भइया, तो इस वर्ल्ड कप में छाएंगे यूपी के क्रिकेटर
नई दिल्ली (ब्यूरो)। एक दौर में भारतीय क्रिकेट टीम में मुंबई,दिल्ली या कर्नाटक के खिलाड़ियों की भरमार रहती थी। पर अब वक्त बदला है। इसकी मिसाल है इस साल होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में उत्तर प्रदेश के चार खिलाड़ियों का होना। इस टीम इंडिया में मुरादनगर के सुरेश रैना, मेरठ के भुवनेश्वर कुमार, अमरोहा के मोहम्मद शमी और देवरिया से ताल्लुक रखने वाले गेंदबाज उमेश यादव हैं।
आपको याद होगा कि साल 2003 के विश्वकप में उत्तर प्रदेश के मोहम्मद कैफ ने भाग लिया था। इसके बाद 2011 में सुरेश रैना और फिरकी गेंदबाज पीयूष चावला ने विश्व कप में अपना जलवा बिखेरा था।
क्रिकेट हुआ अखिल भारतीय
वरिष्ठ खेल पत्रकार भुवेन्द्र त्यागी मानते हैं कि क्रिकेट अब अखिल भारतीय खेल हो चुका है। यह अब बड़े शहरों से निकलकर छोटे शहरों और कस्बों तक पहुंच गया है। इसलिए अगर उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों के लड़के भी टीम इंडिया में आ रहे हैं तो इस पर हैरान नहीं होना चाहिए।
क्रिकेट में उत्तर प्रदेश का जलवा
कहने की जरूरत नहीं है कि यह पहला मौका है जब विश्व कप खेलने वाली भारतीय टीम में उत्तर प्रदेश के इतने ज्यादा खिलाड़ियों ने जगह बनाई है।
सुरेश रैना हैं तो गाजियाबाद के मुरादनगर के लेकिन उनकी कर्मस्थली लखनऊ ही रही है। उन्होंने स्पोर्ट्स कॉलेज में क्रिकेट की एबीसीडी सीखी और स्पोर्ट्स हॉस्टल में रहकर अपने को निखारा। भुवनेश्वर कुमार शानदार मध्यम गति के तेज गेंदबाज हैं। वह मेरठ के रहने वाले हैं। मोहम्मद शमी अमरोहा से ताल्लुक रखते हैं लेकिन वह बंगाल की तरफ से खेल रहे हैं। टीम में उमेश यादव भी हैं। वे देवरिया से संबंध रखते हैं।
जानकारों ने कहा कि एक दौर में उत्तर प्रदेश की क्रिकेट का मतलब मोहन नगर से होता था। तब उत्तर प्रदेश की रणजी ट्राफी टीम में ज्यादातर खिलाड़ी वे होते थे,जो मोहन मीकिंस में काम कर रहे होते थे। पर अब सारे प्रदेश में क्रिकेट खेली जा रही है। सब जगह सुविधाएं उपलब्ध हैं।