Teachers Day: लड़कियों की शिक्षा के लिए काम करने वाले हेडमास्टर को मिली पीएम की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों से मुलाकात की। इसमें हरियाणा के एक शिक्षक भी हैं जिन्होंने मेवात जिले में लड़कियों की शिक्षा के लिए खूब काम किया है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों से मुलाकात की। इसमें हरियाणा के एक शिक्षक भी हैं जिन्होंने मेवात जिले में लड़कियों की शिक्षा के लिए खूब काम किया है। ये इनकी मेहनत का ही नतीजा है कि सबसे पिछड़े जिलों में से एक मेवात में लड़कियों की स्कूल छोड़ने की दर कम हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षक बसरुद्दीन खान की तारीफ करते हुए उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार जीतने के लिए बधाई दी है।
हरियाणा जिले के मेवात में हेडमास्टर बसरुद्दीन खान ने बच्चों की शिक्षा के लिए प्रशंसनीय काम किया है। इस काम के लिए उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना गया। उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी ने हेडमास्टर बसरुद्दीन खान की तारीफ करते हुए ट्विटर पर लिखा, 'हरियाणा के श्री बसुद्दीन खान, एक हेडमास्टर हैं जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने स्कूल के बाहर बच्चों की पहचान और नामांकन के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए उन्हें बधाई।'
पिछड़े इलाके मेवात में 54 वर्षीय हेडमास्टर बसरुद्दीन खान ने लड़कियों के स्कूल छोड़ने के दर को काफी कम किया है। साइंस और मैथ्स के शिक्षक खान ने मुस्लिम बहुमत वाले जिले में टीकाकरण के नाजुक मुद्दे पर जागरूकता फैलाई और बच्चों को स्कूल तक लाने में भी प्रशंसनीय काम किया। उन्होंने एनजीओ उड़ान की सहायता से लड़कियों के स्कूल छड़ोने की दर को भी कम किया।
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Shri Basruddin Khan from Haryana, is a Headmaster who has played a key role in promoting the education of girls. He has also made a significant contribution towards identification and enrolment of out-of-school children. Congratulations to him for the National Award for Teachers. pic.twitter.com/Y18toZY3S1
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2018
कम से कम तीन गांवों में जहां खान ने काम किया वहां छात्रों के बीच उपस्थिति में वृद्धि हुई है। जब उन्होंने 1993 में झारपुरी गांव में अपना करियर शुरू किया तब वहां छठीं से आठवीं कक्षा में केवल 20 छात्र थे। उन्होंने वहां दो साल खूब काम किया और छात्रों की संख्या 57 लेकर गए। सिरोली गांव में सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर स्कूल में उन्होंने 18 साल तक पढ़ाया। यहां इन 18 सालों में उन्होंने छात्रों की संख्या को 96 से रिकॉर्ड 638 तकक लेकर गए। इस स्कूल में कई सालों तक छात्रों का पासिंग रिकॉर्ड 100 फीसदी रहा है।
टप्पन में सरकारी मिडिल स्कूल में खान पांच साल से पढ़ा रहे हैं। यहां उन्होंने स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए लगभग 1.7 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए विभिन्न एजेंसियों और एनजीओ को राजी किया है। उनका मंत्र एकदम सरल है, 'आपको बच्चों को शामिल करना होगा। साइंस और मैथ्स में खेलने के लिए बहुत कुछ है। जब भी कुछ व्यावहारिक रूप से पढ़ाया जाता है, बच्चे तेजी से सीखते हैं और इसके बारे में अधिक उत्सुक होते हैं।'
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