'हनीमून किडनैपिंग' की शिकार हो रही हैं लड़कियां
पटना। बिहार में लड़कियों के गायब होने की बढ़ती घटना पुलिस महकमे के लिए चिंता बनती जा रही है। दरअसल हो यह रहा है कि पहले लड़की घर से गायब होती है। फिर परिजन उसके किडनैप का मुकदमा दर्ज करवाते हैं, और जब लड़की बरामद होती है तो मामला मर्जी से जाने (प्रेम प्रसंग का मामला) या फिर शादी कर लेने का निकल जाता है। पुलिसिया भाषा में इसे 'हनीमून किडनैपिंग' कहा जा रहा है। बिहार पुलिस के आंकड़ों की मानें तो हर साल शादी को लेकर अपहरण के केस में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। जबकि, प्रेम-प्रसंग में घर से भागने के मामले में 25 फीसदी तक बढ़ोतरी हो रही है। चौंकाने वाली बात ये है कि प्रेम प्रसंग के लगभग अधिकतर मामलों में लड़के-लड़की बिहार के बाहर ही बरामद किए जा रहे हैं। लगभग सभी मामलों में शारीरिक संबंध बनाए जाने की बात सामने आती है। मेडिकल रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि भी होती है। आइए इस पूरे मामले पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
पहले जान लीजिए क्या कहते हैं आंकड़े
प्रेम प्रसंग में लड़के-लड़कियों के भागने के मामलों में लगतार बढ़ोतरी हो रही है। साल 2014 की बात करें तो पूरे बिहार में किडनैपिंग के 2526 मामले सामने आए। वहीं साल 2015 में इस तरह के 3 हजार मामले (474 ज्यादा) दर्ज किए गए। हालांकि साल 2016 में इसतरह के मामलों में सिर्फ 70 ही बढ़ोत्तरी हुई। चिंता करने वाली बात साल 2017 में है। अभी पूरा साल भी खत्म नहीं हुआ है और 2494 मामले (अगस्त माह तक) सामने आ चुके हैं।
ज्यादातर 15 से 20 साल की लड़कियां
पुलिस के पास जो मामले दर्ज कराए जाते हैं उसमें अधिकांश 15 से 20 साल की लड़कियां होती हैं। एक अनुमान के तहत 70 फीसदी संख्या इसी उम्र की लड़कियों की होती है।हालांकि इसके पीछे एक कारण यह भी है कि परिजन लड़की को नाबालिग बताने की कोशिश करते हैं ताकि केस मजबूत हो सके। 30 फीसदी लड़कियों की उम्र 20 से 30 साल के आसपास होती है। 30 से अधिक उम्र की लड़कियों के भागने की खबर कभी-कभी ही आती है।
शादी के सीजन में होती है 'हनीमून किडनैपिंग'
शादी के लिए किडनैपिंग के मामले हो या फिर प्रेम-प्रसंग में लड़की के भागने का मामला हो, ऐसे सबसे ज्यादा मामले मार्च, अप्रैल, मई व जून में आते हैं। इस साल जनवरी से अगस्त माह तक शादी के लिए किडनैपिंग के लिए 2494 मामले आये और इन चार माह में 1437 केस दर्ज हुए। एक तरह से इन चार माह में 60 फीसदी से अधिक मामले दर्ज हुए। इसी प्रकार प्रेम-प्रसंग में लड़की के भागने के 1698 मामले आये। जबकि, इन चार माह में 927 मामले दर्ज हुए। एक तरह से 60 फीसदी मामले इन चार माह में ही दर्ज हो गये। इन महीनों में घर से भागने के लिए मौसम ठीक रहता है। गर्मी रहती है, लेकिन कहीं भी जाने में ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
स्मार्टफोन लड़कियों को बना रहा है समय से पहले जवान
मौजूदा समय में स्मार्टफोन इंसान के लिए सबसे उपयोगी चीज बन गया है। आलम यह है कि स्मार्ट फोन के बिना जीना असंभव सा लगने लगा है। लेकिन हाल में इसके इस्तेमाल को लेकर जो शोध सामने आया है वह चौंकाने वाला है। जी हां स्मार्टफोन आपका बचपना छीन रहा है। सीधे शब्दों में कहें तो स्मार्टफोन समय से पहले बालिग बना रहा है। पूर्व में बालिग होने की उम्र 20 से 25 साल होती थी। आज 15 साल की लड़कियां भी हर चीज को समझ रही हैं। स्मार्ट फोन पर हर चीज उपलब्ध है जिसे देख कर युवा भ्रमित हो रहे है। स्मार्ट फोन का उपयोग करने के बजाय दुरुपयोग करते हैं और इसके लिये माता-पिता भी कम जिम्मेवार नहीं है।