Teachers Day 2020: इस साल CBSE अवॉर्ड के लिए चुने गए दिल्ली के 12 शिक्षक
नई दिल्ली। किसी भी सफल इंसान की सफलता में कहीं ना कहीं उसके शिक्षक के कड़े प्रयास भी शामिल होते हैं। शिक्षक कम संसाधनों में भी छात्रों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने की हर संभव कोशिश करते हैं, ताकि संबंधित विषय को छात्र सरलता से समझ सकें। इस साल सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने राजधानी दिल्ली से भी 12 शिक्षकों का चयन सीबीएसई अवॉर्ड के लिए किया है। इनमें तीन शिक्षक सरकारी स्कूल से और एक शिक्षक उत्तरी एमसीडी स्कूल से हैं। बलवान सिंह नामक शिक्षक बंक्नेर के नॉर्थ एमसीडी स्कूल में पढ़ाते हैं।
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बलवान सिंह की सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि उन्होंने कम संसाधनों में भी अपने स्कूल में स्मार्ट क्लासरूम बनाए हैं। वह कहते हैं, 'मेरा बेटा निजी स्कूल में पढ़ता है और वहां स्मार्ट क्लासरूम देखने पर मुझे महसूस हुआ कि मेरे छात्रों के पास भी ये होना चाहिए। मैंने प्रिंसिपल और अन्य वरिष्ठ शिक्षकों की मदद से 5 हजार रुपये एकत्रित किए। साथ ही चांदनी चॉक में ज्वेलरी बिजनेस से बड़ी डोनेशन एकत्रित की। परिचितों ने प्रोजेक्टर और व्हाइटबोर्ड के इंस्टॉलेशन कार्य को मुफ्त में करने की बात कही और हम 2017 में सिस्टम इंस्टॉल करने में कामियाब रहे। जो अब कॉमन क्लासरूम के तौर पर इस्तेमाल हो रहा है। जिससे छात्रों की गणित जैसे विषयों के प्रति रुचि भी बढ़ी है।'
सरकारी स्कूल के शिक्षकों की बात करें तो इनमें आरती कानुंगो का नाम शामिल है। जो शकरपुर स्थित लड़कियों के विद्यालय में अंग्रेजी पढ़ाती हैं और कई वर्षों से मासिक धर्म स्वास्थ्य पर जागरुरता भी फैला रही हैं। वह कहती हैं, 'ये सब मेरे छात्रों से संवाद के साथ शुरू हुआ लेकिन बाद में मुझे महसूस हुआ कि इसका दायरा समुदाय तक होना चाहिए। अपने छात्रों के जरिए मैं आसपास रहने वाले लोगों से संपर्क करने में सक्षम हुई और पुरुष और महिलाओं दोनों से बात की।'
अवॉर्ड पाने वाली एक अन्य शिक्षक सीमा पांडे हैं। जो एक कलाकार हैं और रामजस स्कूल पूसा रोज में आर्ट सिखाती हैं। साथ ही आर्ट को अन्य विषयों के साथ एकीकृत करने की कोशिश करती हैं। सीमा पांडे कहती हैं, 'मैं मुख्यधारा के विषय वाले शिक्षकों से बात करती हूं और सोचती हूं कि क्या एक्टिविटी की जा सकती है। छात्रों के कॉन्केव और कॉनवेक्स मिरर सीखने से पहले, हम एक एक्टिविटी कराते हैं, जिसमें छात्र चम्मच से कॉन्केव और कॉनवेक्स चित्र बनाते हैं। मुझे नहीं लगता कि वे कभी इस विषय को भूलेंगे। जब वे राष्ट्रवादी आंदोलन के बारे में सीखते हैं तो मैं उन्हें बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट से परिचित कराती हूं।'
एक अन्य स्कूल जहां आर्ट पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग है, डीएवी पब्लिक स्कूल, पुष्पांजलि एन्क्लेव। यहां प्रिंसिपल रश्मि बिसवाल को अवॉर्ड के लिए चुना गया है। वह कहती हैं, 'हमारा ध्यान छात्रों के बीच संचार विकसित करने पर होता है, जो उन्हें निर्भीक होना सिखाता है। नृत्य और नाट्यशास्त्र इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारे विद्यालय में दोनों एक्टिविटी होती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात, मेरा मानना है कि एक प्रसन्न शिक्षक ही एक खुशहाल कक्षा बनाता है।'