्रताप सुलह के मूड में आ गये हैं। 2020 चूंकि चुनावी साल है इसलिए तेजप्रताप जी जान से अपने छोटे भाई की तरफदारी में जुट गये हैं। डोसा तो बहाना था, दरअसल तेजप्रताप को कुछ और दिखाना था। असेम्बली सेशन के दौरान दोनों भाई शायद ही कभी विधानसभा की कैंटीन एक साथ गये हों। लेकिन 28 फरवरी को जैसे ही विधानसभा में भोजनावकाश हुआ तेजप्रताप, तेजस्वी के साथ अचानक कैंटीन पहुंच गये। डोसा का ऑर्डर हुआ। जब वेटर ने डोसा सर्व किया तो दोनों भाइयों ने बड़े चाव से खाना शुरू किया। दोनों के साथ राजद के अन्य विधायक भी थे। तेजस्वी प्रेम दिखाने के लिए तेजप्रताप के पास माकूल मौका था। उन्होंने डोसा का एक निवाला उठाया और अपने हाथों से तेजस्वी को खिलाया। तेजस्वी का ध्यान चम्मच पर था तो तेजप्रताप कैमरे की तरफ देख रहे थे। ये खास तस्वीर थी। इसके जरिये तेजप्रताप ने यह संदेश दिया कि अब दोनों भाई साथ-साथ हैं। इसके पहले तेजप्रताप ने तेजस्वी के पक्ष में पोस्टर जारी किया था। जब तेजस्वी बेराजगारी हटाओ यात्र पर निकल रहे थे तब भी तेजप्रताप ने उनसे अपनी करीबी दिखायी थी। इस डोसा पॉलिटिक्स से राजद को भी राहत मिली है। अगर दोनों एक रहे तो विधानसभा चुनाव में पार्टी को लोकसभा चुनाव की तरह फजीहत नहीं झेलनी पड़ेगी।

नीतीश का डोसा प्रेम

नीतीश का डोसा प्रेम

2010 के जनवरी में नीतीश के खासमखास माने जाने वाले नेता ललन सिंह ( अभी मौजूदा सांसद) ने बगवात कर दी थी। वे उपेन्द्र कुशवाहा को फिर जदयू में लेने के खिलाफ थे। ललन सिंह उस समय जदयू प्रदेश अध्यक्ष थे। उन्होंने इस्तीफा की घोषणा कर दी थी। पार्टी के अन्य प्रमुख नेता प्रभुनाथ सिंह भी नीतीश के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। दस महीने बाद चुनाव होने थे और पार्टी में मजबूत नेता बगावत पर उतर आये थे। नीतीश बहुत परेशान थे। इस दरम्यान नीतीश के तीन पुराने मित्र मिले। ये सभी पटना के इंजीनियरिंग कॉलेज में एक साथ पढ़े थे। उस समय पटना के मोना सिनेमा हॉल में फिल्म थ्री इडियट्स चल रही थी। आमिर खान स्टारर इस फिल्म में इंजीनिरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले तीन दोस्तों की कहानी दिखायी गयी है। राजनीतिक तनाव से निजात के लिए नीतीश कुमार ने अपने दोस्तों के साथ इस फिल्म को देखने का फैसला किया। उन्होंने अपने चार दोस्तों के साथ फिल्म थ्री इडियट्स देखी। उन्होंने भी इंजीनियरिंग कॉलेज में बिताये अपने दिनों को याद किया। नीतीश सिनेमा ह़ॉल से निकले तो डोसा खाने के लिए बसंत विहार होटल पहुंच गये। नीतीश कुमार पहले भी यहां डोसा खाने आते रहे थे। डोसा खाने के बाद नीतीश ने पत्रकारों से फिल्म थ्री इडिएट का डायलॉग दुहराया था- ऑल इज वेल।

राहुल गांधी ने भी पटना में खाया था डोसा

राहुल गांधी ने भी पटना में खाया था डोसा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के समय एक बयान दिया था- सारे मोदी चोर क्यों हैं ? इस बयान के आधार पर बिहार के भाजपा नेता और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस किया था। इस केस के सिलसिले में राहुल गांधी को पटना सिविल कोर्ट में पेश होना था। वे पेशी के लिए जुलाई 2019 में पटना आये थे। कोर्ट में पेशी के बाद राहुल गांधी को जमानत मिल गयी। उन्हें राहत तो मिली लेकिन कोर्ट-कचहरी के चक्कर में वे थक गये थे। तब लंच के लिए राहुल और कांग्रेस के नेता उसी बसंत विहार होटल में पहुंचे जो कि नीतीश कुमार का फेवरिट है। राहुल गांधी के साथ शक्ति सिंह गोहिल समेत कांग्रेस के करीब दस और नेता थे। कांग्रेस के नेता आगे निकल गये थे। राहुल गांधी की कार पीछे रह गयी थी। वे कार से उतरे और पैदल ही होटल तक पहुंच गये थे। बाद में पीछे से कांग्रेस के अन्य नेता वहां पहुंचे थे। राहुल गांधी ने अपनी तरफ से सभी को डोसा खिलाया। उन्होंने खुद अपनी जेब से पैसा निकाल कर बिल पेमेंट किया था। यानी पटना में राहुल गांधी ने भी डोसा खा कर राहत की सांस ली थी।

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English summary
Tejapratap Yadav's secret of Dosa Politics, is all well in the Lalu family?
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